NSO समय उपयोग सर्वेक्षण 2024 | 27 Feb 2025
स्रोत: पी.आई.बी.
चर्चा में क्यों?
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) के तहत राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने समय उपयोग सर्वेक्षण (TUS) 2024 जारी किया है जो वर्ष 2019 में किये गए पहले सर्वेक्षण के बाद दूसरा ऐसा राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण है।
- इस सर्वेक्षण में महिलाओं के बीच रोज़गार वृद्धि, देखभाल सेवाओं में पुरुषों की अधिक भागीदारी तथा अवकाश एवं सांस्कृतिक गतिविधियों में व्यतीत होने वाले समय में वृद्धि पर प्रकाश डाला गया है, जो भारत में लैंगिक भूमिकाओं में बदलाव का संकेत है।
नोट: TUS के तहत भुगतान एवं भुगतान रहित गतिविधियों में आवंटित समय पर ध्यान दिया जाता है तथा दैनिक जीवन के विभिन्न पहलुओं के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की जाती है जबकि पारंपरिक सर्वेक्षण में कार्यों के विशिष्ट पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।
- भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान, कोरिया, अमेरिका और चीन में आयोजित इस अध्ययन में कार्य, देखभाल, शिक्षा और अवकाश के संदर्भ में लैंगिक भागीदारी का विश्लेषण किया गया है।
TUS 2024 के प्रमुख निष्कर्ष क्या हैं?
- रोज़गार भागीदारी: वर्ष 2024 के दौरान 15-59 वर्ष आयु वर्ग के 75 प्रतिशत पुरुष और 25 प्रतिशत महिलाओं ने रोज़गार और संबंधित गतिविधियों में भाग लिया। वर्ष 2019 के दौरान यह भागीदारी पुरुषों के लिये 70.9 प्रतिशत तथा महिलाओं के लिये 21.8 प्रतिशत थी।
- अवैतनिक घरेलू सेवाओं में कार्यरत 15-59 वर्ष की आयु की महिला प्रतिभागियों ने वर्ष 2019 के दौरान इन गतिविधियों में प्रतिदिन लगभग 315 मिनट खर्च किये, जो वर्ष 2024 के दौरान घटकर 305 मिनट रह गए हैं, जो अवैतनिक से सशुल्क गतिविधियों की ओर बदलाव को दर्शाता है।
- शहरी महिलाओं की रोज़गार भागीदारी में ग्रामीण महिलाओं की तुलना में अधिक वृद्धि देखी गई, जो संभवतः बेहतर रोज़गार के अवसरों, शिक्षा और सहायता प्रणालियों से प्रेरित है।
- देखभाल: 15-59 आयु वर्ग में 41% महिलाओं ने देखभाल कार्यों में भाग लिया, जबकि पुरुषों में यह आँकड़ा 21.4% था।
- महिलाओं द्वारा देखभाल कार्यों पर प्रतिदिन 140 मिनट खर्च किये गए जबकि पुरुषों के बीच यह आँकड़ा 74 मिनट का है। हालांकि देखभाल का कार्य अभी भी महिलाओं द्वारा ही किया जा रहा है, लेकिन इसमें पुरुषों की भागीदारी बढ़ी है।
- बच्चों के पालन-पोषण तथा बुजुर्गों की देखभाल में पिता की अधिक भागीदारी देखने को मिल रही है, जो बदलती लैंगिक भूमिकाओं एवं शहरीकरण से प्रभावित है।
- महिलाओं द्वारा देखभाल कार्यों पर प्रतिदिन 140 मिनट खर्च किये गए जबकि पुरुषों के बीच यह आँकड़ा 74 मिनट का है। हालांकि देखभाल का कार्य अभी भी महिलाओं द्वारा ही किया जा रहा है, लेकिन इसमें पुरुषों की भागीदारी बढ़ी है।
- अवकाश एवं सांस्कृतिक तथा शैक्षिक गतिविधियाँ: 6 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों द्वारा वर्ष 2024 के दौरान अपने दिन का 11 प्रतिशत समय संस्कृति, अवकाश, जनसंचार माध्यम और खेल गतिविधियों में व्यतीत किया गया जबकि वर्ष 2019 के दौरान यह आँकड़ा 9.9 प्रतिशत था।
- 6-14 वर्ष आयु वर्ग के 89.3 प्रतिशत बच्चों ने शिक्षण गतिविधियों में भाग लिया और उन्होंने ऐसी गतिविधियों के लिये प्रतिदिन लगभग 413 मिनट का समय खर्च किया।
- घरेलू उत्पादन: लगभग 16.8% जनसंख्या ने अंतिम उपयोग संबंधी वस्तुओं के उत्पादन में भाग लिया।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO)
- परिचय: भारत में NSO (जो डेटा का मानकीकरण, समन्वय और प्रसार सुनिश्चित करता है) सांख्यिकीय विकास हेतु नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करता है।
- NSO में केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (CSO), डेटा सूचना विज्ञान एवं नवाचार प्रभाग (DIID) और राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (NSSO) शामिल हैं।
- कार्य: NSO औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) को संकलित और जारी करता है, उद्योगों का वार्षिक सर्वेक्षण (ASI) आयोजित करता है, और औद्योगिक विकास और आर्थिक रुझानों पर सांख्यिकीय जानकारी प्रदान करता है।
दृष्टि मेन्स प्रश्न: प्रश्न: समय उपयोग सर्वेक्षण (TUS) 2024 भारत में बदलती लैंगिक भूमिकाओं को किस प्रकार प्रतिबिंबित करता है? |