शासन व्यवस्था
भारतीय गुणवत्ता परिषद (QCI)
- 07 Oct 2022
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प्रिलिम्स के लिये:भारतीय गुणवत्ता परिषद (QCI), एसोचैम/ASSOCHAM, भारतीय उद्योग परिसंघ (CII), FICCI मेन्स के लिये:भारतीय गुणवत्ता परिषद (QCI) और उसका योगदान |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारतीय गुणवत्ता परिषद (QCI) ने अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूरे किये हैं।
- QCI ने भारत के गुणवत्ता केंद्रों की ऐतिहासिक उपलब्धियों के बारे में जागरूक करने और सभी नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने की पहल के बारे में लोगों को सूचित करने के लिये एक अभियान 'गुणवत्ता से आत्मनिर्भरता’ शुरू किया है।
भारतीय गुणवत्ता परिषद (QCI):
- इतिहास:
- भारतीय गुणवत्ता परिषद (QCI) को वर्ष 1996 में प्रत्यायन के लिये एक राष्ट्रीय निकाय के रूप में स्थापित किया गया था।
- तद्नुसार, QCI की स्थापना PPP मॉडल के माध्यम से स्वतंत्र स्वायत्त संगठन के रूप में भारत सरकार और तीन प्रमुख उद्योग संघों द्वारा प्रतिनिधित्व भारतीय उद्योग के समर्थन से की गई थी।
- एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (ASSOCHAM)
- भारतीय उद्योग परिसंघ (CII)
- फिक्की (FICCI)
- परिचय:
- QCI वर्ष 1860 के सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम XXI के तहत पंजीकृत एक गैर-लाभकारी संगठन है।
- QCI के संचालन हेतु नोडल एजेंसी वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग है।
- संरचना:
- यह सरकार, उद्योग और उपभोक्ताओं के समान प्रतिनिधित्व के साथ 38 सदस्यों की एक परिषद द्वारा शासित है।
- QCI के अध्यक्ष की नियुक्ति उद्योग जगत की ओर से की गई सिफारिश के आधार पर प्रधानमंत्री द्वारा की जाती है।
- उद्देश्य:
- उत्पादों, सेवाओं और प्रक्रियाओं के स्वतंत्र तृतीय-पक्ष मूल्यांकन के लिये एक तंत्र स्थापित करना।
- यह शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, पर्यावरण संरक्षण, शासन, सामाजिक क्षेत्रों, बुनियादी ढाँचा क्षेत्र और संगठित गतिविधियों के ऐसे अन्य क्षेत्रों सहित गतिविधियों के सभी महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में गुणवत्ता मानकों के प्रचार, अपनाने और पालन करने में राष्ट्रीय स्तर पर महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो भारत के नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता एवं देखभाल में सुधार हेतु आवश्यक है।
भारतीय गुणवत्ता परिषद का महत्त्व:
- कोल इको-सिस्टम में परिवर्तन:
- QCI ने कोल इको-सिस्टम में गुणवत्ता संबंधी जागरूकता का प्रसार किया, QCI की इस पहल में राष्ट्रीय सेवा की भावना है, क्योंकि इसने कोयला उद्योग की गुणवत्ता को समझने के तरीके को बदल दिया है।
- QCI द्वारा कोयले के तीसरे पक्ष के रुप में नमूने लेने जैसी पहल शुरू करने के बाद इस क्षेत्र की गुणवत्ता में परिवर्तनकारी सुधार हुआ।
- FCI के साथ सहयोग:
- भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) की गुणवत्ता प्रतिबद्धता के परिणामस्वरूप उन उपभोक्ताओं को बेहतर गुणवत्ता वाले खाद्यान्नों तक पहुँच प्राप्त हुई हैं, जो अधिकतर सुविधा से वंचित हैं।
- इन खाद्यान्नों के वितरण की प्रक्रिया अब बायोमेट्रिक्स का उपयोग करके पूरी तरह से प्रौद्योगिकी-समर्थित है। वन नेशन वन राशन कार्ड (ONORC) के तहत लाभार्थी देश में कहीं से भी अपनी खाद्य सामग्री ले सकते हैं।
- वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP) पहल:
- भारत और विदेशों में बाज़ाार खोजने के लिये दूरदराज़ के क्षेत्रों के उत्पादों को प्रोत्साहित करने के लिये वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP) पहल में क्यूसीआई द्वारा महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई गई।
- QCI ने जीआई टैगिंग पहल और स्वच्छ सर्वेक्षण को पूरा करने में भी महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है।
- अन्य:
- QCI की कुछ प्रमुख उपलब्धियाँ:
- स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय की संख्या का आकलन
- गाँवों में गुणवत्तापूर्ण बिजली की डिलीवरी
- प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घरों का निर्माण
- उज्ज्वला योजना के तहत गैस सिलेंडर की डिलीवरी
- QCI की कुछ प्रमुख उपलब्धियाँ:
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न (पीवाईक्यू)प्रश्न. भारतीय गुणवत्ता परिषद के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:(2017)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (c) |