प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान | 14 Aug 2023

प्रिलिम्स के लिये:

प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP), केंद्रीय प्रायोजित योजना, वामपंथी उग्रवाद (LWE)

मेन्स के लिये:

प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान, महत्त्व एवं चिंताएँ

चर्चा में क्यों?

14 राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों ने अभी तक शिक्षा मंत्रालय के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर नहीं किया है, जिसमें प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (PM-USHA) के अंर्तगत आगामी तीन वर्षों तक धन प्राप्त करने के लिये राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के कार्यान्वयन को अनिवार्य किया गया है। 

MoU की आवश्यकता और राज्यों द्वारा चिंताएँ:

  • आवश्यकता :
    • MoU में योजना, कार्यान्वयन और निगरानी, बेहतर एकीकरण के लिये राज्य के प्रस्तावों को NEP के साथ संरेखित करने के प्रावधान शामिल हैं।

    • यह योजना राज्यों या केंद्रशासित प्रदेशों को उनकी आवश्यकताओं के अनुसार गतिविधियों के लिये अधिक प्रभावी संसाधन आवंटन तथा घटकों को सुव्यवस्थित करने हेतु लचीलापन प्रदान करती है।

    • इसके अतिरिक्त राज्य नामांकन अनुपात, लिंग समानता एवं हाशिये पर रहने वाले समुदायों के जनसंख्या अनुपात जैसे संकेतकों के आधार पर लक्षित ज़िलों की पहचान कर सकते हैं।

  • चिंताएँ:

    • कुछ राज्य सरकारों ने समझौता ज्ञापन पर असंतोष व्यक्त किया है, क्योंकि यह NEP सुधारों को लागू करने के लिये अतिरिक्त वित्त की समस्या का समाधान नहीं करता है।
    • PM-USHA खर्चों के 40% के लिये राज्य ज़िम्मेदार हैं, लेकिन उक्त समझौता ज्ञापन NEP से संबंधित बदलावों के लिये वित्तपोषण तंत्र को लेकर स्पष्टता प्रदान नहीं करता है।

PM-USHA योजना:

  • परिचय:
    • राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आलोक में राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (Rashtriya Uchchatar Shiksha Abhiyan- RUSA) योजना को जून 2023 में "प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान PM-USHA" के रूप में लॉन्च किया गया।
      • RUSA, एक केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में अक्तूबर 2013 में शुरू की गई थी, जिसका लक्ष्य पूरे देश में उच्च शिक्षा संस्थानों को रणनीतिक वित्तपोषण प्रदान करना है।
    • यह केंद्रित है:
      • उच्च शिक्षा तक समान पहुँच और समावेशन पर।
      • गुणवत्तापूर्ण शिक्षण और सीखने की प्रक्रियाओं के विकास पर।
      • गैर-मान्यता प्राप्त संस्थानों की मान्यता में सुधार पर।
      • ICT-आधारित डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर पर।
      • बहुविषयक के माध्यम से रोज़गार क्षमता बढ़ाने पर।
  • उद्देश्य:
    • मौजूदा राज्य उच्च शिक्षण संस्थानों के निर्धारित मानदंडों और मानकों की अनुरूपता सुनिश्चित करके एवं गुणवत्ता आश्वासन ढाँचे के रूप में मान्यता को अपनाकर उनकी समग्र गुणवत्ता में सुधार करना।
    • राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों में शासन, शैक्षणिक और परीक्षा सुधार सुनिश्चित करना और एक तरफ स्कूली शिक्षा और दूसरी तरफ रोज़गार बाज़ार के साथ पुराने और आगामी संबंध स्थापित करना, ताकि आत्म-निर्भर भारत का निर्माण किया जा सके।
    • उच्च शिक्षण संस्थानों में अनुसंधान और नवाचारों के लिये एक सक्षम माहौल बनाना।
  • प्रमुख विशेषताएँ:
  • मेरू रूपांतरण: यह बहु-विषयक शिक्षा और अनुसंधान की सुविधा के लिये 35 मान्यता प्राप्त राज्य विश्वविद्यालयों में से प्रत्येक को 100 करोड़ रुपए का समर्थन करता है।
    • मॉडल डिग्री कॉलेज: यह योजना नए मॉडल डिग्री कॉलेजों की स्थापना के लिए प्रावधान प्रदान करती है।
    • विश्वविद्यालयों का संवर्द्धन: विश्वविद्यालयों के विकास कार्यों के लिये उन्हें अनुदान आवंटित किया जाता है।
    • सुदूर और आकांक्षी क्षेत्रों पर फोकस: प्रधानमंत्री उच्चत्तर शिक्षा अभियान (PM-USHA) का लक्ष्य दूरस्थ, वामपंथी उग्रवाद (LWE) से प्रभावित क्षेत्र, आकांक्षी ज़िलों और कम सकल नामांकन अनुपात (GER) वाले क्षेत्रों तक पहुँचना है।
    • लैंगिक समावेशन और समानता के लिये समर्थन: यह योजना राज्य सरकारों को लैंगिक समावेशन और समानता को बढ़ावा देने के साथ-साथ सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT) के माध्यम से बेहतर रोज़गार के लिये कौशल को उन्नत करने में सहायता करती है।

निष्कर्ष:

  • MoU की शर्तों को लेकर कई राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों और शिक्षा मंत्रालय के बीच मौजूदा गतिरोध PM-USHA योजना के तहत NEP सुधारों के वित्तपोषण के बारे में चिंताओं को दर्शाता है।
  • हालाँकि मतभेदों को सुलझाने के लिये चर्चा जारी है, MoU का सफल कार्यान्वयन NEP लक्ष्यों के एकीकरण और विभिन्न भारतीय राज्यों में उच्च शिक्षा गुणवत्ता बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

स्रोत: द हिंदू