राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा जागरूकता मिशन (NIPAM) | 13 Aug 2022
प्रिलिम्स के लिये:एनआइपीएम, आईपीआर, अंतर्राष्ट्रीय संधियाँ, राष्ट्रीय पहलें मेन्स के लिये:एनआइपीएम, आईपीआर की आवश्यकता, संधियाँ, आईपीआर का विनियमन, राष्ट्रीय पहलें |
चर्चा में क्यों?
वर्ष 2021 में शुरू किये गए राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा जागरूकता मिशन (NIPAM) ने 10 लाख छात्रों को बौद्धिक संपदा (IP) जागरूकता और बुनियादी प्रशिक्षण देने का लक्ष्य हासिल कर लिया है।
- यह लक्ष्य 15 अगस्त, 2022 की समय-सीमा से पहले हासिल कर लिया गया है।
राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा जागरूकता मिशन (NIPAM):
- परिचय:
- इस मिशन का उद्देश्य 10 लाख छात्रों को बौद्धिक संपदा और उसके अधिकारों के बारे में जागरूकता प्रदान करना है।
- इसका उद्देश्य उच्च शिक्षा (कक्षा 8 से 12) के छात्रों में रचनात्मकता और नवाचार की भावना का विकास करना तथा कॉलेज/विश्वविद्यालयों के छात्रों को उनके नवाचार की रक्षा करने के लिये प्रेरित करना है।
- क्रियान्वयन एजेंसी:
- यह कार्यक्रम बौद्धिक संपदा कार्यालय, पेटेंट, डिज़ाइन और व्यापार चिह्न महानियंत्रक कार्यालय (CGPDTM), वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
- प्राप्त लक्ष्य:
- 08 दिसंबर 2021 से 31 जुलाई 2022 की अवधि के दौरान, निम्नलिखित लक्ष्य हासिल किये गए:
- बौद्धिक संपदा पर प्रशिक्षित प्रतिभागियों (छात्रों/संकाय) की संख्या: 10,05,272
- कवर किये गए शैक्षणिक संस्थान: 3,662
- भौगोलिक कवरेज: 28 राज्य और 7 केंद्रशासित प्रदेश
- 08 दिसंबर 2021 से 31 जुलाई 2022 की अवधि के दौरान, निम्नलिखित लक्ष्य हासिल किये गए:
बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR):
- परिचय:
- IPR व्यक्तियों को उनके बौद्धिक रचना पर दिये गए अधिकार हैं:
- इसमें आविष्कार, साहित्यिक, कलात्मक कार्य और वाणिज्य में उपयोग किये जाने वाले प्रतीक, नाम तथा चित्र शामिल होते हैं।
- ये आमतौर पर निर्माता को एक निश्चित अवधि के लिये उसकी रचना के उपयोग पर एक विशेष अधिकार प्रदान करते हैं।
- इन अधिकारों को मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा के अनुच्छेद-27 में उल्लिखित किया गया है, जो वैज्ञानिक साहित्यिक या कलात्मक प्रस्तुतियों के लेखक होने के परिणामस्वरूप नैतिक और भौतिक हितों की सुरक्षा से लाभ का अधिकार प्रदान करता है।
- बौद्धिक संपदा के महत्त्व को पहली बार औद्योगिक संपदा के संरक्षण के लिये पेरिस कन्वेंशन (1883) और साहित्यिक तथा कलात्मक कार्यों के संरक्षण के लिये बर्न कन्वेंशन (1886) में मान्यता दी गई थी।
- दोनों संधियों को विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO) द्वारा प्रशासित किया जाता है।
- IPR व्यक्तियों को उनके बौद्धिक रचना पर दिये गए अधिकार हैं:
- बौद्धिक संपदा अधिकारों के प्रकार:
- कॉपीराइट:
- साहित्यिक और कलात्मक कार्यों (जैसे किताबें और अन्य लेखन, संगीत रचनाएँ, पेंटिंग, मूर्तिकला, कंप्यूटर प्रोग्राम और फिल्में) के लेखकों के अधिकारों को लेखक की मृत्यु के बाद कम-से-कम 50 साल की अवधि के लिये कॉपीराइट द्वारा संरक्षित किया जाता है।
- औद्योगिक संपदा:
- विशिष्ट चिह्नों का संरक्षण, विशेष रूप से ट्रेडमार्क और भौगोलिक संकेतों में:
- ट्रेडमार्क
- भौगोलिक संकेत (GI)
- औद्योगिक डिज़ाइन और व्यापार रहस्य:
- अन्य प्रकार की औद्योगिक संपत्ति को मुख्य रूप से नवाचार, डिज़ाइन और प्रौद्योगिकी के निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिये संरक्षित किया जाता है।
- विशिष्ट चिह्नों का संरक्षण, विशेष रूप से ट्रेडमार्क और भौगोलिक संकेतों में:
- कॉपीराइट:
- IPR की आवश्यकता:
- नवाचार को प्रोत्साहित करना:
- नई रचनाओं का कानूनी संरक्षण आगे के नवाचार के लिये अतिरिक्त संसाधनों की प्रतिबद्धता को प्रोत्साहित करता है।
- आर्थिक वृद्धि:
- बौद्धिक संपदा का प्रचार और संरक्षण आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देता है, नए रोज़गार तथा उद्योग उत्पन्न करता है एवं जीवन की गुणवत्ता और खुशहाली को बढ़ाता है।
- रचनाकारों के अधिकारों की सुरक्षा:
- IPR को निर्माताओं और उनके बौद्धिक कमोडिटी, वस्तुओं और सेवाओं के अन्य उत्पादकों को विनिर्मित वस्तुओं के उपयोग को नियंत्रित करने के लिये कुछ समय-सीमित अधिकार प्रदान करके सुरक्षित रखने की आवश्यकता है।
- ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस:
- यह नवाचार और रचनात्मकता को बढ़ावा देता है और व्यापार करने में आसानी सुनिश्चित करता है।
- प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण:
- यह प्रत्यक्ष विदेशी निवेश, संयुक्त उद्यम और लाइसेंसिंग के रूप में प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण की सुविधा प्रदान करता है।
- नवाचार को प्रोत्साहित करना:
IPR से संबंधित संधियाँ और कन्वेंशन:
- वैश्विक:
- भारत विश्व व्यापार संगठन का सदस्य है और बौद्धिक संपदा के व्यापार संबंधी पहलुओं (ट्रिप्स समझौते) पर समझौते के लिये प्रतिबद्ध है।
- भारत विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (World Intellectual Property Organisation–WIPO) का भी सदस्य है, जो पूरे विश्व में बौद्धिक संपदा अधिकारों के संरक्षण को बढ़ावा देने के लिये जिम्मेदार निकाय है।
- भारत IPR से संबंधित निम्नलिखित महत्त्वपूर्ण WIPO-प्रशासित अंतर्राष्ट्रीय संधियों और कन्वेंशन का भी सदस्य है:
- पेटेंट प्रक्रिया के प्रयोजनों के लिये सूक्ष्मजीवों के डिपोजिट की अंतर्राष्ट्रीय मान्यता पर बुडापेस्ट संधि।
- औद्योगिक संपत्ति के संरक्षण के लिये पेरिस कन्वेंशन।
- विश्व बौद्धिक संपदा संगठन की स्थापना करने वाला कन्वेंशन।
- साहित्यिक और कलात्मक कार्यों के संरक्षण के लिये बर्न कन्वेंशन।
- पेटेंट सहयोग संधि।
- राष्ट्रीय:
- भारतीय पेटेंट अधिनियम 1970:
- भारत में पेटेंट प्रणाली के लिए यह प्रमुख कानून वर्ष 1972 में लागू हुआ। इसने भारतीय पेटेंट और डिज़ाइन अधिनियम 1911 का स्थान लिया।
- अधिनियम को पेटेंट (संशोधन) अधिनियम, 2005 द्वारा संशोधित किया गया था, जिसमें उत्पाद पेटेंट को भोजन, दवाओं, रसायनों और सूक्ष्मजीवों सहित प्रौद्योगिकी के सभी क्षेत्रों तक विस्तारित किया गया था।
- राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) नीति 2016:
- राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) नीति 2016 को मई 2016 में देश में IPR के भविष्य के विकास के मार्गदर्शन के लिये एक विज़न दस्तावेज़ के रूप में अपनाया गया था।
- इसका स्पष्ट आह्वान है "रचनात्मक भारत; अभिनव भारत"।
- यह कार्यान्वयन, निगरानी और समीक्षा के लिये एक संस्थागत तंत्र की स्थापना करता है।
- इसका उद्देश्य भारतीय परिदृश्य में वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को शामिल करना और उन्हें अनुकूलित करना है।
- भारतीय पेटेंट अधिनियम 1970:
यूविगत वर्ष के प्रश्न (PYQs):प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न. 'राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा अधिकार नीति' के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2017)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (c) व्याख्या:
अतः विकल्प (c) सही उत्तर है। प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2019)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 और 3 उत्तर: (c) व्याख्या:
अतः विकल्प (c) सही उत्तर है। मैन्स: प्रश्न. वैश्वीकृत दुनिया में बौद्धिक संपदा अधिकार महत्त्व रखते हैं और मुकदमेबाजी का एक स्रोत हैं। कॉपीराइट, पेटेंट और ट्रेड सीक्रेट्स के बीच व्यापक रूप से अंतर कीजिये। (मुख्य परीक्षा 2014) |