चिकित्सा एवं कल्याण पर्यटन हेतु राष्ट्रीय रणनीति तथा रोडमैप | 23 Mar 2023
प्रिलिम्स के लिये:चिकित्सा एवं कल्याण पर्यटन हेतु राष्ट्रीय रणनीति तथा रोडमैप, चिकित्सा पर्यटन सूचकांक (MTI), चिकित्सा वीज़ा, चिकित्सालयों एवं स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिये राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (NABH)। मेन्स के लिये:चिकित्सा एवं कल्याण पर्यटन, चिकित्सा एवं कल्याण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये उठाए गए कदम। |
चर्चा में क्यों?
मेडिकल टूरिज़्म एसोसिएशन द्वारा भारत को विश्व के 46 गंतव्यों में से वर्ष 2020-2021 के लिये चिकित्सा पर्यटन सूचकांक (Medical Tourism Index- MTI) में 10वें स्थान पर रखा गया है।
- देश में चिकित्सा पर्यटन को बेहतर बनाने के उद्देश्य से पर्यटन मंत्रालय ने वर्ष 2022 में मेडिकल और कल्याण पर्यटन के लिये एक राष्ट्रीय रणनीति और रोडमैप तैयार किया है।
रणनीति के प्रमुख स्तंभ:
- चिकित्सा और कल्याण पर्यटन हेतु राष्ट्रीय रणनीति एवं रोडमैप के तहत देश में चिकित्सा पर्यटन के विकास का समर्थन करने के लिये निम्नलिखित प्रमुख स्तंभों की पहचान की गई है।
- प्रमुख स्तंभ:
- वेलनेस डेस्टिनेशन के रूप में भारत को एक ब्रांड के रूप में विकसित करना।
- चिकित्सा और कल्याण पर्यटन हेतु पारिस्थितिकी तंत्र को मज़बूत करना।
- ऑनलाइन मेडिकल वैल्यू ट्रैवल (MVT) पोर्टल की स्थापना करके डिजिटलाइज़ेशन को सक्षम करना।
- मेडिकल वैल्यू ट्रैवल हेतु पहुँच बढ़ाना।
- कल्याण पर्यटन को बढ़ावा देना।
- शासन और संस्थागत ढाँचा
- चिकित्सा उद्देश्य से विदेशी पर्यटकों का आगमन वर्ष 2020 में 1.83 लाख से बढ़कर वर्ष 2021 में 3.04 लाख हो गया।
चिकित्सा और कल्याण पर्यटन:
- परिचय:
- चिकित्सा और कल्याण पर्यटन चिकित्सा उपचार प्राप्त करने या किसी के स्वास्थ्य एवं खुशहाली हेतु किसी अन्य स्थान की यात्रा करने के अभ्यास को संदर्भित करता है।
- लोगों द्वारा वैकल्पिक स्वास्थ्य देखभाल विकल्पों में अधिक रुचि रखने और कम लागत पर उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा देखभाल की तलाश इस प्रकार के पर्यटन की लोकप्रियता में वृद्धि का कारण मानी जा सकती है।
- भारत में चिकित्सा और कल्याण पर्यटन से संबंधित मुद्दे:
- भाषायी और सांस्कृतिक बाधाएँ: कई चिकित्सा पर्यटकों को भाषा और सांस्कृतिक बाधाओं का सामना करना पड़ता है, जिससे स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के साथ प्रभावी ढंग से संवाद करने में कठिनाई उत्पन्न होती है।
- इससे कई गलतफहमियाँ होने की संभावना बनी रहती और संवाद करने में भी समस्या आती है जो प्राप्त देखभाल की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है।
- नैतिक चिंताएँ: चिकित्सा पर्यटन क्षेत्र में सुभेद्य आबादी के शोषण संबंधी चिंता बनी रहती है, खासकर अंग प्रत्यारोपण के मामले में
- भाषायी और सांस्कृतिक बाधाएँ: कई चिकित्सा पर्यटकों को भाषा और सांस्कृतिक बाधाओं का सामना करना पड़ता है, जिससे स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के साथ प्रभावी ढंग से संवाद करने में कठिनाई उत्पन्न होती है।
- चिकित्सा और कल्याण पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु उठाए गए कदम:
- भारत सरकार द्वारा 'मेडिकल वीज़ा' की शुरुआत की गई है, जो भारत में चिकित्सा उपचार के लिये आने वाले विदेशी यात्रियों को विशिष्ट उद्देश्यों के लिये दिया जा सकता है।
- 156 देशों के लिये 'ई-मेडिकल वीज़ा' और 'ई-मेडिकल अटेंडेंट वीज़ा' भी शुरू किया गया है।
- पर्यटन मंत्रालय चिकित्सा/पर्यटन गतिविधियों में भागीदारी हेतु अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिये राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (NABH) द्वारा मान्यता प्राप्त चिकित्सा पर्यटन सेवा प्रदाताओं को बाज़ार विकास सहायता योजना के तहत वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
- भारत सरकार द्वारा 'मेडिकल वीज़ा' की शुरुआत की गई है, जो भारत में चिकित्सा उपचार के लिये आने वाले विदेशी यात्रियों को विशिष्ट उद्देश्यों के लिये दिया जा सकता है।