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जैव विविधता और पर्यावरण

खतरे में दुनिया भर के जंगल

  • 26 Apr 2019
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

अमेरिका स्थित विश्व संसाधन संस्थान (World Resources Institute-WRI) के नेतृत्व में किये गए हालिया शोध से पता चला है कि दुनिया भर के जंगलों पर खतरा मंडरा रहा है।

प्रमुख निष्कर्ष

  • वैश्विक हालात

पिछले वर्ष दुनिया भर में उष्णकटिबंधीय वन्य आच्छादन के 12 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र को नुकसान पहुँचा जो कि पृथ्वी के लिये संकट उत्पन्न कर सकता है।

ग्लोबल फॉरेस्ट वॉच के नए आँकड़ों के अनुसार, वन्य क्षेत्र का उक्त नुकसान वर्ष 2001 के बाद चौथा सबसे बड़ा नुकसान है।

सिमटते वन्य क्षेत्र का सबसे बड़ा प्रभाव उस क्षेत्र में रहने वाले समुदायों पर पड़ रहा है।

  • भारत की स्थिति

♦ विश्व संसाधन संस्थान (World Resources Institute-WRI) द्वारा प्रदत्त आँकड़ों के अनुसार, वर्ष 2001 से 2018 के बीच भारत में 1.6 मिलियन हेक्टेयर वन्य क्षेत्र को नुकसान पहुँचा है।

♦ उक्त अवधि के दौरान पूर्वोतर राज्यों, नगालैंड, त्रिपुरा, मेघालय, मिज़ोरम और मणिपुर में सबसे ज़्यादा वन्य क्षेत्र (लगभग 0.8 मिलियन हेक्टेयर) को नुकसान पहुँचा है।

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♦ वन्य क्षेत्र में इस नुकसान की वज़ह से भारत में 172 मीट्रिक टन कार्बन उत्सर्जन हुआ।

♦ इस विश्लेषण से यह भी पता चलता है कि वर्ष 2000 में कुल वन्य आच्छादित क्षेत्र भौगोलिक क्षेत्र का 12% था जो 2010 में घटकर 8.9% रह गया।

  • अध्ययन की सीमा

भारत के संदर्भ में अध्ययन के विश्लेषणों को सटीक नहीं माना जा सकता क्योंकि इस विश्लेषण में ग्लोबल फॉरेस्ट वॉच द्वारा उपयोग किये गए डेटा में भारत के खुले तथा झाड़ीदार जंगलों को शामिल नहीं किया गया है।

ग्लोबल फ़ॉरेस्ट वॉच

  • ग्लोबल फॉरेस्ट वॉच (Global Forest Watch-GFW) एक ऐसा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है जो जंगलों की निगरानी के लिये डेटा और उपकरण प्रदान करता है।

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  • अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए ‘ग्लोबल फॉरेस्ट वॉच’ वनों में होने वाले परिवर्तन से संबंधित डेटा रियल टाइम में प्रदान करता है।
  • ग्लोबल फ़ॉरेस्ट वॉच उपग्रह इमेजरी और रिमोट सेंसिंग जैसी तकनीक का उपयोग करता है।

विश्व संसाधन संस्थान

  • विश्व संसाधन संस्थान एक वैश्विक अनुसंधान संस्थान है जिसका 50 से अधिक देशों में है।  
  • यह पर्यावरण और विकास पर के संबंध में छह महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्रित है जिसमें जलवायु, ऊर्जा, भोजन, वन, जल, ‘शहर एवं परिवहन’ शामिल हैं।
  • इसकी स्थापना 1982 में हुई थी। इसका मुख्यालय वाशिंगटन, अमेरिका में है।

स्रोत- द हिंदू, हिंदुस्तान टाइम्स

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