शासन व्यवस्था
ज़िलों के लिये परफॉरमेंस ग्रेडिंग इंडेक्स (PGI-D)
- 28 Jun 2022
- 9 min read
प्रिलिम्स के लिये:ज़िलों के लिये प्रदर्शन ग्रेडिंग सूचकांक (पीजीआई-डी), शिक्षा पर एकीकृत ज़िला सूचना प्रणाली प्लस (यूडीआईएसई+), राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (एनएएस)। मेन्स के लिये:पीजीआई-डी, संबंधित पहलें, ज़िलों में स्कूल शिक्षा प्रणाली का प्रदर्शन। |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग (DoSE&L), शिक्षा मंत्रालय (MoE) ने वर्ष 2018-19 और वर्ष 2019-20 हेतु ज़िलों के लिये केंद्र का पहला परफॉरमेंस ग्रेडिंग इंडेक्स (Performance Grading Index for Districts-PGI-D) जारी किया।
- जून, 2021 में केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिये परफॉरमेंस ग्रेडिंग इंडेक्स (PGI) 2019-20 जारी करने की मंज़ूरी दी है।
इंडेक्स के बारे में:
- परफॉरमेंस ग्रेडिंग इंडेक्स (PGI-D):
- PGI-D व्यापक विश्लेषण के लिये एक इंडेक्स बनाकर ज़िला स्तर पर स्कूली शिक्षा प्रणाली के प्रदर्शन का आकलन करता है।
- PGI-D ने शिक्षा पर एकीकृत ज़िला सूचना प्रणाली प्लस (UDISE +), राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (NAS), 2017 और संबंधित ज़िलों द्वारा उपलब्ध कराए गए आंँकड़ों सहित विभिन्न स्रोतों से एकत्रित आंँकड़ों के आधार पर स्कूली शिक्षा में ज़िला स्तर के प्रदर्शन का आकलन किया।
- कार्यप्रणाली:
- संरचना: PGI-D संरचना में 83 संकेतकों में कुल 600 अंक शामिल हैं, जिन्हें छह श्रेणियों के तहत समूहीकृत किया गया है:
- परिणाम, प्रभावी कक्षा, बुनियादी ढांँचा सुविधाएंँ और छात्र के अधिकार, स्कूल सुरक्षा एवं बाल संरक्षण, डिजिटल शिक्षण तथा शासन प्रक्रिया।
- कोविड-19 महामारी की पृष्ठभूमि में दो श्रेणियांँ डिजिटल शिक्षण और प्रभावी कक्षा को जोड़ा गया है। हालांँकि ये श्रेणियांँ राज्य स्तरीय PGI का हिस्सा नहीं थीं।
- इन श्रेणियों को आगे 12 डोमेन में विभाजित किया गया है।
- परिणाम, प्रभावी कक्षा, बुनियादी ढांँचा सुविधाएंँ और छात्र के अधिकार, स्कूल सुरक्षा एवं बाल संरक्षण, डिजिटल शिक्षण तथा शासन प्रक्रिया।
- आकलन ग्रेड: PGI-D ज़िलों को 10 ग्रेड में वर्गीकृत करता है। उच्चतम ग्रेड 'दक्ष (Daksh)' है, जो उस श्रेणी या कुल मिलाकर कुल अंकों के 90% से अधिक अंक प्राप्त करने वाले ज़िलों के लिये है।
- इसके बाद 'उत्कर्ष' (81% से 90%), 'अति उत्तम' (71% से 80%), 'उत्तम' (61% से 70%), 'प्रचेष्टा -1' (51% से 60%) और 'प्रचेष्टा-2' (41% से 50%) का स्थान है।
- PGI-D में निम्नतम ग्रेड 'आकांक्षी-3' है जो कुल अंकों के 10% तक के स्कोर के लिये है।
- इन दोनों वर्षों में कोई भी ज़िला उच्चतम 'दक्ष' ग्रेड में नहीं आया है।
- संरचना: PGI-D संरचना में 83 संकेतकों में कुल 600 अंक शामिल हैं, जिन्हें छह श्रेणियों के तहत समूहीकृत किया गया है:
- महत्त्व:
- संकेतक के आधार पर PGI स्कोर उन क्षेत्रों को दर्शाता है जहांँ एक ज़िले को सुधार की ज़रूरत है। PGI-D सभी ज़िलों के सापेक्ष प्रदर्शन को एक समान पैमाने पर प्रदर्शित करेगा जो उन्हें बेहतर प्रदर्शन करने के लिये प्रोत्त्साहित करता है।
- साथ ही यह राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा अपनाई जाने वाली सर्वोत्तम प्रथाओं के लिये सूचना के एक अच्छे स्रोत के रूप में भी काम करेगा जिसे साझा किया जा सकता है।
- यह छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों और प्रशासकों सहित स्कूली शिक्षा प्रणाली के सभी हितधारकों को अपने ज़िले के तथा अन्य ज़िलों के प्रदर्शन को जानने में मदद करता है।
रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएँ:
- सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शक:
- राजस्थान के तीन ज़िलों ने मूल्यांकन में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।
- रिपोर्ट के अनुसार, तीन ज़िलों- सीकर, झुंझुनू और जयपुर को वर्ष 2019-20 में 'उत्कर्ष' ग्रेड में रखा गया था, जबकि एक साल पहले कोई भी ज़िला उस श्रेणी में नहीं आता था।
- राजस्थान में इस ग्रेड में सबसे अधिक 24 ज़िले हैं, इसके बाद पंजाब (14), गुजरात (13), और केरल (13) का स्थान है।
- राजस्थान के तीन ज़िलों ने मूल्यांकन में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।
- निम्न प्रदर्शक:
- इस श्रेणी में सबसे कम अंक (50 में से 1) वाले ज़िले थे:
- वर्ष 2020 में साउथ सलमारा-मांकचर (असम), अलीराजपुर (मध्य प्रदेश), नार्थ गारो हिल्स एंड साउथ गारो हिल्स इन मेघालय, एंड खोवै (त्रिपुरा)।
- जिन 12 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में अति-उत्तम और उत्तम में एक भी ज़िला नहीं है, वे हैं:
- बिहार, गोवा, जम्मू-कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम, नगालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा एंड उत्तराखंड।
- इस श्रेणी में सबसे कम अंक (50 में से 1) वाले ज़िले थे:
- प्रगति:
- रिपोर्ट के अनुसार, सभी श्रेणियों में ज़िलों की संख्या में वृद्धि हुई है।
- अति उत्तम ग्रेड में 2018-19 से 2019-20 के दौरान ज़िलों की संख्या 49 से बढ़कर 86 हो गई, जो "उल्लेखनीय सुधार" दर्शाती है।
- 33 ज़िलों ने परिणामों में अपने स्कोर में सुधार किया, लेकिन ग्रेड-स्तर में कोई सुधार नहीं हुआ।
- परिणाम श्रेणी में छात्रों के सीखने के परिणाम, शिक्षकों की उपलब्धता और पेशेवर परिणाम शामिल हैं।
- डिजिटल लर्निंग श्रेणी: 2018-19 की तुलना में 20 ज़िलों ने 20% से अधिक सुधार दिखाया है, जबकि 43 ज़िलों ने 2019-20 के दौरान अपने स्कोर में 10% से अधिक सुधार किया है।
- अवसंरचनात्मक सुविधाएंँ: 478 ज़िलों ने वर्ष 2018-19 की तुलना में वर्ष 2019-20 में अपने स्कोर में सुधार किया।
- इन 478 ज़िलों में से 37 ज़िलों ने स्कोर में 20% से अधिक और 115 ज़िलों ने 10% से अधिक का सुधार किया, जिसका अर्थ है ग्रेड-स्तरीय सुधार।
- रिपोर्ट के अनुसार, सभी श्रेणियों में ज़िलों की संख्या में वृद्धि हुई है।
इस दिशा में अन्य सरकारी पहल:
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020: इसका उद्देश्य भारतीय शिक्षा प्रणाली में स्कूल से लेकर कॉलेज स्तर तक कई बदलाव लाकर "भारत को एक वैश्विक ज्ञान महाशक्ति" बनाना है।
- समग्र शिक्षा: यह स्कूली शिक्षा के सभी स्तरों पर समावेशी और समान गुणवत्ता वाली शिक्षा सुनिश्चित करने के लिये प्री-स्कूल से बारहवीं कक्षा तक स्कूली शिक्षा हेतु एक एकीकृत योजना है।
- मध्याह्न भोजन योजना: यह प्रावधान करती है कि कक्षा I से VIII में पढ़ने वाले छह से चौदह वर्ष की आयु के प्रत्येक बच्चा जो स्कूल में दाखिला लेता है और स्कूल जाता है, उसे स्कूल की छुट्टियों को छोड़कर हर दिन मुफ्त में गर्म पका हुआ पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जाएगा।
- एकलव्य मॉडल स्कूल और राजीव गांधी राष्ट्रीय फैलोशिप योजना (RGNF): इनका उद्देश्य अनुसूचित जनजाति (ST) समुदाय के छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिये प्रोत्साहित करना है।