पराक्रम दिवस 2023 | 24 Jan 2023
प्रिलिम्स के लिये:अंडमान और निकोबार, परमवीर चक्र, सुभाष चंद्र बोस, नेताजी, भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन। मेन्स के लिये :नेताजी सुभाष चंद्र बोस और स्वतंत्रता संग्राम में उनका योगदान। |
चर्चा में क्यों?
पराक्रम दिवस (23 जनवरी) 2023 के अवसर पर अंडमान और निकोबार के 21 द्वीपों का नाम परमवीर चक्र पुरस्कार विजेताओं के नाम पर रखा गया है।
- नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप पर नेताजी को समर्पित एक राष्ट्रीय स्मारक बनाया जाएगा।
- पराक्रम दिवस स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती के अवसर पर मनाया जाता है।
द्वीपों के नामकरण का उद्देश्य:
- परमवीर चक्र पुरस्कार विजेताओं के नाम वाले द्वीप आने वाली पीढ़ियों के लिये प्रेरणा स्थल होंगे। लोग अब भारत के इतिहास को जानने एवं इन द्वीपों को देखने के लिये प्रोत्साहित होंगे।
- परमवीर चक्र भारत का सर्वोच्च सैन्य अलंकरण है, जो युद्ध के दौरान ज़मीन पर, समुद्र या हवा में वीरता के विशिष्ट कार्यों को प्रदर्शित करने के लिये दिया जाता है।
- इसका उद्देश्य उन भारतीय नायकों को श्रद्धांजलि अर्पित करना है, जिनमें से कई ने भारत की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा हेतु अपना बलिदान दिया था।
- द्वीपों का नाम मेजर सोमनाथ शर्मा, सूबेदार और मानद कैप्टन (तत्कालीन लांस नायक) करम सिंह, नायक जदुनाथ सिंह आदि के नाम पर रखा गया है।
नोट: वर्ष 2018 में रॉस द्वीप समूह का नाम बदलकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप, साथ ही नील द्वीप और हैवलॉक द्वीप का नाम बदलकर क्रमशः शहीद द्वीप और स्वराज द्वीप कर दिया गया था।
सुभाष चंद्र बोस:
- जन्म:
- सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी, 1897 को उड़ीसा के कटक शहर में हुआ था। उनकी माता का नाम प्रभावती दत्त बोस और पिता का नाम जानकीनाथ बोस था।
- परिचय:
- वर्ष 1919 में बोस ने भारतीय सिविल सेवा (Indian Civil Services- ICS) परीक्षा पास की, हालाँकि कुछ समय बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
- वे स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं से अत्यधिक प्रभावित थे और उन्हें अपना आध्यात्मिक गुरु मानते थे।
- उनके राजनीतिक गुरु चितरंजन दास थे।
- कॉन्ग्रेस के साथ संबंध:
- उन्होंने बिना शर्त स्वराज (Unqualified Swaraj) अर्थात् स्वतंत्रता का समर्थन किया और मोतीलाल नेहरू रिपोर्ट का विरोध किया जिसमें भारत के लिये डोमिनियन (अधिराज्य) के दर्जे की बात कही गई थी।
- उन्होंने वर्ष 1930 के नमक सत्याग्रह में सक्रिय रूप से भाग लिया और वर्ष 1931 में सविनय अवज्ञा आंदोलन के निलंबन तथा गांधी-इरविन समझौते पर हस्ताक्षर करने का विरोध किया।
- वर्ष 1930 के दशक में वह जवाहरलाल नेहरू और एम.एन. रॉय के साथ कॉन्ग्रेस की वाम राजनीति में संलग्न रहे।
- बोस ने वर्ष 1938 में हरिपुरा में कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष का चुनाव जीता।
- इसके पश्चात् वर्ष 1939 में उन्होंने त्रिपुरी में गांधी जी द्वारा समर्थित उम्मीदवार पट्टाभि सीतारमैय्या के विरुद्ध पुनः अध्यक्ष पद का चुनाव जीता।
- गांधी जी के साथ वैचारिक मतभेद के कारण बोस ने कॉन्ग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया और कॉन्ग्रेस से अलग हो गए। उनकी जगह राजेंद्र प्रसाद को नियुक्त किया गया था।
- कॉन्ग्रेस से अलग होकर उन्होंने ‘द फॉरवर्ड ब्लॉक’ नाम से एक नया दल बनाया। इसके गठन का उद्देश्य अपने गृह राज्य बंगाल में वाम राजनीति के आधार को और अधिक मज़बूत करना था।
- इंडियन नेशनल आर्मी (आज़ाद हिन्द फौज):
- वह जुलाई 1943 में जर्मनी से सिंगापुर (जापान द्वारा नियंत्रित) पहुँचे, वहाँ से उन्होंने अपना प्रसिद्ध नारा 'दिल्ली चलो' जारी किया और 21 अक्टूबर, 1943 को आज़ाद हिंद सरकार और भारतीय राष्ट्रीय सेना के गठन की घोषणा की।
- INA का गठन पहली बार मोहन सिंह और जापानी मेजर इवाइची फुजिवारा के तहत किया गया था और इसमें ब्रिटिश-भारतीय सेना के युद्ध के भारतीय कैदी शामिल थे, जिन्हें मलायन (वर्तमान मलेशिया) तथा सिंगापुर अभियान में जापान द्वारा कब्ज़ा कर लिया गया था।
- INA में सिंगापुर से भारतीय युद्ध कैदी और दक्षिण-पूर्व एशिया से भारतीय नागरिक दोनों शामिल थे। इनकी संख्या बढ़कर 50,000 हो गई।
- INA ने वर्ष 1944 में इंफाल और बर्मा में भारत की सीमाओं के अंदर ब्रिटिश सेना से लड़ाई लड़ी।
- नवंबर 1945 में INA के लोगों पर मुकदमा चलाने के ब्रिटिश सरकार के एक कदम ने पूरे देश में बड़े पैमाने पर प्रदर्शनों को भड़का दिया।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, पिछले वर्ष के प्रश्नप्रश्न. औपनिवेशिक भारत के संदर्भ में शाह नवाज खान, प्रेम कुमार सहगल और गुरबख्श सिंह ढिल्लों किस रूप में याद किये जाते हैं? (2021) (a) स्वदेशी और बहिष्कार आंदोलन के नेता के रूप में उत्तर: (d) व्याख्या:
अतः विकल्प (d) सही उत्तर है। प्रश्न . भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान निम्नलिखित में से किसने 'फ्री इंडियन लीजन' नामक सेना स्थापित की थी? (2008) (a) लाला हरदयाल उत्तर: c व्याख्या:
अतः विकल्प (c) सही है। |