भारतीय अर्थव्यवस्था
नेशनल एम्प्लॉयबिलिटी थ्रू अप्रेंटिसशिप प्रोग्राम
- 12 Mar 2021
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चर्चा में क्यों?
नेशनल एम्प्लॉयबिलिटी थ्रू अप्रेंटिसशिप प्रोग्राम (NETAP) ने वर्ष 2021 (जनवरी-जून 2021) के लिये ‘अप्रेंटिसशिप आउटलुक रिपोर्ट’ का नवीनतम संस्करण जारी किया है।
- अप्रेंटिसशिप का आशय एक ऐसे कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम से है, जिसमें एक व्यक्ति किसी कंपनी में एक प्रशिक्षु के रूप में कार्य करता है और अल्प अवधि के लिये क्लासरूम (थ्योरी) प्रशिक्षण लेता है, जिसके बाद वह ऑन-द-जॉब (व्यावहारिक) प्रशिक्षण प्राप्त करता है।
प्रमुख बिंदु
नेशनल एम्प्लॉयबिलिटी थ्रू अप्रेंटिसशिप प्रोग्राम (NETAP)
- इसकी स्थापना वर्ष 2014 में शत-प्रतिशत नियोक्ता द्वारा वित्तपोषित सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) के रूप में की गई थी।
- कार्यक्रम का शुभारंभ कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय तथा टीमलीज़ कौशल विश्वविद्यालय (गुजरात) द्वारा किया गया था।
- इस कार्यक्रम की शुरुआत अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) के राष्ट्रीय रोज़गार संवर्द्धन मिशन के अनुरूप हुई है।
- NETAP की संरचना अप्रेंटिसशिप अधिनियम, 1961 की चुनौतियों से पार पाने के लिये की गई थी।
- NETAP ने आगामी 10 वर्षों के लिये प्रतिवर्ष 2 लाख अप्रेंटिस नियुक्त करने का प्रस्ताव दिया है। यह कार्यक्रम अपने अंतिम चरण में दुनिया का सबसे बड़ा अप्रेंटिसशिप कार्यक्रम होगा।
- यह बेरोज़गार युवाओं को काम के दौरान ही व्यावहारिक कौशल प्राप्त करने का अवसर प्रदान करेगा और साथ ही उनकी आजीविका का भी एक महत्त्वपूर्ण स्रोत होगा।
राष्ट्रीय रोज़गार संवर्द्धन मिशन
- यह AICTE और भारत सरकार द्वारा संयुक्त रूप से शुरू की गई एक महत्त्वपूर्ण पहल है।
- 2013 में पेश किये गए NEEM का उद्देश्य ऐसे किसी भी व्यक्ति की रोज़गार क्षमता बढ़ाने हेतु व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करना है:
- जो या तो किसी भी तकनीकी या गैर-तकनीकी स्ट्रीम में स्नातक/डिप्लोमा कर रहा है, या
- जिसने डिग्री या डिप्लोमा पाठ्यक्रमों की पढ़ाई छोड़ दी है।
- इस मिशन के तहत ऐसा कोई भी पंजीकृत व्यक्ति प्रशिक्षु हो सकता है, जिसकी न्यूनतम शिक्षा दसवीं कक्षा तक है और जिसकी आयु 16 से 40 वर्ष के बीच है।
- मिशन के तहत कुल 23 उद्योगों को सूचीबद्ध किया गया है, जहाँ एक प्रशिक्षु को नामांकन किया जा सकता है। इसमें ऑटोमोबाइल उद्योग, फार्मास्यूटिकल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और हार्डवेयर, खाद्य प्रसंस्करण, स्वास्थ्य सेवा तथा वित्तीय क्षेत्र आदि शामिल हैं।
- इसके तहत प्रशिक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से पंजीकृत कंपनियों या पंजीकृत उद्योगों में प्रति वर्ष कम-से-कम 10,000 छात्रों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
अप्रेंटिसशिप आउटलुक रिपोर्ट- प्रमुख निष्कर्ष
- भारत का अप्रेंटिसशिप इकोसिस्टम: भारत में तकरीबन 41 प्रतिशत नियोक्ता प्रशिक्षुओं को काम पर रखने के इच्छुक हैं, जबकि 58 प्रतिशत उद्यम इस वर्ष अपने प्रशिक्षुओं की मात्रा को बढ़ाना चाहते हैं।
- अग्रणी शहर: रिपोर्ट के मुताबिक, चेन्नई अप्रेंटिसशिप के लिये सबसे अनुकूल शहर के रूप में उभरा है।
- ऐसे शहरों जहाँ मेट्रो सेवा नहीं है, की श्रेणी में अहमदाबाद और नागपुर को अप्रेंटिसशिप के लिये सबसे अनुकूल शहर माना गया है।
- अग्रणी क्षेत्र: रिपोर्ट में विनिर्माण, ऑटोमोबाइल और खुदरा क्षेत्र को अप्रेंटिसशिप के लिये अग्रणी क्षेत्र बताया गया है।
- महिलाओं का अप्रेंटिसशिप के प्रति सकारात्मक रुझान: समग्र रूप से पिछले वर्ष की तुलना में महिला प्रशिक्षुओं को वरीयता देने की दर में 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
- यह रुझान बंगलूरू, मुंबई और कोलकाता में काफी प्रबल दिखाई दिया।
महत्त्व
- अनुमान के मुताबिक, वर्ष 2041 तक भारत की कार्यशील जनसंख्या में काफी अधिक वृद्धि होगी। इससे अर्थव्यवस्था में रोज़गार सृजन की आवश्यक दर पर काफी अधिक प्रभाव पड़ेगा।
- आँकड़े बताते हैं कि सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों के कारण देश में 5वीं और 8वीं कक्षा के बाद लगभग 3 प्रतिशत बच्चे पढ़ाई छोड़ देते हैं। ऐसे में अप्रेंटिसशिप, विद्यालयी शिक्षा की कमी को पूरा करने और कार्यबल में कौशल-अंतर को कम करने हेतु एक महत्त्वपूर्ण तंत्र साबित हो सकता है।
अप्रेंटिसशिप से संबंधित अन्य पहलें
- अप्रेंटिसशिप अधिनियम, 1961
- ‘स्कीम फॉर हायर एजुकेशन यूथ इन अप्रेंटिसशिप एंड स्किल्स’ अथवा ‘श्रेयस’
- राष्ट्रीय शिक्षुता संवर्द्धन योजना (NAPS)
- औद्योगिक मूल्य संवर्द्धन हेतु कौशल सुदृढ़ीकरण (स्ट्राइव)
- ‘युवाह: जनरेशन अनलिमिटेड’ पहल
- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना