पाम-ऑयल उत्पादन | 29 Sep 2023
प्रिलिम्स के लिये:यूरोपीय संघ, यूरोपीय संघ निर्वनीकरण-मुक्त विनियमन (EUDR), पाम ऑयल, चीन, खाद्य तेल-पाम ऑयल पर राष्ट्रीय मिशन मेन्स के लिये:भारत की पाम-ऑयल नीति पर पाम-तेल उत्पादन को नियंत्रित करने के लिये यूरोपीय संघ की पहल का प्रभाव। |
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
चर्चा में क्यों?
यूरोपीय संघ (EU) ने हाल के वर्षों में पाम ऑयल उत्पादन से संबंधित यूरोपीय संघ निर्वनीकरण-मुक्त विनियमन (EUDR) के माध्यम से वनों की कटाई और पर्यावरण संबंधी चिंताओं को दूर करने के लिये महत्त्वपूर्ण कदम उठाए हैं तथा वर्ष 2030 तक पाम-ऑयल आधारित जैव ईंधन को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के लिये बड़े पैमाने पर प्रयास किये हैं।
- मलेशिया द्वारा चीन को पाम-ऑयल के निर्यात को सालाना दोगुना करने के समझौते पर हस्ताक्षर करना, वनों की कटाई से जुड़ी वस्तुओं पर यूरोपीय संघ के प्रतिबंध से संभावित राजस्व घाटे की भरपाई करने के लिये एक कदम है।
यूरोपीय संघ निर्वनीकरण-मुक्त विनियमन (EUDR) और मलेशिया व इंडोनेशिया की प्रतिक्रियाएँ:
- यूरोपीय संघ निर्वनीकरण-मुक्त विनियमन (EUDR):
- इसका उद्देश्य यूरोपीय संघ में रोजमर्रा की वस्तुओं की आपूर्ति शृंखला से निर्वनीकरण को समाप्त करना है। वर्ष 2030 को लक्ष्य मानकर ब्रुसेल्स में वर्ष 2023 में एक कानून अपनाया गया और यूरोपीय संघ में विक्रय के इच्छुक पाम-ऑयल निर्यातकों पर प्रशासनिक भार डाला गया।
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इसके अलावा, जैव ईंधन, पाम-ऑयल और वनों की कटाई पाम-ऑयल नीति तथा निर्वनीकरण कानून के मुख्य फोकस क्षेत्र हैं।
- विनियमन के लिये कंपनियों को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि यूरोपीय संघ को निर्यात किया गया उत्पाद उस भूमि पर उगाया गया है जहाँ 31 दिसंबर, 2020 के बाद वनों की कटाई नहीं की गई है।
- यह विनियमन विश्व व्यापार संगठन (WTO) के अनुकूल नहीं है और एक गैर-टैरिफ व्यवधान प्रकट करता है।
- मलेशिया और इंडोनेशिया की प्रतिक्रिया:
- इस कानून के माध्यम से कथित यूरोपीय संरक्षणवाद का व्यापक विरोध किया गया।
- यह निर्यात के लिये चीन पर निर्भरता को बढ़ावा देगा, जिससे पर्यावरणीय लाभ समाप्त हो सकते हैं।
- यूरोपीय संघ के लिये निहितार्थ बहुत अधिक हैं और चीनी बाज़ारों को इससे काफी लाभ हो सकता है।
पाम ऑयल और इसके उपयोग:
- परिचय:
- पाम ऑयल एक खाद्य वनस्पति ऑयल है जो पाम अर्थात् ताड़ के फल के मेसोकार्प (लाल रंग का गूदा) से प्राप्त होता है।
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इसका उपयोग खाना पकाने के ऑयल के रूप में और सौंदर्य प्रसाधन, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, केक, चॉकलेट, स्प्रेड, साबुन, शैम्पू तथा सफाई उत्पादों से लेकर जैव ईंधन तक प्रत्येक वस्तु में किया जाता है।
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बायोडीज़ल बनाने में कच्चे पाम-ऑयल के उपयोग को 'ग्रीन डीज़ल' ब्रांड के रूप में उपयोग किया जा रहा है।
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उत्पादन:
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इंडोनेशिया और मलेशिया मिलकर वैश्विक पाम ऑयल उत्पादन में लगभग 90% का योगदान देते हैं, जिसमें इंडोनेशिया ने वर्ष 2021 में सर्वाधिक 45 मिलियन टन से अधिक का उत्पादन किया।
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पाम ऑयल उद्योग से जुड़े मुद्दे:
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कथित तौर पर अस्थिर उत्पादन प्रथाओं के कारण निर्वनीकरण और औपनिवेशिक युग से चली आ रही शोषणकारी श्रम प्रथाओं के कारण पाम ऑयल उद्योग आलोचना के घेरे में आ गया है।
- हालाँकि पाम ऑयल कई व्यक्तियों द्वारा पसंद किया जाता है क्योंकि यह सस्ता है, पाम का पौधा सोयाबीन जैसे कुछ अन्य वनस्पति ऑयल पौधों की तुलना में प्रति हेक्टेयर अधिक ऑयल का उत्पादन करता है।
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वैश्विक आपूर्ति शृंखलाओं के लिये पाम ऑयल की महत्ता:
- वैश्विक आपूर्ति शृंखला:
- संयुक्त राज्य अमेरिका के कृषि विभाग (USDA) के अनुसार, पाम ऑयल विश्व का सबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला वनस्पति ऑयल है, जिसका वैश्विक उत्पादन वर्ष 2020 में 73 मिलियन टन (MT) से अधिक हुआ।
- वित्त वर्ष 2022-23 में इसके 77 मीट्रिक टन होने का अनुमान है।
- रॉयटर्स के अनुसार, पाम ऑयल वैश्विक स्तर पर चार सबसे व्यापक रूप से उपयोग किये जाने वाले खाद्य तेलों की वैश्विक आपूर्ति का 40% योगदान देता है जिसमें पाम, सोयाबीन, रेपसीड (कैनोला) और सूरजमुखी ऑयल शामिल हैं।
- इंडोनेशिया पाम ऑयल की 60% वैश्विक आपूर्ति के लिये ज़िम्मेदार है।
- संयुक्त राज्य अमेरिका के कृषि विभाग (USDA) के अनुसार, पाम ऑयल विश्व का सबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला वनस्पति ऑयल है, जिसका वैश्विक उत्पादन वर्ष 2020 में 73 मिलियन टन (MT) से अधिक हुआ।
- पाम ऑयल आयात में भारत की स्थिति:
- भारत पाम ऑयल का सबसे बड़ा आयातक है, जो इसकी वनस्पति तेल की कुल खपत का 40% हिस्सा है। भारत अपनी वार्षिक 8.3 मीट्रिक टन पाम ऑयल की ज़रूरत का आधा हिस्सा इंडोनेशिया से आयात करता है।
- वर्ष 2021 में भारत ने अपने घरेलू पाम ऑयल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये खाद्य तेल-पाम ऑयल पर राष्ट्रीय मिशन का अनावरण किया।
- भारत की खाना पकाने की आवश्यकताओं के लिये पाम ऑयल से संबंधित लाभों को देखते हुए, भारतीय किसानों को देश में पाम ऑयल उत्पादन बढ़ाने हेतु पाम ऑयल के क्षेत्र विस्तार के प्रयासों को तेज़ करने के लिये प्रोत्साहित किया जाना चाहिये।
- भारत को अपनी खरीद के साथ-साथ आवश्यकताओं में भी विविधता लानी चाहिये।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (A) केवल 1 उत्तर: (A) प्रश्न. पीड़कों को प्रतिरोध के अतिरिक्त वे कौन-सी संभावनाएँ है जिनके लिये आनुवंशिक रूप से रूपांतरित पादपों का निर्माण किया गया है?(2012)
निम्नलिखित कूटों के आधार पर सही उत्तर चुनिये: (A) केवल 1 और 2 उत्तर: C |