भारतीय अर्थव्यवस्था
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे: यूपी
- 17 Nov 2021
- 6 min read
प्रिलिम्स के लिये:औद्योगिक गलियारा, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, युमना एक्सप्रेस वे, नॉएडा एक्सप्रेस वे मेन्स के लिये:औद्योगिक गलियारों का महत्त्व |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में प्रधानमंत्री द्वारा उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे (Purvanchal Expressway) का उद्घाटन किया गया।
प्रमुख बिंदु
- पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के बारे में:
- यह लखनऊ ज़िले में मौजूदा लखनऊ-सुल्तानपुर रोड (एनएच-731) के पास स्थित चांदसराय गांँव से शुरू होता है तथा गाजीपुर ज़िले में यूपी-बिहार सीमा से 18 किमी. दूर राष्ट्रीय राजमार्ग 31 पर हैदरिया गांँव में समाप्त होता है।
- यह एक्सप्रेसवे एक औद्योगिक गलियारा बनाते हुए मौजूदा आगरा-लखनऊ और आगरा-नोएडा यमुना एक्सप्रेसवे से जुड़ जाएगा, जो यूपी की पूर्वी से पश्चिमी सीमाओं तक कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।
- औद्योगिक गलियारा मूल रूप से एक गलियारा/रास्ता होता है जिसमें मल्टी -मोडल ट्रांसपोर्ट सेवाएंँ (Multi-Modal Transport Services) शामिल होती हैं जो राज्यों से मुख्य मार्गों के रूप में गुज़रती हैं।
- इस ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे पर पड़ने वाले ज़िले लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या, अंबेडकर नगर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर हैं।
- एक्सप्रेसवे की विशेषताएंँ:
- इस एक्सप्रेसवे पर वाहनों के लिये सीएनजी स्टेशन, इलेक्ट्रिक रिचार्ज स्टेशन होंगे और इसे आगरा तथा बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे द्वारा डिफेंस कॉरिडोर से जोड़ा जाएगा।
- अपेक्षित लाभ:
- राज्य का पूर्वी क्षेत्र न केवल लखनऊ से बल्कि राष्ट्रीय राजधानी से भी आगरा-लखनऊ और यमुना एक्सप्रेसवे के माध्यम से जुड़ जाएगा।
- यह उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्सों के आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा।
- यह एक्सप्रेसवे निर्मित कृषि वस्तुओं और अन्य उत्पादों के लिये बड़े बाज़ारों तक बेहतर और त्वरित पहुंँच प्रदान करेगा।
- उत्तर प्रदेश में एक्सप्रेसवे का नया नेटवर्क:
- उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के अलावा पहले से ही संचालित आगरा-लखनऊ और यमुना एक्सप्रेसवे, कम-से-कम तीन और एक्सप्रेसवे, प्रस्तावित रक्षा गलियारे पूरा होने के विभिन्न चरणों में हैं।
- इन परियोजनाओं को पूरा करने की ज़िम्मेदारी उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (Uttar Pradesh Expressways Industrial Development Authority- UPEIDA) को दी गई है।
- UPEIDA की स्थापना यूपी औद्योगिक क्षेत्र विकास अधिनियम के तहत की गई है।
औद्योगिक गलियारा:
- औद्योगिक गलियारों के बारे में:
- भारत राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा कार्यक्रम के हिस्से के रूप में विभिन्न औद्योगिक कॉरिडोर परियोजनाओं का विकास कर रहा है।
- राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम भारत का सबसे महत्त्वाकांक्षी बुनियादी ढांँचा कार्यक्रम है जिसका लक्ष्य नए औद्योगिक शहरों को ‘स्मार्ट सिटी’ के रूप में विकसित करना और अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकियों को बुनियादी ढांँचा क्षेत्रों में परिवर्तित करना है।
- उद्देश्य:
- इसका उद्देश्य भारत में भविष्य के औद्योगिक शहरों का विकास करना है जो विश्व के सर्वश्रेष्ठ विनिर्माण और निवेश स्थलों के साथ प्रतिस्पर्द्धा कर सकें।
- इससे रोज़गार के अवसर उत्पन्न होंगे और समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
- क्रियान्वयन एजेंसी:
- इन ग्यारह औद्योगिक गलियारा परियोजनाओं (नीचे दिये गए चित्र में) के विकास को राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास और कार्यान्वयन ट्रस्ट (National Industrial Corridor Development and Implementation Trust- NICDIT) के माध्यम से लागू किया जाएगा
- औद्योगिक गलियारे विश्व स्तरीय बुनियादी ढांँचे का निर्माण करते हैं, जैसे:
- उच्च गति परिवहन नेटवर्क - रेल और सड़क।
- अत्याधुनिक कार्गो हैंडलिंग उपकरण वाले बंदरगाह।
- आधुनिक हवाई अड्डे।
- विशेष आर्थिक क्षेत्र/औद्योगिक क्षेत्र।
- लॉजिस्टिक पार्क/ट्रांसशिपमेंट हब।
- औद्योगिक ज़रूरतों को पूरा करने पर केंद्रित नॉलेज पार्क।
- टाउनशिप/रियल एस्टेट जैसे पूरक बुनियादी ढांँचे।
- नीतिगत ढांँचे को सक्षम करने के साथ-साथ अन्य शहरी आधारभूत संरचनाएंँ।