प्रोजेक्ट-15बी श्रेणी विध्वंसक युद्धपोत : विशाखापत्तनम | 03 Nov 2021
प्रिलिम्स के लिये:ब्रह्मोस, प्रोजेक्ट-15 बी, एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक ज़ोन मेन्स के लिये:भारत का विध्वंसक/डेस्ट्रॉयर निर्माण कार्यक्रम |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में प्रोजेक्ट-15बी के चार अत्याधुनिक स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक यानी 'Y12704 (विशाखापत्तनम)' का पहला युद्धपोत नौसेना को सौंप दिया गया।
- इस युद्धपोत का निर्माण स्वदेशी स्टील DMR 249A का उपयोग करके किया गया है और यह भारत में निर्मित सबसे बड़े विध्वंसकों में से एक है।
प्रमुख बिंदु
- भारत का विध्वंसक/डेस्ट्रॉयर निर्माण कार्यक्रम:
- भारत का स्वदेशी विध्वंसक निर्माण कार्यक्रम वर्ष 1990 के दशक के अंत में तीन दिल्ली श्रेणी (P-15 वर्ग) के युद्धपोतों के साथ शुरू हुआ और इसके बाद एक दशक बाद तीन कोलकाता श्रेणी (P-15A) विध्वंसक इसमें शामिल किये गए।
- वर्तमान में P-15B (विशाखापत्तनम श्रेणी) के तहत कुल चार युद्धपोतों (विशाखापत्तनम, मोरमुगाओ, इंफाल, सूरत) की योजना बनाई गई है।
- ईनकी पहुँच और क्षमता के मामले में विध्वंसक का क्रम केवल एक विमान वाहक (आईएनएस विक्रमादित्य) के बाद आता है।
- प्रोजेक्ट-15बी:
- मेसर्स मझगाँव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड, मुंबई में प्रोजेक्ट 15बी (P 15B) के चार गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर निर्माणाधीन हैं। इन चार जहाज़ों के निर्माण का अनुबंध वर्ष 2011 में हुआ था।
- ये जहाज़ अत्याधुनिक हथियार/सेंसर पैकेज, उन्नत स्टील्थ सुविधाओं और उच्च स्तर के स्वचालन के साथ दुनिया के अधिक तकनीकी रूप से विकसित स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर हैं।
- P-15B युद्धपोतों की विशेषताएँ:
- ये जहाज़ ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइलों और लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (SAM) से लैस हैं।
- जहाज़ में मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (SAM), स्वदेशी टारपीडो ट्यूब लॉन्चर, पनडुब्बी रोधी स्वदेशी रॉकेट लॉन्चर और 76 मिमी सुपर रैपिड गन माउंट जैसी कई स्वदेशी हथियार प्रणालियाँ हैं।
- ‘प्रोजेक्ट-15B’ के अन्य तीन पोत:
- ‘प्रोजेक्ट 15B’ का दूसरा जहाज़- ‘मुरगाँव’ को वर्ष 2016 में लॉन्च किया गया था और इसे बंदरगाह परीक्षणों के लिये तैयार किया जा रहा है।
- इसके तहत तीसरा जहाज़ (इंफाल) वर्ष 2019 में लॉन्च हुआ था और यह अपने निर्माण के एडवांस चरण में है।
- चौथा जहाज़ (सूरत) ब्लॉक इरेक्शन प्रक्रिया के तहत है और इसे मौजूदा वित्तीय वर्ष (2022) के भीतर लॉन्च किया जाएगा।
- ‘प्रोजेक्ट-15B’ की भूमिका:
- वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य में 2.01 मिलियन वर्ग किलोमीटर ‘विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र’ (EEZ) के साथ 7516 किलोमीटर लंबी तटरेखा और लगभग 1100 अपतटीय द्वीपों की सुरक्षा के लिये भारतीय नौसेना काफी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
- ‘P-15B’ श्रेणी जैसे विध्वंसक जहाज़ हिंद-प्रशांत के बड़े महासागरों में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, जिससे भारतीय नौसेना को एक महत्त्वपूर्ण शक्ति बनने में मदद मिलेगी।
- इसमें हवा, सतह या जल के नीचे मौजूद किसी भी प्रकार के खतरे से नौसेना के बेड़े की रक्षा के लिये गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर्स की भी तैनाती की गई है।
- अन्य हालिया परियोजनाएँ:
- प्रोजेक्ट-75 (I): इसमें अत्याधुनिक एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन सिस्टम से लैस पनडुब्बियों के स्वदेशी निर्माण की परिकल्पना की गई है, जिसकी अनुमानित लागत 43,000 करोड़ रुपए है।
- प्रोजेक्ट-75: यह भारतीय नौसेना का एक कार्यक्रम है जिसमें छह स्कॉर्पीन-क्लास अटैक पनडुब्बियों का निर्माण शामिल है। यह कार्यक्रम मझगाँव डॉक लिमिटेड (MDL) में फ्राँसीसी कंपनी ‘नेवल ग्रुप’ (जिसे पहले DCNS के नाम से जाना जाता था) से प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण के साथ शुरू किया गया है।