भूख से निपटने में पंजाब और केरल सबसे आगे | 11 Jun 2019
चर्चा में क्यों?
हाल ही में जारी नीति आयोग की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में कुछ राज्यों को छोड़कर लगभग सभी राज्यों में भुखमरी की स्थिति अत्यंत गंभीर है।
प्रमुख बिंदु
- संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक भुखमरी को समाप्त करने की समय-सीमा वर्ष 2030 निर्धारित की है जिसमें भारत एक बड़ी भूमिका में है क्योंकि यहाँ की एक बड़ी जनसंख्या भुखमरी से पीड़ित है।
- संयुक्त राष्ट्र के इसी लक्ष्य को पूरा करने के लिये भारत द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न प्रयास किये जा रहे हैं लेकिन अधिकांश राज्यों का प्रदर्शन आशानुरूप नहीं है।
- मात्र पाँच ऐसे राज्य हैं जो कि भूख की समस्या से निपटने के लिये सबसे अच्छा काम कर रहे हैं। ये पाँच राज्य हैं- पंजाब, केरल, गोवा, मिज़ोरम और नगालैंड।
- वहीं झारखंड, बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, मेघालय तथा राजस्थान में यह समस्या लगातार बनी हुई है।
- भूख की समस्या से निज़ात पाने में जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, तमिलनाडु और कर्नाटक समेत कई राज्यों का प्रदर्शन ठीक-ठाक है।
- भुखमरी खत्म करने में राज्य सरकारें विफल रही हैं, इस विफलता का एक प्रमुख कारण राज्यों और देश की आबादी को माना जा रहा है।
2030 तक का लक्ष्य
- संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित सतत् विकास लक्ष्य के अनुसार, वर्ष 2030 तक एनीमिया से पीड़ित गर्भवती महिलाओं की संख्या को कम करके 23.57% तक लाने का लक्ष्य रखा गया है, जबकि भारत इस लक्ष्य से काफी दूर है और 50.30 प्रतिशत तक ही पहुँच पाया है। झारखंड, बिहार, हरियाणा, त्रिपुरा और मेघालय ऐसे राज्य हैं जहाँ महिलाओं में एनीमिया की समस्या सर्वाधिक है।
राज्य |
महिलाओं में एनीमिया का प्रतिशत |
झारखंड |
62.6 |
बिहार |
58.3 |
हरियाणा |
55.0 |
त्रिपुरा |
54.4 |
मेघालय |
53.1 |
- पाँच साल तक के बच्चों के विकास के संदर्भ में संयुक्त राष्ट्र द्वारा 21.03 प्रतिशत का लक्ष्य निर्धारित किया गया है जबकि भारत अब तक महज़ 38.40 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त कर पाया है। बच्चों में स्टंटिंग (WHO मानकों के अनुसार उम्र की तुलना में लंबाई कम होना) की सर्वाधिक समस्या वाले राज्य इस प्रकार हैं-
राज्य |
बच्चों में स्टंटिंग का प्रतिशत |
बिहार |
48.3 |
उत्तर प्रदेश |
46.3 |
झारखंड |
45.3 |
मेघालय |
43.8 |
मध्य प्रदेश |
42.0 |
सार्वजनिक वितरण प्रणाली की प्रभावशीलता
- (सबसे ख़राब प्रदर्शन करने वाले 5 राज्य)
राज्य |
सार्वजनिक वितरण प्रणाली की प्रभावशीलता का प्रतिशत |
केरल |
0.74 |
आंध्र प्रदेश |
0.77 |
तमिलनाडु |
0.80 |
तेलंगाना |
0.81 |
बंगाल |
0.90 |
खाद्य उत्पादन में सबसे ख़राब प्रदर्शन करने वाले राज्य
राज्य |
धान, गेहूँ, मोटे अनाज आदि का प्रति हेक्टेयर वार्षिक उत्पादन (किग्रा. में) |
महाराष्ट्र |
1,069.6 |
छत्तीसगढ़ |
1469.2 |
मणिपुर |
1485.1 |
ओडिशा |
1485.2 |
सिक्किम |
1507.9 |
सतत विकास लक्ष्य -2 (शून्य भूख)
Sustainable Development Goal-2 (Zero Hunger)
- सतत विकास लक्ष्य 2 वर्ष 2030 तक भूख के सभी रूपों को समाप्त करने और खाद्य सुरक्षा प्राप्त करने के लिये स्थायी समाधान का प्रावधान करने से संबंधित है।
- इस उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर किसी के पास स्वस्थ जीवन जीने के लिये प्रत्येक व्यक्ति को पर्याप्त मात्रा में अच्छी गुणवत्ता वाला भोजन उपलब्ध हो।
- लक्ष्य-2 नीचे दिये गए अन्य लक्ष्यों से भी संबंधित है-
भुखमरी को कम करने के संदर्भ में भारत सरकार की पहल
- राष्ट्रीय पोषण रणनीति (National Nutrition Strategy) का उद्देश्य भारत में कुपोषण के मामलों में कमी लाना है। राष्ट्रीय पोषण मिशन बच्चों के विकास की निगरानी करने के साथ ही आंगनबाड़ी केंद्रों में प्रदान किये जाने वाले खाद्य राशनों की चोरी की भी जाँच करता है।
- 2017-18 में शुरू किये गए पोषण अभियान (POSHAN Abhiyaan) का उद्देश्य विभिन्न कार्यक्रमों के बीच तालमेल और अभिसरण के माध्यम से स्टंटिंग, कुपोषण, एनीमिया और जन्म के समय शिशुओं में कम वज़न की समस्या को कम करना, बेहतर निगरानी और बेहतर सामुदायिक सहयोग स्थापित करना है।
- अंत्योदय अन्न योजना (Antoydaya Anna Yojana-AAY) का उद्देश्य गरीब परिवारों को रियायती मूल्य पर भोजन उपलब्ध कराना है।
- एकीकृत बाल विकास योजना (Integrated Child Development Scheme-ICDS): 0-6 वर्ष की आयु, गर्भवती महिलाओं और किशोरियों में बच्चों पर ध्यान केंद्रित करके बचपन की व्यापक देखभाल और विकास की परिकल्पना करती है।
- मध्याह्न भोजन योजना (Mid-day Meal-MDM) का उद्देश्य स्कूली बच्चों के बीच पोषण स्तर में सुधार करना है जिसका स्कूलों में नामांकन, प्रतिधारण और उपस्थिति पर सीधा तथा सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
- प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना (Pradhan Mantri Matru Vandana Yojana-PMMVY) के तहत, गर्भवती महिलाओं के बैंक खातों में 6,000 रुपए सीधे हस्तांतरित किये जाते हैं ताकि वे प्रसव हेतु बेहतर सुविधाओं का लाभ उठा सकें।
- कृषि विस्तार और प्रौद्योगिकी पर राष्ट्रीय मिशन (National Mission on Agriculture Extension and Technology) किसानों के लिये उपयुक्त तकनीकों और उन्नत कृषि अभ्यासों के वितरण को सक्षम बनाता है।
- सतत कृषि पर राष्ट्रीय मिशन (National Mission on Sustainable Agriculture) एवं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (National Food Security Mission) का उद्देश्य कृषि उत्पादकता को बढ़ाना और प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना (Pradhan Mantri Krishi Sinchayee Yojana (PMKSY) का उद्देश्य जल-उपयोग दक्षता में सुधार करना है।
स्रोत: टाइम्स ऑफ इंडिया