निकोटीन की लत का उपचार | 23 Dec 2023
प्रिलिम्स के लिये:निकोटीन, निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी, राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम मेन्स के लिये:निकोटीन की लत और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर बोझ, सरकारी नीतियाँ एवं हस्तक्षेप |
स्रोत: द हिंदू
चर्चा में क्यों?
निकोटीन की लत के उपचार को फिर से परिभाषित करने के लिये हाल ही में किये गए एक अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने विटामिन सी और कोटिनीन, निकोटीन मेटाबोलाइट का लाभ उठाने वाली एक सफल विधि, का अनावरण किया है।
- यह दृष्टिकोण पारंपरिक निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी (NRT) से अलग है।
नोट:
- निकोटीन एक पौधा एल्कलॉइड है जिसमें नाइट्रोजन होता है, जो तंबाकू के पौधे सहित कई प्रकार के पौधों में पाया जाता है और इसे कृत्रिम रूप से भी उत्पादित किया जा सकता है।
- निकोटीन शामक और उत्तेजक दोनों गुणों वाला होता है। यह तंबाकू उत्पादों में मुख्य मनो-सक्रिय घटक है।
- तंबाकू धूम्रपान के बाद कोटिनीन निकोटीन के एक प्रमुख मेटाबोलाइट के रूप में बनता है।
अध्ययन से संबंधित मुख्य बातें क्या हैं?
- कोटिनीन का प्रयोग:
- वर्तमान NRT पैच अथवा लोज़ेंज (औषधीय गोलियाँ) के माध्यम से शरीर को अतिरिक्त निकोटीन प्रदान करने पर निर्भर करता है।
- व्यक्तियों के लिये धूम्रपान छोड़ना चुनौतीपूर्ण होता है, जो तलब, चिड़चिड़ापन, चिंता, भूख में वृद्धि और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई के रूप में प्रकट होता है।
- शोधकर्त्ता एक वैकल्पिक दृष्टिकोण के रूप में कोटिनीन (निकोटीन के ऑक्सीडेटिव मेटाबोलाइट) का पता लगाते हैं।
- मनुष्यों में आम तौर पर 80% निकोटीन शरीर में कोटिनीन के रूप में जमा होता है, जबकि शेष 20% मूत्र के माध्यम से शरीर के बाहर हो जाता है। कोटिनीन कैंसर का कारण बन सकता है।
- शोधकर्त्ताओं ने कोटिनिन को वापस निकोटीन में परिवर्तित करने के लिये एक अवकारक/अपचायक अभिकर्मक के रूप में एस्कॉर्बिक एसिड (विटामिन C) का उपयोग किया, जो निकोटीन उत्प्रेरण रोकने के लिये रक्त में पुन: प्रसारित होता है।
- शोधकर्त्ताओं ने धूम्रपान करने वालों के लिये विटामिन C के साथ एक घुलनशील झिल्ली निर्मित की, जिसका उपयोग धूम्रपान करने की इच्छा होने पर किया जा सके।
- निर्दिष्ट खुराक में एस्कॉर्बिक एसिड धूम्रपान करने वालों के प्लाज़्मा (रक्त का तरल भाग) के भीतर कोटिनिन को निकोटीन में परिणत करने की सुविधा प्रदान करता है।
- वर्तमान NRT पैच अथवा लोज़ेंज (औषधीय गोलियाँ) के माध्यम से शरीर को अतिरिक्त निकोटीन प्रदान करने पर निर्भर करता है।
- परिणाम:
- विटामिन C बिना किसी दुष्प्रभाव के कोटिनीन को निकोटीन में बदलने में मदद करता है। अतिरिक्त निकोटीन की आवश्यकता के बिना अंत में शरीर विषाक्त पदार्थों से छुटकारा पा लेता है।
- भविष्य के विचार और अध्ययन संबंधी आवश्यकताएँ:
- जैसा कि अध्ययन से संकेत मिलता है, परिवर्तित निकोटीन को केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (CNS) प्रभावों को उत्प्रेरित करने के लिये पुन: प्रसारित किया जा सकता है, जो संभावित रूप से निकोटीन विथड्राॅल के उपचार में सहायता करता है।
- शोध दल अपने निष्कर्षों को मान्य करने के लिये बड़े नमूनों के साथ आगामी अध्ययन की आवश्यकता को स्वीकार करता है।
निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी (NRT):
- यह व्यक्तियों को धूम्रपान रोकने में सहायता करने वाला एक उपचार है। यह ऐसे उत्पादों का उपयोग करता है जिनके सेवन से कम निकोटीन ग्रहण किया जाता है।
- इन उत्पादों में धुएँ में पाए जाने वाले अन्य विषाक्त पदार्थ नहीं होते हैं। निकोटीन की तलब को कम करना और वापसी के लक्षणों को कम करना थेरेपी का मुख्य उद्देश्य है।
- NRT उत्पाद कई रूपों में आते हैं, जिनमें गम, ट्रांसडर्मल पैच, नेज़ल स्प्रे, ओरल इन्हेलर और टैबलेट शामिल हैं।
भारत में तंबाकू उपभोग की स्थिति क्या है?
- ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे इंडिया, 2016-17 के अनुसार, भारत में लगभग 267 मिलियन वयस्क (15 वर्ष और उससे अधिक) (सभी वयस्कों का 29%) तंबाकू का सेवन करते हैं।
- भारत में तंबाकू के उपयोग का सबसे प्रचलित रूप धुआँ रहित तंबाकू है और इसके तहत आमतौर पर इस्तेमाल किये जाने वाले उत्पाद खैनी, गुटखा और पानमसाला हैं।
- धूम्रपान के रूप में बीड़ी, सिगरेट और हुक्का का उपयोग किया जाता है।
- तंबाकू कैंसर, फेफड़ों की बीमारी, हृदय रोग और स्ट्रोक सहित कई बीमारियों के जोखिम का प्रमुख कारक है।
- यह भारत में मृत्यु व बीमारी के प्रमुख कारणों में से एक है और इससे हर वर्ष लगभग 1.35 मिलियन लोगों की मौत होती है।
- भारत तंबाकू का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता और उत्पादक भी है। देश में कई तरह के तंबाकू उत्पाद बेहद कम कीमत पर उपलब्ध हैं।
- वर्ष 2017-18 में भारत में 35 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों को होने वाली सभी बीमारियों में तंबाकू के उपयोग के कारण होने वाली बीमारियों की कुल आर्थिक लागत 27.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर थी।
तंबाकू उपभोग से संबंधित सरकारी पहल:
- सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय तथा वितरण का विनियमन) अधिनियम, 2003:
- उपरोक्त अधिनियम, अनुसूची में उल्लिखित सभी तंबाकू युक्त उत्पादों पर लागू होता है। भारत में सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों के विज्ञापन पर प्रतिबंध लगाता है तथा व्यापार, वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण को नियंत्रित करता है।
- राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम (NTCP):
- इसे 11वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान वर्ष 2007-08 में शुरू किया गया था, ताकि तंबाकू सेवन के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता दी जा सके, तंबाकू उत्पादों के उत्पादन और आपूर्ति को कम किया जा सके, COTPA 2003 के तहत शामिल प्रावधानों का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जा सके तथा इससे प्रभावित लोगों की सहायता की जा सके।
- राष्ट्रीय तंबाकू क्विटलाइन सेवाएँ (NTQLS):
- NTQLS का उद्देश्य तंबाकू छोड़ने के लिये टेलीफोन आधारित जानकारी, सलाह, समर्थन और रेफरल प्रदान करना है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न1. निम्नलिखित में से कौन-से कारण/कारक बेंज़ीन प्रदूषण उत्पन्न करते हैं? (2020)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये– (a) केवल 1, 2 और 3 उत्तर: A |