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शासन व्यवस्था

नेशनल इंटरलिंकिंग ऑफ रिवर ऑथोरिटी

  • 06 Mar 2020
  • 5 min read

प्रीलिम्स के लिये:

राष्ट्रीय नदी जोड़ो परियोजना

मेन्स के लिये:

राष्ट्रीय नदी जोड़ो परियोजना से संबंधित मुद्दे

चर्चा में क्यों?

केंद्र सरकार नदियों को जोड़ने से संबंधित परियोजनाओं को लागू करने के लिये एक प्राधिकरण गठित करने पर कार्य कर रही है जिसे नेशनल इंटरलिंकिंग ऑफ रिवर ऑथोरिटी (National Interlinking of Rivers Authority-NIRA) के नाम से जाना जाएगाI

NIRA के बारे में:

  • प्रस्तावित निकाय अंतर-राज्य (Inter-State) और अंतरा-राज्य (Intra-State) दोनों परियोजनाओं के लिये कार्य करेगाI
  • यह परियोजनाओं हेतु आंतरिक एवं बाह्य स्रोतों से धन जुटाने का कार्य भी करेगाI
  • इस निकाय की स्थापना के लिये इंटरलिंकिंग ऑफ रिवर (Interlinking of Rivers- ILR) परियोजना के तहत एक बैठक का आयोजन किया गयाI हालाँकि इसकी स्थापना हेतु कोई समय-सीमा तय नहीं की गई हैI

राष्ट्रीय नदी जोड़ो परियोजना (NRLP):

  • राष्ट्रीय नदी जोड़ो परियोजना (National River Linking Project- NRLP) के तहत देश में जल को इसकी अधिकता वाले क्षेत्रों से जल की कमी वाले क्षेत्रों में स्थानांतरित करना है।
  • परियोजना का मुख्य उद्देश्य सूखाग्रस्त एवं वर्षा वाले क्षेत्रों में पानी की उपलब्धता बढ़ाकर, ऐसे क्षेत्रों में पानी का अधिकाधिक वितरण सुनिश्चित करना है।
  • यह परियोजना का प्रबंधन राष्ट्रीय जल विकास एजेंसी (National Water Development Agency-NWDA) द्वारा किया जाना है।

NWDA-

  • NWDA केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय की एक एजेंसी है।
  • इसकी स्थापना 17 जुलाई, 1982 को भारत सरकार द्वारा सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम,1860 के तहत की गई।
  • NWDA पूरी तरह से भारत सरकार द्वारा वित्तपोषित है।
  • इसकी स्थापना विभिन्न प्रायद्वीपीय नदी प्रणालियों और हिमालयी नदी प्रणालियों में पानी की मात्रा के बारे में विस्तृत अध्ययन करने इत्यादि के उद्देश्य से की गई थी।

भारत में ILR परियोजनाएँ:

वर्तमान में भारत की छह ILR परियोजनाएँ परीक्षण के दौर में है जो इस प्रकार हैं-

  • केन-बेतवा (Ken-Betwa)
  • दमनगंगा-पिंजाल (Damanganga- Pinjal)
  • पर-तापी-नर्मदा (Par-Tapi-Narmada)
  • मनास-संकोश-तिस्ता-गंगा (Manas-Sankosh-Teesta-Ganga)
  • महानदी-गोदावरी (Mahanadi-Godavari)
  • गोदावरी-कावेरी (Godavari-Cauvery)

ILR परियोजना के तहत केंद्र सरकार द्वारा प्रायद्वीपीय भारत की नदियों में महानदी- गोदावरी-कृष्णा-पेनार-कावेरी तथा गोदावरी-कावेरी लिंक पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।

ILR परियोजना का लाभ:

  • पेयजल की समस्या का समाधान होगा।
  • सूखे और बाढ़ की समस्या में कमी आएगी।
  • कृषि सिंचित क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
  • जलविद्युत की उपलब्धता से सस्ती एवं स्वच्छ ऊर्जा की प्राप्ति होगी।
  • नौवहन के विकास से परिवहन लागत में कमी आएगी।
  • पर्यटन स्थलों के निर्माण से विकास का स्तर बढ़ेगा।
  • वनीकरण को प्रोत्साहन।

ILR परियोजना से समबंधित चिंताए:

  • इस परियोजना के अंतर्गत बड़े बाँधों का निर्माण किया जाना शामिल है जिसके चलते लोगों को विस्थापन की समस्या का सामना करना पड़ता है।
  • पर्यावरणीय समस्याएँ उत्पन्न होती हैं क्योंकि हर नदी का अपना अलग पारिस्थितिकी तंत्र होता है, अत: दो नदियों के पानी के मिश्रण से जैव विविधता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
  • साथ ही कृषि पैटर्न में बदलाव आता है जिसके चलते लोगों की आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

स्रोत: द हिंदू

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