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प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना

  • 26 May 2022
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (SECC) 2011, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) पोर्टल, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (ABPMJAY)।

मेन्स के लिये:

स्वास्थ्य, मानव संसाधन, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के लाभ।

चर्चा में क्यों?

नई दिल्ली नगर परिषद (NDMC) ने अपने क्षेत्र के निवासियों के लिये केंद्र की प्रमुख आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (ABPMJAY) के कार्यान्वयन को मंज़ूरी दी है।

  • ABPMJAY भारत सरकार की प्रमुख योजना है जो सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (UHC) के लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 की सिफारिश द्वारा शुरू की गई थी। इसके दो अंतर-संबंधित घटक हैं - स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र (HWCs) और प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY)।

ABPMJAY के बारे में:

  • परिचय: 
    • PMJAY विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा/आश्वासन योजना है जो पूर्णतः सरकार द्वारा वित्तपोषित है।
    • इसे फरवरी 2018 में लॉन्च किया गया था। यह द्वितीयक देखभाल (जिसमें विशेषज्ञ शामिल नहीं है) के साथ-साथ तृतीयक देखभाल (जिसमें विशेषज्ञ शामिल है) के लिये प्रति परिवार 5 लाख रुपए की बीमा राशि प्रदान करती है। 
    • PMJAY के तहत लाभार्थियों को सेवा हेतु यानी अस्पताल में कैशलेस और पेपरलेस सेवाओं तक पहुंँच प्रदान की जाती है।
    • स्वास्थ्य लाभ पैकेज में सर्जरी, दवा एवं दैनिक उपचार, दवाओं की लागत और निदान शामिल हैं।
      • पैकेज्ड दरें (इसमें सभी शुल्क शामिल है ताकि प्रत्येक उत्पाद या सेवा के लिये अलग से शुल्क न लिया जाए)।
      • ये लचीले हैं लेकिन एक बार तय होने के बाद अस्पताल लाभार्थी से अधिक शुल्क नहीं ले सकते हैं।
  • लाभार्थी: 
    • यह एक पात्रता आधारित योजना है जो नवीनतम सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना डेटा द्वारा पहचाने गए लाभार्थियों को लक्षित करती है।
      • एक बार डेटाबेस द्वारा पहचाने जाने के बाद लाभार्थी को बीमाकृत माना जाता है और वह किसी भी सूचीबद्ध अस्पताल में उपचार कर सकता है।
  • वित्तीयन: 
    • इस योजना का वित्तपोषण संयुक्त रूप से किया जाता है- सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मामले में केंद्र और विधायिका के बीच 60:40, पूर्वोत्तर राज्यों और जम्मू-कश्मीर, हिमाचल तथा उत्तराखंड के लिये 90:10 एवं विधायिका के बिना केंद्रशासित प्रदेशों हेतु 100% केंद्रीय वित्तपोषण।
  • नोडल एजेंसी: 
    • राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) को राज्य सरकारों के साथ संयुक्त रूप से PMJAY के प्रभावी कार्यान्वयन हेतु सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत एक स्वायत्त इकाई के रूप में गठित किया गया है।
    • राज्य स्वास्थ्य एजेंसी (SHA) राज्य में ABPMJAY के कार्यान्वयन के लिये ज़िम्मेदार राज्य सरकार का शीर्ष निकाय है।

PMJAY के क्रियान्वयन में चुनौतियाँ: 

  • राज्यों का सहयोग: 
    • चूँकि ‘स्वास्थ्य’ राज्य का विषय है और राज्यों द्वारा इस योजना के  वित्तपोषण में 40% का योगदान दिया जाएगा, इसलिये मौजूदा ‘राज्य स्वास्थ्य बीमा योजनाओं’ का ‘आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ के साथ समन्वय स्थापित करना महत्त्वपूर्ण होगा।
      • पश्चिम बंगाल और ओडिशा ने इस योजना को लागू नहीं किया है। 
  • लागत का बोझ: 
    • देखभाल प्रदाताओं और केंद्र के बीच लागत एक विवादित मुद्दा है तथा कई अस्पताल सरकार के प्रस्तावों को अव्यावहारिक मानते हैं। 
  • अपर्याप्त स्वास्थ्य क्षमताएँ:
    • सार्वजनिक क्षेत्र की खराब स्वास्थ्य क्षमताओं में सुधार के लिये निजी क्षेत्र के प्रदाताओं के साथ आवश्यक भागीदारी और गठबंधन की आवश्यकता है।
    • ऐसी परिस्थितियों में सेवाओं का प्रावधान तभी सुनिश्चित किया जा सकता है जब प्रदाताओं को उनकी सेवाओं के लिये जवाबदेह ठहराया जाए।
  • अनावश्यक उपचार:
    • ‘राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति, 2017’ में माध्यमिक और तृतीयक अस्पतालों से शुल्क के बदले  स्वास्थ्य सेवाओं की "रणनीतिक खरीद" का प्रस्ताव शामिल है।
    • स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के साथ अनुबंध जो कि वित्तीय मुआवज़ा पैकेज प्राप्त करेंगे, उन्हें स्पष्ट रूप से अधिसूचित दिशा-निर्देशों और मानक उपचार प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करना होगा ताकि अनावश्यक उपचार की संभावना को लेकर जाँच की जा सके।

योजना की उपलब्धियाँ:

  • गरीबों के लिये फायदेमंद:
    • कार्यान्वयन के पहले 200 दिनों में PMJAY ने 20.8 लाख से अधिक गरीब और वंचित लोगों को लाभान्वित किया है, जिन्हें  5,000 करोड़ रुपए से अधिक का निःशुल्क इलाज मिल चुका है।
  • कोविड-19 के दौरान:
    • शुरुआत से ही PMJAY की एक प्रमुख विशेषता इसकी पोर्टेबिलिटी है, जो यह सुनिश्चित करने में मदद करती है कि प्रवासी श्रमिक देश में किसी भी सूचीबद्ध अस्पताल में अपना इलाज करवा सकते हैं, भले ही उनके निवास की स्थिति कुछ भी हो।

आगे की राह

  • भारत के अपने सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (UHC) के लक्ष्यों को पूरा करने में ABPMJAY कार्यक्रम बड़े स्तर पर महत्त्वाकांक्ष‍ी प्रणालीगत सुधार का अवसर प्रस्तुत करता है।
    • इसके लिये लंबे समय से कम वित्तपोषित स्वास्थ्य प्रणाली में संसाधनों को शामिल करने की आवश्यकता होगी, यद्यपि यह योजना भारत को UHC की ओर निरंतर गति प्रदान करने के लिये है, अतः इसके साथ शासन, गुणवत्ता नियंत्रण और प्रबंधन के परस्पर संबंधित मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिये।
    • भारत में स्वास्थ्य देखभाल पर सार्वजनिक व्यय वैश्विक स्तर पर सबसे कम है।
  • प्रौद्योगिकी एवं नवाचार के उचित उपयोग से स्वास्थ्य सेवा की समग्र लागत को और कम किया जा सकता है। एआई-पावर्ड मोबाइल एप्लीकेशन (AI-Powered Mobile Applications) उच्च गुणवत्तापूर्ण, कम लागत, स्मार्ट वेलनेस समाधान प्रदान कर सकते हैं। आयुष्मान भारत हेतु स्केलेबल (Scalable) और इंटर-ऑपरेबल (Inter-Operable) आईटी प्लेटफॉर्म इस दिशा में एक सकारात्मक कदम है।

स्रोत: इकोनॉमिक टाइम्स

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