‘पीएम मित्र’ पार्क | 07 Oct 2021
प्रिलिम्स के लिये:‘पीएम मित्र’ पार्क, उत्पादन संबद्ध प्रोत्साहन योजना, राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन मेन्स के लिये:भारतीय वस्त्र उद्योग की मौजूदा स्थिति और इस संबंध में सरकार द्वारा किये गए प्रयास |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 4,445 करोड़ रुपए के परिव्यय से सात ‘मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल’ (पीएम मित्र) पार्कों की स्थापना को मंज़ूरी दे दी है।
- योजना के तहत स्थापित ‘मित्र’ पार्क का उद्देश्य कताई, बुनाई, प्रसंस्करण/रंगाई, छपाई से लेकर परिधान निर्माण तक की संपूर्ण वस्त्र मूल्य शृंखला को एक स्थान पर एकीकृत करना है।
प्रमुख बिंदु
- ‘पीएम मित्र’ पार्क
- ‘पीएम मित्र’ पार्क को सार्वजनिक निजी भागीदारी (PPP) मोड में एक ‘विशेष प्रयोजन इकाई’ (SPV) द्वारा विकसित किया जाएगा, जिसका स्वामित्व केंद्र और राज्य सरकार के पास होगा।
- प्रत्येक ‘मित्र’ पार्क में एक इन्क्यूबेशन सेंटर, कॉमन प्रोसेसिंग हाउस और एक कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट तथा अन्य टेक्सटाइल संबंधी सुविधाएँ जैसे- डिज़ाइन सेंटर और टेस्टिंग सेंटर होंगे।
- यह ‘विशेष प्रयोजन इकाई’ न केवल औद्योगिक पार्क का विकास करेगी, बल्कि रियायत अवधि के दौरान इसका रखरखाव भी करेगी।
- वित्तपोषण
- इस योजना के तहत केंद्र सरकार सामान्य बुनियादी अवसंरचना के विकास हेतु प्रत्येक ग्रीनफील्ड ‘मित्र’ पार्क के लिये 500 करोड़ रुपए और प्रत्येक ब्राउनफील्ड पार्क के लिये 200 करोड़ रुपए की विकास पूंजी सहायता प्रदान करेगी।
- ग्रीनफील्ड का आशय एक पूर्णतः नई परियोजना से है, जिसे शून्य स्तर से शुरू किया जाना है, जबकि ब्राउनफील्ड परियोजना वह है जिस पर काम शुरू किया जा चुका है।
- इस योजना के तहत केंद्र सरकार सामान्य बुनियादी अवसंरचना के विकास हेतु प्रत्येक ग्रीनफील्ड ‘मित्र’ पार्क के लिये 500 करोड़ रुपए और प्रत्येक ब्राउनफील्ड पार्क के लिये 200 करोड़ रुपए की विकास पूंजी सहायता प्रदान करेगी।
- प्रोत्साहन के लिये पात्रता:
- इनमें से प्रत्येक पार्क में वस्त्र निर्माण इकाइयों की शीघ्र स्थापना के लिये प्रतिस्पर्द्धाकता प्रोत्साहन सहायता के रूप में अतिरिक्त 300 करोड़ रुपए प्रदान किये जाएंगे।
- कम-से-कम 100 लोगों को रोज़गार देने वाले ‘एंकर प्लांट’ स्थापित करने वाले निवेशक तीन वर्ष तक प्रतिवर्ष 10 करोड़ रुपए तक के प्रोत्साहन के पात्र होंगे।
- महत्त्व
- रसद लागत में कमी: यह रसद लागत को कम करेगा और कपड़ा क्षेत्र की मूल्य शृंखला को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्द्धी बनने हेतु मज़बूत करेगा।
- कपड़ा निर्यात को बढ़ावा देने के भारत के लक्ष्य में उच्च रसद लागत को एक प्रमुख बाधा माना जाता है।
- भारत ने हाल के दिनों में चीन से प्रमुख कच्चे माल की आपूर्ति में व्यवधान का सामना किया है, क्योंकि वैश्विक आपूर्ति शृंखला महामारी के दौरान प्रभावित हुई थी।
- रोज़गार सृजन
- ‘मित्र’ पार्क के माध्यम से प्रत्यक्ष रूप से 1 लाख रोज़गार सृजित होने और परोक्ष रूप से 2 लाख रोज़गार सृजित होने की उम्मीद है।
- विदेशी निवेश में वृद्धि
- ये पार्क देश में ‘प्रत्यक्ष विदेशी निवेश’ (FDI) आकर्षित करने हेतु महत्त्वपूर्ण हैं।
- अप्रैल 2000 से सितंबर 2020 तक भारत के कपड़ा क्षेत्र को 20,468.62 करोड़ रुपए का विदेशी प्रत्यक्ष निवेश प्राप्त हुआ था, जो इस अवधि के दौरान कुल विदेशी निवेश प्रवाह का मात्र 0.69% है।
- रसद लागत में कमी: यह रसद लागत को कम करेगा और कपड़ा क्षेत्र की मूल्य शृंखला को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्द्धी बनने हेतु मज़बूत करेगा।
- अन्य संबंधित प्रयास
- ‘मानव-निर्मित फाइबर खंड’ (MMF) परिधान और तकनीकी वस्त्रों के दस उत्पादों के लिये पाँच वर्ष के लिये ‘उत्पादन संबद्ध प्रोत्साहन योजना’ को मंज़ूरी दी गई है।
- तकनीकी वस्त्र क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने हेतु ‘राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन’ भी शुरू किया गया है।