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संविधान की नौवीं अनुसूची

  • 19 Apr 2023
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

आरक्षण, संविधान (पहला संशोधन) अधिनियम, 1951।

मेन्स के लिये:

संविधान की नौवीं अनुसूची।

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर संविधान की नौवीं अनुसूची में नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण के उच्च कोटे की अनुमति देने वाले दो संशोधन विधेयकों को शामिल करने की मांग की।

क्या है विधेयक? 

विधेयकों को नौवीं अनुसूची में शामिल करने की आवश्यकता: 

  • संविधान की नौवीं अनुसूची में केंद्रीय और राज्य कानूनों की एक सूची शामिल है जिन्हें न्यायालयों में चुनौती नहीं दी जा सकती है। नौवीं अनुसूची में दो संशोधन विधेयकों को शामिल करने से वे कानूनी चुनौतियों से मुक्त हो जाएंगे।
  • छत्तीसगढ़ सरकार का तर्क है कि नौवीं अनुसूची में संशोधित प्रावधानों को शामिल करना राज्य में पिछड़े और वंचित वर्गों को न्याय दिलाने के लिये महत्त्वपूर्ण है।
  • इससे पहले छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने 58% कोटा की अनुमति देने वाले एक सरकारी आदेश को रद्द कर दिया था, जिसमें कहा गया था कि आरक्षण 50% से अधिक नहीं हो सकता क्योंकि यह असंवैधानिक है।  
    • हालाँकि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों को 76% आरक्षण प्रदान करने के लिये राज्य विधानसभा द्वारा दो संशोधन विधेयक पारित किये गए थे।

नौवीं अनुसूची: 

  • इस अनुसूची में केंद्रीय और राज्य कानूनों की एक सूची है जिसे न्यायालयों में चुनौती नहीं दी जा सकती है जिसे संविधान (प्रथम संशोधन) अधिनियम, 1951 द्वारा जोड़ा गया था।
    • पहले संशोधन में अनुसूची में 13 कानूनों को जोड़ा गया था। बाद के विभिन्न संशोधनों सहित वर्तमान में संरक्षित कानूनों की संख्या 284 हो गई है।
  • यह नए अनुच्छेद 31B के तहत बनाया गया था, जिसे अनुच्छेद 31A के साथ सरकार द्वारा कृषि सुधार से संबंधित कानूनों की रक्षा करने और ज़मींदारी प्रथा को समाप्त करने हेतु लाया गया था।
    • अनुच्छेद 31A कानून के 'उपबंधों' को सुरक्षा प्रदान करता है, जबकि अनुच्छेद 31B विशिष्ट कानूनों या अधिनियमों को सुरक्षा प्रदान करता है।
    • जबकि अनुसूची के तहत संरक्षित अधिकांश कानून कृषि/भूमि के मुद्दों से संबंधित हैं, सूची में अन्य विषय भी शामिल हैं।
  • अनुच्छेद 31B में एक पूर्वव्यापी संचालन भी है, जिसका अर्थ है कि यदि कानूनों को असंवैधानिक घोषित किये जाने के बाद नौवीं अनुसूची में शामिल किया जाता है, तो उन्हें उनकी स्थापना के बाद से अनुसूची में माना जाता है, अतः उन्हें वैध माना जाता है।
  • इस तथ्य के बावजूद कि अनुच्छेद 31B न्यायिक समीक्षा के बाहर है, सर्वोच्च न्यायालय ने पहले कहा है कि नौवीं अनुसूची में सूचीबद्ध कानून भी समीक्षा के अधीन होंगे यदि वे मौलिक अधिकारों या संविधान के मौलिक सिद्धांतों का उल्लंघन करते हैं।

क्या नौवीं अनुसूची के कानून न्यायिक जाँच से पूरी तरह मुक्त हैं?

  • केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973): सर्वोच्च न्यायालय ने गोलकनाथ मामले में निर्णय को बरकरार रखा तथा "भारतीय संविधान की मूल संरचना" की एक नई अवधारणा पेश की और कहा कि, "संविधान के सभी प्रावधानों में संशोधन किया जा सकता है लेकिन यह उन संशोधनों को संविधान के बुनियादी ढाँचे से हटा देगा जिसमें मौलिक अधिकार शामिल हैं, न्यायालय द्वारा खारिज किये जाने के योग्य हैं"।
  • वामन राव बनाम भारत संघ (1981): इस महत्त्वपूर्ण निर्णय में सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि "वे संशोधन जो 24 अप्रैल, 1973 (जिस पर केशवानंद भारती मामले में निर्णय दिया गया था) से पहले संविधान में किये गए थे, वैध और संवैधानिक हैं लेकिन जो निर्दिष्ट तिथि के बाद बनाए गए थे, उन्हें संवैधानिकता के आधार पर चुनौती दी जा सकती है।
  • आई आर कोल्हो बनाम तमिलनाडु राज्य (2007): यह माना गया था कि 24 अप्रैल, 1973 के बाद लागू होने पर अनुच्छेद 14, 19 और 21 के तहत हर कानून का परीक्षण किया जाना चाहिये।
    • इसके अतिरिक्त न्यायालय ने अपने पिछले निर्णयों को बरकरार रखा और घोषित किया कि किसी भी अधिनियम को चुनौती दी जा सकती है तथा यदि यह संविधान की मूल संरचना के अनुरूप नहीं है तो न्यायपालिका द्वारा जाँच के लिये खुला है।
    • इसके अलावा यह भी कहा गया कि यदि नौवीं अनुसूची के तहत किसी कानून की संवैधानिक वैधता को पहले बरकरार रखा गया है, तो भविष्य में इसे फिर से चुनौती नहीं दी जा सकती है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018) 

  1. भारत की संसद किसी कानून विशेष को भारत के संविधान की नौवीं अनुसूची में डाल सकती है।
  2. नौवीं अनुसूची में डाले गए कानून विशेष की वैधता का परीक्षण किसी भी न्यायालय द्वारा नहीं किया जा सकता है और उस पर कोई निर्णय भी नहीं दिया जा सकता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (a)


प्रश्न. नौवीं अनुसूची को भारत के संविधान में किसके प्रधानमंत्रित्त्व काल में पेश किया गया था? (2019) 

(a) जवाहरलाल नेहरू
(b) लाल बहादुर शास्त्री
(c) इंदिरा गांधी
(d) मोरारजी देसाई

उत्तर: (a)


मेन्स: 

प्रश्न. कोहिलो केस में क्या अभिनिर्धारित किया गया था? इस संदर्भ में क्या आप कह सकते हैं कि न्यायिक पुनर्विलोकन संविधान के बुनियादी अभिलक्षणों में प्रमुख महत्त्व का है? (2016) 

स्रोत: द हिंदू

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