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भारत में सड़क दुर्घटनाएँ– 2018

  • 20 Nov 2019
  • 4 min read

प्रीलिम्स के लिये:

रिपोर्ट से संबंधित महत्वपूर्ण आँकड़े

मेन्स के लिये:

भारत में यातायात सुरक्षा संबंधी मुद्दे

चर्चा में क्यों?

हाल ही में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways) द्वारा ‘भारत में सड़क दुर्घटनाएँ- 2018 (Road Accidents in India- 2018) रिपोर्ट जारी की गई।

वैश्विक संदर्भ में-

  • भारत, वर्ष 2015 में ब्राज़ील में आयोजित सड़क सुरक्षा के लिये आयोजित उच्च स्तरीय कांफ्रेंस का हस्ताक्षरकर्त्ता है, इसको ब्रासीलिया उद्घोषणा (Brasilia Declaration) कहते हैं।
  • इसके तहत भारत ने वर्ष 2020 तक सड़क दुर्घटनाओं और इनसे होने वाली मौतों को आधा करने की प्रतिबद्धता जताई थी।
  • विश्व सड़क आँकड़े 2018 (World Road Statistics- 2018) के अनुसार सड़क दुर्घटनाओं के मामले में भारत संयुक्त राज्य अमेरिका और जापान के बाद तीसरे स्थान पर है,जबकि दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों के मामले में कुल 199 देशों में पहले स्थान पर है।
  • भारत में प्रतिवर्ष 1.5 लाख लोगों की मौत सड़क दुर्घटना में होती है, जो विश्व भर में सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों का 11% है।

भारत में वर्ष 2017-18 में सड़क दुर्घटनाओं के आँकड़े-

Deady roads

  • रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2018 में वर्ष 2017 की तुलना में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में 0.46% की वृद्धि हुई।सड़क दुर्घटनाओं के दौरान होने वाली मौतों में भी 2.37% की वृद्धि दर्ज की गई।
  • रिपोर्ट के अनुसार, अधिकतर सडक दुर्घटनाएँ राष्ट्रीय राजमार्गों पर हुई। कुल दुर्घटनाओं का 30.2% दुर्घटनायें राष्ट्रीय राजमार्गों पर दर्ज की गयीं।
  • राज्यों के संदर्भ में सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएँ तमिलनाडु में हुई, इस मामले में मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं।
  • जबकि सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों के मामले उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र और तमिलनाडु क्रमशः पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर है।
  • रिपोर्ट के अनुसार, 50 मिलियन से अधिक जनसंख्या वाले शहरों में सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाओं वाला शहर चेन्नई है, इन दुर्घटनाओं में सबसे ज़्यादा मौतों की संख्या दिल्ली में दर्ज़ की गई।
  • विभिन्न वाहनों की श्रेणी में दोपहिया वाहन सबसे अधिक दुर्घटनाग्रस्त हुए साथ ही सर्वाधिक मौतें भी दोपहिया वाहन चालकों की हुईं।
  • वर्ष 2018 में 18-45 के आयु वर्ग के लोग सड़क दुर्घटनाओं के सबसे अधिक शिकार हुए।
  • कुल दुर्घटनाओं में 84.7% मौतें, आयु वर्ग 18-60 के मध्य दर्ज़ की गयी।
  • रिपोर्ट के अनुसार, दुर्घटना में मरने वाले पुरुषों की संख्या लगभग 86% है, जबकि महिलाओं की संख्या लगभग 14% है।
  • रिपोर्ट के अनुसार, 64.4% दुर्घटनाओं का कारण वाहनों की सीमा से अधिक गति रही है।

आगे की राह -

  • सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने सड़क दुर्घटनाओं के समस्या से निपटने के लिये बहुस्तरीय रणनीति तैयार की है।
  • इसके अंतर्गत शिक्षा, प्रचार और जागरूकता अभियान, सड़कों एवं वाहनों में इंजीनियरिंग संबंधी सुधार और आपातकालीन चिकित्सा सेवाएँ शामिल हैं।
  • हाल ही में भारत सरकार द्वारा मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम 2019 लाया गया।

स्रोत- द हिंदू

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