जैव विविधता और पर्यावरण
प्रकृति आधारित समाधान
- 30 Jun 2022
- 10 min read
प्रिलिम्स के लिये:प्रकृति आधारित समाधान, विश्व शहरी मंच, IUCN, स्थानीय नेतृत्व वाली अनुकूलन, हरी छत, विश्व जल दिवस, संयुक्त राष्ट्र जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन, Cities4Forests मेन्स के लिये:स्थानीय नेतृत्व अनुकूलन, प्रकृति आधारित समाधान के प्रकार, NbS की पहचान |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राष्ट्रीय शहरी मामलों के संस्थान (NIUA) क्लाइमेट सेंटर फॉर सिटीज़ (NIUA C-Cube), विश्व संसाधन संस्थान भारत (WRI India-World Resources Institute India) और उनके सहयोगियों ने पोलैंड में 11वें विश्व शहरी मंच में शहरी प्रकृति-आधारित समाधानों (NbS) के लिये भारत का पहला राष्ट्रीय गठबंधन मंच लॉन्च किया।
- NIUA देश में टिकाऊ, समावेशी और उत्पादक शहरी पारिस्थितिक तंत्र को विकसित करने के लिये शहरी विकास एवं प्रबंधन पर अनुसंधान, ज्ञान प्रबंधन, नीति, वकालत तथा क्षमता निर्माण पर केंद्रित है।
विश्व शहरी मंच:
- विश्व शहरी मंच (WUF) स्थायी शहरीकरण पर प्रमुख वैश्विक सम्मेलन है।
- WUF की स्थापना 2001 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा तेज़ी से शहरीकरण और समुदायों, शहरों, अर्थव्यवस्थाओं, जलवायु परिवर्तन तथा नीतियों पर इसके प्रभाव की जांँच करने के लिये की गई थी।
- WUF11, UN-Habitat, पोलैंड के विकास निधि और क्षेत्रीय नीति मंत्रालय व केटोवाइस, पोलैंड के नगर कार्यालय द्वारा सह-संगठित है।
NbS राष्ट्रीय गठबंधन मंच:
- प्रकृति-आधारित समाधानों के लिये इंडिया फोरम का उद्देश्य शहरी प्रकृति-आधारित समाधानों को बढ़ाने में मदद करने हेतु NbS उद्यमियों, सरकारी संस्थाओं और समान विचारधारा वाले संगठनों का एक समूह बनाना है।
- एक साझा भाषा को परिभाषित करना और मौजूदा NbS हस्तक्षेपों को बढ़ाने सहित स्थानीय स्तर पर कार्रवाई को सूचित करने वाले लाभों का संचार करना।
- बहु-हितधारक समन्वय के माध्यम से निवेश को बढ़ावा देना और वितरण तंत्र को मज़बूत करना।
- सूचना नीति, योजनाओं और परियोजना हस्तक्षेपों के माध्यम से भारत में शहरी पारिस्थितिकी तंत्र-आधारित सेवाओं व प्रकृति-आधारित समाधानों/नेचर बेस्ड सोल्यूशंस को मुख्यधारा में लाना।
प्रकृति आधारित समाधान(NbS)
- प्रकृति आधारित समाधान के बारे में:
- अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) द्वारा NbS को प्राकृतिक और संशोधित पारिस्थितिक तंत्रों की रक्षा, स्थायी प्रबंधन और पुनर्स्थापना करने के कार्य के रूप में परिभाषित किया गया है जो सामाजिक चुनौतियों को प्रभावी व अनुकूल ढंग से संबोधित करने के साथ मानव कल्याण एवं जैवविविधता से जुड़े लाभ प्रदान करते हैं।
- पारिस्थितिकी तंत्र-आधारित सेवाएंँ और प्रकृति-आधारित समाधान जलवायु परिवर्तन प्रेरित चुनौतियों जैसे- गर्मी, शहरी बाढ़, वायु, जल प्रदूषण तथा तूफान की लहरों को दूर करने के लिये लागत प्रभावी व टिकाऊ तरीकों से तीव्र रूप से उभर रहे हैं।
- NbS जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने के साथ-साथ विभिन्न सामाजिक चुनौतियों का समाधान करने, जलवायु परिवर्तन प्रेरित आपदाओं से सबसे अधिक प्रभावित होने वाले वंचित और कमज़ोर शहरी समुदायों के निर्माण सहित कई पारिस्थितिक तंत्र में लाभ प्रदान करने में भी मदद करते हैं।
- जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को दूर करने या कम करने के लिये स्थानीय नेतृत्व वाले अनुकूलन के विचार पर व्यापक रूप से चर्चा की गई है, जिसे NbS को निर्देशित किया गया है।
- अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) द्वारा NbS को प्राकृतिक और संशोधित पारिस्थितिक तंत्रों की रक्षा, स्थायी प्रबंधन और पुनर्स्थापना करने के कार्य के रूप में परिभाषित किया गया है जो सामाजिक चुनौतियों को प्रभावी व अनुकूल ढंग से संबोधित करने के साथ मानव कल्याण एवं जैवविविधता से जुड़े लाभ प्रदान करते हैं।
लोकल लेड एडेप्टेशन:
- स्थानीय नेतृत्व चालित अनुकूलन या लोकल लेड एडेप्टेशन से आशय स्थानीय समुदायों और स्थानीय सरकारों द्वारा जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिये प्रभावी निर्णय लेने के सशक्त प्रयासों से है।
- लोकल लेड एडेप्टेशन को अक्सर स्वदेशी समाधानों के आधार पर परिभाषित किया जाता है, जो प्रायः प्रकृति से जुड़े होते हैं।
- यह देखते हुए कि सबसे कमज़ोर आबादी वे हैं जो प्राकृतिक संसाधनों पर अधिक निर्भर हैं, इसलिये यह उम्मीद की जानी चाहिये कि समाधान भी अक्सर उसी स्रोत से अंकुरित होते हैं।
- क्षमता:
- बाढ़ के पानी से स्थानीय समुदायों को बचाने के लिये आर्द्रभूमि को बहाल करना या मैंग्रोव वनों का संरक्षण करना जो मछलियों के लिये नर्सरी प्रदान करते हैं और तूफान से होने वाले नुकसान से आस-पास के घरों की रक्षा करते हैं।
- लवणीय दलदलों की रक्षा करने से लेकर वन आवासों को बहाल करने तक दुनिया भर में प्रकृति-आधारित समाधान पहले से ही चल रहे हैं।
- हरे रंग की छतें या दीवारें प्रकृति-आधारित समाधान हैं, जिन्हें शहरों में उच्च तापमान के प्रभाव को कम करने, तूफान के पानी को नियंत्रित करने, प्रदूषण को कम करने और कार्बन सिंक के रूप में कार्य करने के साथ-साथ जैवविविधता को बढ़ाने के लिये लागू किया जा सकता है।
- प्रकार:
- पारिस्थितिक तंत्र में न्यूनतम हस्तक्षेप:
- इसमें पारिस्थितिक तंत्र में कोई या न्यूनतम हस्तक्षेप नहीं होता है।
- उदाहरणों में शामिल हैं तटीय क्षेत्रों में मैंग्रोव का संरक्षण, ताकि चरम मौसम की स्थिति से जुड़े जोखिमों को सीमित किया जा सके और स्थानीय आबादी को लाभ व अवसर प्रदान किये जा सकें।
- पारिस्थितिक तंत्र और परिदृश्य में कुछ हस्तक्षेप:
- यह प्रबंधन के दृष्टिकोण से मेल खाता है जो सतत् और बहुक्रियाशील पारिस्थितिक तंत्र एवं परिदृश्य (व्यापक रूप से या गहन रूप से प्रबंधित) विकसित करता है।
- इस प्रकार का NbS प्राकृतिक प्रणाली कृषि, कृषि-पारिस्थितिकी और विकास-उन्मुख वानिकी जैसी अवधारणाओं से दृढ़ता से जुड़ा हुआ है।
- व्यापक तरीकों से पारिस्थितिक तंत्र का प्रबंधन:
- इसमें पारिस्थितिक तंत्र को बहुत व्यापक तरीके से प्रबंधित करना या यहाँ तक कि नए पारिस्थितिक तंत्र (उदाहरण के लिये शहर की गर्मी और स्वच्छ प्रदूषित हवा को कम करने के लिये हरी छतों और दीवारों हेतु जीवों के नए संयोजन के साथ कृत्रिम पारिस्थितिक तंत्र) बनाना शामिल है।
- यह हरे और नीले बुनियादी ढाँचे जैसी अवधारणाओं और भारी गिरावट वाले या प्रदूषित क्षेत्रों तथा हरित शहरों की बहाली जैसे उद्देश्यों से जुड़ा हुआ है।
- पारिस्थितिक तंत्र में न्यूनतम हस्तक्षेप:
- मान्यता:
- संयुक्त राष्ट्र:
- संयुक्त राष्ट्र ने NbS को विश्व जल दिवस 2018 के विषय के रूप में "जल के लिये प्रकृति (Nature for Water)" के रूप में बढ़ावा दिया।
- संयुक्त राष्ट्र विश्व जल विकास रिपोर्ट का शीर्षक "जल के लिये प्रकृति आधारित समाधान" था।
- यूएन क्लाइमेट एक्शन समिट, 2019 ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिये एक प्रभावी तरीके के रूप में प्रकृति-आधारित समाधानों पर प्रकाश डाला गया।
- चीन और न्यूज़ीलैंड के नेतृत्व में दर्जनों देशों सहित एक प्रकृति आधारित समाधान गठबंधन बनाया गया था।
- संयुक्त राष्ट्र ने NbS को विश्व जल दिवस 2018 के विषय के रूप में "जल के लिये प्रकृति (Nature for Water)" के रूप में बढ़ावा दिया।
- यूरोपीय संघ:
- 2016 के बाद से यूरोपीय संघ ने एक एकीकृत तरीके से बेहतर और अभिनव NbS के सह-डिज़ाइन, परीक्षण व तैनाती को बढ़ावा देने के लिये एक बहु-हितधारक संवाद मंच (थिंकनेचर) का समर्थन किया है।
- भारत:
- भारत ने Cities4Forests पहल के तहत शहरी प्रकृति-आधारित समाधान (NbS) के लिये अपना पहला राष्ट्रीय गठबंधन मंच लॉन्च किया।
- Cities4Forests: यह जंगलों से जुड़ने के लिये दुनिया भर के शहरों के साथ मिलकर काम करता है, आर्द्रभूमि के महत्त्व पर ज़ोर देता है और शहरों में जलवायु परिवर्तन से निपटने तथा जैवविविधता की रक्षा में मदद करने के लिये उनके कई लाभों पर ज़ोर देता है।
- भारत ने Cities4Forests पहल के तहत शहरी प्रकृति-आधारित समाधान (NbS) के लिये अपना पहला राष्ट्रीय गठबंधन मंच लॉन्च किया।
- संयुक्त राष्ट्र: