यातायात उल्लंघन प्रीमियम | 25 Jan 2021

चर्चा में क्यों?

भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (Insurance Regulatory and Development Authority of India- IRDAI) द्वारा यातायात प्रबंधन के लिये गठित एक कार्यसमूह ने ‘यातायात उल्लंघन प्रीमियम’ (Traffic Violation Premium) शुरू करने की सिफारिश की है।

  • इससे पहले सितंबर 2019 में, IRDAI ने मोटर इंश्योरेंस प्रीमियम को यातायात उल्लंघन के साथ संबद्ध करने वाली प्रणाली की स्थापना हेतु एक कार्यसमूह का गठन किया था।

प्रमुख बिंदु

प्रीमियम के विषय में: 

  • वाहन मालिकों को वाहन से जुड़े यातायात उल्लंघन के आधार पर बीमा प्रीमियम का भुगतान करना पड़ सकता है।
  • कार्यसमूह ने मोटर बीमा में इसके लिये एक पाँचवीं धारा ‘‘यातायात उल्लंघन प्रीमियम’’ को जोड़ने का सुझाव दिया गया है। इस प्रीमियम को मोटर के खुद के नुकसान, तीसरे पक्ष के मूल एवं अतिरिक्त बीमा और अनिवार्य व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा प्रीमियम के अलावा रखे जाने का सुझाव दिया गया है।
  • प्रीमियम की गणना: 
    • यातायात उल्लंघन के मामलों की गणना विभिन्न यातायात अपराधों की आवृत्ति और गंभीरता को आधार मानते हुए की जाती है।
    • यातायात उल्लंघन प्रीमियम की राशि ड्राइविंग आदतों पर निर्भर करेगी जिसका निर्धारण चालानों की संख्या तथा उनके प्रकार के आधार पर किया जाएगा।
    • यातायात उल्लंघन प्रीमियम वाहन के पंजीकृत मालिक (चाहे वह कोई व्यक्ति हो अथवा इकाई) द्वारा देय होगा।

Errant-Drivers

  • अंको (पॉइंट्स) की गणना: 
    • कार्यसमूह द्वारा उपलब्ध कराई गई अपराधों की तालिका के अनुसार, शराब पीकर गाड़ी चलाने पर 100 अंकों का ज़ुर्माना लगेगा, जबकि गलत पार्किंग के लिये 10 अंकों का ज़ुर्माना होगा। प्रीमियम की राशि की गणना इन अंकों के आधार पर की जाएगी।
  • डेटा संग्रहण: 
    • ट्रैफिक चालान का डेटा राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (National Informatics Centre- NIC) द्वारा संग्रहीत किया जाएगा और इसे दैनिक आधार पर भारतीय बीमा सूचना ब्यूरो (Insurance Information Bureau of India- IIB) के साथ साझा किया जाएगा।
      • IIB का उद्देश्य बीमाकर्त्ताओं, नियामक और सरकारी एजेंसियों सहित बीमा क्षेत्र के साथ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े सभी हितधारकों को एक पूर्ण, सुसंगत एवं संक्षिप्त तरीके से सूचना समर्थन प्रदान करना है।
  • प्रक्रिया: 
    • यह प्रीमियम वाहन पर है न कि चालक पर। इसका तात्पर्य यह है कि जब कोई नया वाहन खरीदा जाएगा तो इसके लिये यातायात उल्लंघन का अंक शून्य से शुरू होगा और इसके मालिक द्वारा वाहन का बीमा कराए जाने पर किसी भी यातायात उल्लंघन के प्रीमियम का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होगी, भले ही उस वाहन मालिक द्वारा पूर्व में कोई यातायात उल्लंघन किया गया हो (चाहे वह किसी और के स्वामित्त्व वाले वाहन चालक के रूप में किया गया यातायात उल्लंघन हो या स्वयं के किसी भी प्रकार की श्रेणी के वाहन द्वारा)।
    • हालाँकि यदि कोई व्यक्ति मोटर बीमा का नवीनीकरण कराता है, तो यातायात उल्लंघन प्रीमियम के लिये उसके यातायात उल्लंघन अंकों का भी मूल्यांकन किया जाएगा जिसका भुगतान करना आवश्यक होगा।
    • बिक्री के बाद वाहन बीमा हस्तांतरण के मामले में, वाहन स्वामित्व हस्तांतरण की तिथि से यातायात उल्लंघन प्रीमियम की शुरुआत शून्य से होगी।
  • प्रयुक्त तकनीक: 
    • भारतीय बीमा सूचना ब्यूरो (IIB) यातायात उल्लंघन डेटा को प्राप्त करने, उल्लंघन करने वाले प्रत्येक वाहन के यातायात उल्लंघन अंकों की गणना करने और सूचना प्रौद्योगिकी प्रणाली एकीकरण के माध्यम से सभी सामान्य बीमाकर्त्ताओं को यह जानकारी उपलब्ध कराने के लिये विभिन्न राज्यों की यातायात पुलिस और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र के साथ समन्वय स्थापित करेगा। 

भारत में सड़क दुर्घटनाएँ: 

  • सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways) द्वारा जारी ‘भारत में सड़क दुर्घटनाएँ- 2018 रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 4.67 लाख सड़क दुर्घटनाएँ हुईं, जिनमें 1.51 लाख नागरिक मारे गए।
  • विश्व सड़क सांख्यिकी- 2018 के अनुसार, विश्व के 199 देशों में सड़क दुर्घटना से होने वाली मौतों की संख्या में भारत पहले स्थान पर था। इसके बाद क्रमशः चीन तथा अमेरिका का स्थान था।

सरकार द्वारा किये गए अन्य उपाय:

  • सरकार ने पहले से ही संशोधित मोटर वाहन अधिनियम 2019 में विभिन्न प्रकार के यातायात उल्लंघनों के मामले में भारी ज़ुर्माने का प्रावधान किया है। इसके अलावा, भारत सरकार महानगर और स्मार्ट शहरों में इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ntelligent Traffic Management System) पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस, इकोनॉमिक टाइम्स एवं टाइम्स ऑफ इंडिया