आंतरिक सुरक्षा
छोटे मत्स्यन जहाज़ों की निगरानी परियोजनाएँ
- 15 Nov 2022
- 6 min read
प्रिलिम्स के लिये:सी विजिल अभ्यास, भारत की तटीय प्रबंधन परियोजनाएँ मेन्स के लिये:तटीय सुरक्षा, तटीय रेखा को सुरक्षित करने के लिये भारत की परियोजनाएँ, सी विजिल अभ्यास |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में यह निष्कर्ष देखा गया है कि भारत के तट पर छोटे मत्स्यन जहाज़ों की निगरानी करने के लिये शुरू की गई परियोजनाएँ प्रभावशाली हैं।
- तटीय सुरक्षा का परीक्षण करने के लिये 15-16 नवंबर को 'पैन-इंडिया' तटीय रक्षा अभ्यास सी विजिल-22 का तीसरा संस्करण भी आयोजित किया जाना है।
छोटे मत्स्यन जहाज़ों की निगरानी परियोजनाएँ:
- स्वचालित पहचान प्रणाली:
- मुंबई में वर्ष 2008 के आतंकवादी हमलों के बाद 20 मीटर से ऊपर के सभी जहाज़ों के लिये स्वचालित पहचान प्रणाली (AIS) अनिवार्य कर दी गई थी।
- तटीय सुरक्षा से संबंधित मुद्दों को देखने के लिये स्थापित समुद्री और तटीय सुरक्षा को मज़बूत करने हेतु राष्ट्रीय समिति द्वारा निर्णय लिया गया था।
- हालाँकि, 20 मीटर से कम वाले जहाज़ों के लिये, कई कारणों से इस प्रक्रिया में देरी हुई है।
- व्हीकल मैनेजमेंट सिस्टम:
- व्हीकल मैनेजमेंट सिस्टम (VMS) में अत्याधुनिक विशेषताएँ हैं और यह दो-तरफा संचार को सक्षम बनाती है। वाणिज्यिक उत्पादन के लिये इस प्रौद्योगिकी को चार कंपनियों को सौंप दिया गया है।
- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के सहयोग से पिछले वर्ष गुजरात और तमिलनाडु के तटों पर उनके एक संचार उपग्रह पर परीक्षण किया गया था।
- ReALCraft:
- ऑनलाइन ReALCraft (मत्स्य पालन शिल्प का पंजीकरण और लाइसेंसिंग) के निर्माण से भारत में बड़ी संख्या में मछली पकड़ने वाले जहाज़ों के सत्यापन कार्य और निगरानी करने में काफी आसानी हुई है।
- बायोमेट्रिक पहचान पत्र:
- समुद्र में मछली पकड़ने वाले जहाज़ चालक दल की पहचान का बायोमेट्रिक सत्यापन करने के लिये अधिकांश मछुआरों को बायोमेट्रिक पहचान पत्र और समुद्री सुरक्षा एजेंसियों को समग्र कार्ड रीडर जारी किये गए हैं।
- इंडो-पैसिफिक मैरीटाइम डोमेन अवेयरनेस (IPMDA):
- गहन समुद्रों में मैरीटाइम डोमेन अवेयरनेस (MDA) के समग्र प्रयासों के हिस्से के रूप में, क्वाड समूह ने टोक्यो शिखर सम्मेलन 2022 में "डार्क शिपिंग" को ट्रैक करने और हिंद-प्रशांत में तीन महत्वपूर्ण क्षेत्रों - प्रशांत द्वीप समूह, दक्षिण पूर्व एशिया और हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में विभिन्न गतिविधियों की व्यापक और अधिक सटीक समुद्री निगरानी हेतु इंडो-पैसिफिक मैरीटाइम डोमेन अवेयरनेस (IPMDA) नामक महत्त्वाकांक्षी पहल की घोषणा की है।
अभ्यास सी विजिल (Sea Vigil):
- परिचय:
- इसका पहला संस्करण जनवरी 2019 में आयोजित किया गया था।
- इसे भारत का सबसे बड़ा तटीय रक्षा अभ्यास माना जाता है।
- भारतीय नौसेना द्वारा हर दो वर्ष में किया जाने वाला यह अभ्यास थिएटर लेवल रेडिनेस ऑपरेशनल एक्सरसाइज (TROPEX) की ओर एक कदम है।
- वर्ष 2022 का संस्करण :
- अभ्यास सी विजिल-22 भारत की मज़बूती और कमज़ोरियों का वास्तविक मूल्यांकन प्रदान करने के साथ समुद्री तथा राष्ट्रीय सुरक्षा को और मज़बूत करने में मदद करेगा।
- यह अभ्यास पूरे भारत में तटीय सुरक्षा तंत्र की सक्रियता पर प्रकाश डालेगा । इसे भारतीय नौसेना द्वारा तटरक्षक बल और समुद्री गतिविधियों से संलग्न अन्य मंत्रालयों के समन्वय से आयोजित किया जा रहा है।
- यह अभ्यास पूरे 7,516 किलोमीटर के समुद्र तट और भारत के अनन्य आर्थिक क्षेत्र के साथ किया जाएगा और इसमें मछली पकड़ने और तटीय समुदायों सहित अन्य समुद्री हितधारकों के साथ सभी तटीय राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों को शामिल किया जाएगा।
- महत्त्व:
- सी विजिल और TROPEX एक साथ समुद्री सुरक्षा चुनौतियों के पूरे स्पेक्ट्रम को कवर करेंगे, जिसमें शांति से संघर्ष तक संक्रमण शामिल है।
- यह समुद्री सुरक्षा और तटीय रक्षा के क्षेत्र में देश की तैयारियों का आकलन करने के लिये शीर्ष स्तर पर अवसर प्रदान करता है।