अंतरिक्ष के मलबे से पृथ्वी की कक्षा की रक्षा | 13 Mar 2023
प्रिलिम्स के लिये:अंतरिक्ष में मलबा, बाह्य अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग पर संयुक्त राष्ट्र समिति, सुरक्षित और सतत् संचालन प्रबंधन के लिये प्रणाली। मेन्स के लियेप्रोजेक्ट NETRA, इंटर-एजेंसी स्पेस डेब्रिस को-ऑर्डिनेशन कमेटी (IADC), यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) का क्लीन स्पेस इनिशिएटिव। |
चर्चा में क्यों?
संयुक्त राष्ट्र द्वारा राष्ट्रीय सीमाओं से परे उच्च समुद्रों के संरक्षण और सतत् उपयोग के लिये एक संधि पर सहमत होने के बाद वैज्ञानिक अंतरिक्ष मलबे से पृथ्वी की कक्षा की रक्षा हेतु कानूनी रूप से बाध्यकारी समझौते की मांग कर रहे हैं।
- बाह्य अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग पर संयुक्त राष्ट्र समिति ने अंतरिक्ष मलबे को कम करने के लिये दिशा-निर्देश निर्धारित किये हैं, किंतु ऐसी कोई अंतर्राष्ट्रीय संधि नहीं है जो इसे कम करने का प्रयास करती है।
अंतरिक्ष मलबा:
- परिचय:
- अंतरिक्ष मलबा पृथ्वी की कक्षा में कृत्रिम वस्तुओं के संग्रह को संदर्भित करता है जो अनुपयोगी हो चुके हैं या अब उपयोग में नहीं हैं।
- इन वस्तुओं में गैर-कार्यात्मक अंतरिक्ष यान, परित्यक्त प्रक्षेपित वाहन, मिशन से संबंधित मलबा और विखंडित मलबा शामिल है।
- अंतरिक्ष मलबा पृथ्वी की कक्षा में कृत्रिम वस्तुओं के संग्रह को संदर्भित करता है जो अनुपयोगी हो चुके हैं या अब उपयोग में नहीं हैं।
- चिंताएँ:
- वर्ष 2030 तक पृथ्वी की परिक्रमा करने वाले उपग्रहों की संख्या 60,000 तक पहुँचने की संभावना है, जो वर्तमान में 9,000 से अधिक हैं और अप्रतिबंधित मलबे की मात्रा चिंता का कारण है।
- "अंतरिक्ष मलबे" के लगभग 27,000 टुकड़ों का पता नासा (NASA) द्वारा लगाया जा चुका है लेकिन पुराने उपग्रहों के 100 ट्रिलियन से अधिक अप्रतिबंधित किये गए टुकड़े ग्रह की परिक्रमा करते हैं।
- वर्तमान में कंपनियों को कक्षाओं को साफ करने या उपग्रहों में वि-कक्षीय परिक्रमा संबंधी कार्यों को शामिल करने के लिये प्रोत्साहित नहीं किया जाता है।
- वि-कक्षीय परिक्रमा का अर्थ अनुपयोगी उपग्रहों को वापस पृथ्वी पर लाना है।
- मौजूदा बाह्य अंतरिक्ष संधि हमेशा परिवर्तित भू-राजनीति, प्रौद्योगिकी और वाणिज्यिक लाभ से बाधित है।
- अंतरिक्ष मलबे पर अंकुश लगाने से संबंधित पहल:
- भारत:
- वर्ष 2022 में ISRO ने टकराव के खतरों वाली वस्तुओं की लगातार निगरानी करने, अंतरिक्ष मलबे के विकास की संभावनाओं का आकलन और अंतरिक्ष मलबे से उत्पन्न जोखिम को कम करने के लिये सिस्टम फॉर सेफ एंड सस्टेनेबल ऑपरेशंस मैनेजमेंट (IS 4 OM) की स्थापना की।
- 'नेत्रा (NETRA) परियोजना' भारतीय उपग्रहों को कचरे और अन्य खतरों का पता लगाने के लिये अंतरिक्ष में स्थापित एक प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली है।
- वैश्विक:
- अंतर-एजेंसी अंतरिक्ष मलबा समन्वय समिति (Inter-Agency Space Debris Coordination Committee- IADC)
- यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (European Space Agency- ESA) की स्वच्छ अंतरिक्ष पहल
- भारत:
अंतरिक्ष मलबे का निपटान:
- विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्त्व अंतरिक्ष संधि: पृथ्वी की कक्षा को अंतरिक्ष मलबे से बचाने हेतु कानूनी रूप से बाध्यकारी समझौता आवश्यक है।
- संधि को यह सुनिश्चित करना चाहिये कि निर्माता और उपयोगकर्त्ता अपने उपग्रहों और मलबे की ज़िम्मेदारी लें तथा देशों एवं कंपनियों को उनके कार्यों हेतु जवाबदेह बनाने के लिये ज़ुर्माने व अन्य प्रोत्साहनों के साथ सामूहिक अंतर्राष्ट्रीय कानून का पालन करें।
- प्रोत्साहन: पृथ्वी की कक्षा का उपयोग करने वाले देशों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक साथ काम करने के लिये सहमत होना चाहिये और अंतरिक्ष यान की परिक्रमा करने एवं कक्षाओं की सफाई करने वाली कंपनियों को पुरस्कृत किया जाना चाहिये।
- पुनर्प्रयोज्य लॉन्च वाहन: एकल-उपयोग वाले रॉकेट के बदले पुनर्प्रयोज्य लॉन्च वाहनों का उपयोग करने से लॉन्च के कारण उत्पन्न नए मलबे की संख्या को कम करने में मदद मिल सकती है