राष्ट्रीय औषधीय शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान संशोधन विधेयक, 2021 | 11 Dec 2021
प्रिलिम्स के लिये:राष्ट्रीय औषधीय शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान विधेयक, 2021, राज्यसभा मेन्स के लिये:राष्ट्रीय औषधीय शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान विधेयक, 2021 के विभिन्न प्रावधान एवं इनका महत्त्व |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राज्यसभा में राष्ट्रीय औषधीय शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान विधेयक, 2021 (NIPER) पारित किया।
- इसके माध्यम से ‘राष्ट्रीय औषधीय शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान अधिनियम, 1998’ में संशोधन किया जायेगा, जिसके तहत पंजाब के मोहाली में ‘राष्ट्रीय औषधीय शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान’ की स्थापना की गई और इसे राष्ट्रीय महत्त्व का संस्थान घोषित किया।
प्रमुख बिंदु
- विधेयक के संबंध में सामान्य तथ्य:
- राष्ट्रीय महत्त्व के संस्थान की स्थिति:
- यह अहमदाबाद, हाजीपुर, हैदराबाद, कोलकाता, गुवाहाटी तथा रायबरेली में स्थित औषधीय शिक्षा और अनुसंधान संस्थान के छह और संस्थानों को 'राष्ट्रीय महत्त्व के संस्थान' का दर्जा देने का प्रयास करता है।
- सलाहकार परिषद की स्थापना:
- परिषद एक केंद्रीय निकाय होगी, जो फार्मास्युटिकल शिक्षा और अनुसंधान तथा मानकों के रखरखाव के समन्वित विकास को सुनिश्चित करने के लिये सभी संस्थानों की गतिविधियों का समन्वय करेगी।
- परिषद के कार्यों में शामिल हैं:
- पाठ्यक्रम की अवधि से संबंधित मामलों पर सलाह देना, भर्ती के लिये नीतियाँ बनाना, संस्थानों की विकास योजनाओं की जाँच और अनुमोदन करना, केंद्र सरकार को धन आवंटन के लिये सिफारिशों हेतु संस्थानों के वार्षिक बजट अनुमानों की जाँच करना।
- बोर्ड ऑफ गवर्नर्स को युक्तिसंगत बनाना:
- यह विधेयक प्रत्येक NIPER के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स को 23 से 12 सदस्यों की मौजूदा संख्या से युक्तिसंगत बनाता है और संस्थानों द्वारा चलाए जा रहे पाठ्यक्रमों के दायरे और संख्या को बढ़ाता है।
- राष्ट्रीय महत्त्व के संस्थान की स्थिति:
- महत्त्व:
- NIPERs, IIT की तर्ज पर प्रशासित होंगे।
- NIPER अनुसंधान में मदद करेगा जिससे भारत में अधिक पेटेंट सृजन किया जा सकता है, जिसका अर्थ यह होगा कि राष्ट्र उच्च लागत वाली औषधि का उत्पादन कर सकता है।
- विधेयक से संबंधित मुद्दे:
- अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 (एससी/एसटी अधिनियम), ओबीसी और महिलाओं के साथ राज्य सरकारों को NIPERs की शीर्ष परिषद में शामिल नहीं किया गया है।
- स्वायत्तता और सत्ता के अति-केंद्रीकरण जैसे मुद्दे भी चिंतनीय है।
- विधेयक में कहा गया है कि प्रस्तावित परिषद को इन संस्थानों के वित्तीय, प्रशासनिक और प्रबंधकीय मामलों के संबंध में अत्यधिक शक्तियों के साथ अधिकार दिया गया है, जिसे बहुत सावधानी से संचालित किया जाना है।
- विधेयक संभावित रूप से संस्थानों की स्वायत्तता से समझौता करता है क्योंकि परिषद ज़्यादातर केंद्र सरकार के नौकरशाहों और कुछ सांसदों से मिलकर निर्मित होगी, जिसमें कोई निर्णय किसी विशेष संस्थान के सर्वोत्तम हित हो प्रभावित कर सकता है।
राष्ट्रीय औषधीय शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (NIPERs)
- NIPER, रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय (Ministry of Chemicals and Fertilizers) के फार्मास्यूटिकल्स विभाग के अधीन राष्ट्रीय महत्त्व का संस्थान है।
- राष्ट्रीय महत्त्व का संस्थान एक ऐसा स्वायत्त निकाय/संस्थान है जिसके पास परीक्षा आयोजित करने और शैक्षिक प्रमाण पत्र/डिग्री प्रदान करने की शक्ति होती है।
- उन्हें केंद्र सरकार से वित्त सहायता प्राप्त होती है।
- राष्ट्रीय महत्त्व का संस्थान एक ऐसा स्वायत्त निकाय/संस्थान है जिसके पास परीक्षा आयोजित करने और शैक्षिक प्रमाण पत्र/डिग्री प्रदान करने की शक्ति होती है।
- इस संस्थान में न केवल देश के भीतर बल्कि दक्षिण-पूर्व एशिया, दक्षिण एशिया एवं अफ्रीकी देशों में भी औषधि विज्ञान एवं संबंधित क्षेत्रों में नेतृत्त्व प्रदान करने की क्षमता है।
- NIPER, मोहाली ‘एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज़’ एवं ‘एसोसिएशन ऑफ कॉमनवेल्थ यूनिवर्सिटीज़’ का सदस्य है।
- वर्ष 1925 में इंटर-यूनिवर्सिटी बोर्ड (Inter-University Board- IUB) के रूप में गठित एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज (Association of Indian Universities- AIU), भारत के सभी विश्वविद्यालयों का एक संघ है। यह सक्रिय रूप से उच्च शिक्षा के विकास और विकास में संलग्न है।
- राष्ट्रमंडल विश्वविद्यालयों का संघ राष्ट्रमंडल के 50 से अधिक देशों में उच्च शिक्षा के माध्यम से एक बेहतर दुनिया के निर्माण के लिये समर्पित एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है।