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पिलर्स ऑफ क्रिएशन : जेम्स वेब टेलीस्कोप

  • 22 Oct 2022
  • 6 min read

प्रिलिम्स के लिये:

जेम्स वेब टेलीस्कोप, हबल टेलीस्कोप, पिलर्स ऑफ क्रिएशन।

मेन्स के लिये:

जेम्स वेब टेलीस्कोप।

चर्चा में क्यों?

अत्यधिक विस्तृत परिदृश्य- "पिलर्स ऑफ़ क्रिएशन" को नासा के शक्तिशाली जेम्स वेब टेलीस्कोप द्वारा कैप्चर किया गया है। 

James-Webb-Telescope

पिलर्स ऑफ क्रिएशन:

  • परिचय:
    • यह तारे के बीच की धूल और गैस से बने तीन उभरते टावरों का एक दृश्य है।
    • ये आइकॉनिक पिलर्स ऑफ क्रिएशन ईगल नेबुला (यह सितारों का एक तारामंडल है) के केंद्र में स्थित है, जिसे मेसियर 16 के नाम से भी जाना जाता है।
    • यह इमेज गैस और धूल के घने बादलों के विशाल, ऊँचे पिलर्स को दिखाती है जहाँ नवीन तारे पृथ्वी से लगभग 6,500 प्रकाश-वर्ष दूर बन रहे हैं।
    • कई पिलर्स के सिरों पर चमकीले लाल, लावा जैसे धब्बे हैं। ये ऐसे सितारों से निकलने वाले इजेक्शन हैं जो अभी भी बन रहे हैं एवं केवल कुछ सौ हजार साल पुराने हैं।
    • इन पिलर्स को हबल स्पेस टेलीस्कोप द्वारा महत्त्व मिला जिसने इन्हें पहली बार वर्ष 1995 में और फिर वर्ष 2014 में कैप्चर किया था।
  • महत्त्व:
    • यह नई इमेज शोधकर्त्ताओं को इस क्षेत्र में गैस और धूल की मात्रा का पता लगाने के साथ-साथ नवगठित तारों के गठन के बारे में अधिक सटीक जानकारी प्रदान करने में सहायक होंगी।

ेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप :  

  • परिचय:
    • यह टेलीस्कोप नासा, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) और कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसी के बीच एक अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का परिणाम है जिसे दिसंबर 2021 में लॉन्च किया गया था।
    • यह वर्तमान में अंतरिक्ष में एक ऐसे बिंदु पर है जिसे सूर्य-पृथ्वी L2 लैग्रेंज बिंदु के रूप में जाना जाता है, जो सूर्य के चारों ओर पृथ्वी की कक्षा से लगभग 1.5 मिलियन किमी दूर है।
      • लैग्रेंज प्वाइंट 2 पृथ्वी-सूर्य प्रणाली के कक्षीय तल के पाँच बिंदुओं में से एक है।
      • इतालवी-फ्राँसीसी गणितज्ञ जोसेफी-लुई लैग्रेंज के नाम पर रखा गया यह बिंदु पृथ्वी और सूर्य जैसे किसी भी घूर्णन करने वाले दो पिंडों में विद्यमान होते हैंं जहाँ दो बड़े निकायों के गुरुत्वाकर्षण बल एक-दूसरे को संतुलित कर देते हैं।
      • इन स्थितियों में रखी गई वस्तुएँ अपेक्षाकृत स्थिर होती हैं और उन्हें वहाँ रखने के लिये न्यूनतम बाहरी ऊर्जा या ईंधन की आवश्यकता होती है, अन्य कई उपकरण यहाँ पहले से स्थापित हैं।
    • यह अब तक का सबसे बड़ा, सबसे शक्तिशाली इन्फ्रारेड स्पेस टेलीस्कोप है।
    • यह हबल टेलीस्कोप का उत्तराधिकारी है।
    • यह इतनी दूर आकाशगंगाओं की तलाश में बिग बैंग के ठीक बाद के समय में देख सकता है जिस प्रकाश को उन आकाशगंगाओं से हमारी दूरबीनों तक पहुँचने में कई अरब वर्ष लग गए।
  • उद्देश्य:
    • यह ब्रह्मांड के अतीत के हर चरण की जाँच करेगा: बिग बैंग से लेकर आकाशगंगाओं, तारों और ग्रहों के निर्माण से हमारे अपने सौरमंडल के विकास तक।
    • जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप की थीम्स को चार विषयों में बाँटा जा सकता है।
      • पहला, लगभग 13.5 बिलियन वर्ष पूर्व खगोलीय घटना के साथ आरंभ में । तारों एवं आकाशगंगाओं की निर्माण प्रक्रिया को समझना।
      • दूसरा, सबसे कमज़ोर, आरंभिक आकाशगंगाओं की तुलना आज के भव्य सर्पिलों से करना और यह समझना कि आकाशगंगाएँं अरबों वर्षों में कैसे एकत्रित होती हैं।
      • तीसरा, यह जानने का प्रयास करना कि तारे और ग्रह प्रणालियाँ कहाँ उत्पन्न हो रही हैं।
      • चौथा, एक्स्ट्रासोलर ग्रहों (हमारे सौरमंडल से परे) के वातावरण का निरीक्षण करना जिससे ब्रह्मांड में कहीं और जीवन के निर्माण खंडों का पता लगाया जा सके।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. 25 दिसंबर, 2021 को छोड़ा गया जेम्स वेब अंतरिक्ष टेलीस्कोप तभी से समाचारों में बना हुआ है। उसमें ऐसी कौन-कौन सी अनन्य विशेषताएँ हैं जो उसे इससे पहले के अंतरिक्ष टेलीस्कोपों से श्रेष्ठ बनाती हैं? इस मिशन के मुख्य ध्येय क्या हैं? मानव जाति के लिये इसके क्या संभावित लाभ हो सकते हैं? (2022)

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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