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भारतीय विरासत और संस्कृति

पर्यटन मंत्रियों का राष्ट्रीय सम्मेलन

  • 21 Aug 2019
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा राज्य के पर्यटन मंत्रियों के एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्‍मेलन का आयोजन किया गया।

प्रमुख बिंदु:

  • इस सम्‍मेलन में 19 राज्‍यों के पर्यटन म‍ंत्रियों, पर्यटन सचिवों और राज्‍यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों के वरिष्‍ठ अधिकारियों ने भाग लिया और पर्यटन क्षेत्र के विकास एवं संवर्द्धन से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया।
  • सम्‍मेलन के दौरान केंद्रीय पर्यटन मंत्री द्वारा अतुल्य भारत पर्यटक सुविधा प्रदाता प्रमाणपत्र (Incredible India Tourist Facilitator Certification-IITFC) पोर्टल लॉन्‍च भी किया गया।
    • IITFC कार्यक्रम देश के नागरिकों के लिये भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय की एक डिजिटल पहल है, ताकि देश के नागरिक तेज़ी से विकसित हो रहे पर्यटन उद्योग का हिस्‍सा बन सकें।
    • यह एक ऑनलाइन कार्यक्रम है जिसके तहत कोई भी व्‍यक्ति पर्यटन स्थल, समय और सुविधा आदि की जानकारी प्राप्त कर सकता है।
  • इसके अलावा सम्मेलन में ‘अतुल्‍य भारत’ (Incredible India) के नए पोर्टल का हिंदी वर्ज़न भी लॉन्‍च किया गया और साथ ही यह घोषणा भी की गई कि जल्द ही इस पोर्टल के अरबी (Arabic), चीनी (Chinese) और स्‍पैनिश (Spanish) वर्ज़न भी लॉन्च किये जाएंगे।
    • यह एक ऑनलाइन पोर्टल है जिससे भारत में पर्यटन और गंतव्य स्थानों के बारे में समस्त जानकारी एक ही स्थान पर उपलब्ध कराई गई है।

पर्यटन का महत्त्व:

  • विदित हो कि पर्यटन विश्व के सबसे बड़े उद्योगों में से एक है। इसके विकास का अनुमान केवल इस तथ्य से ही लगाया जा सकता है कि विश्व भर में पर्यटकों की संख्या वर्ष 1950 के 2.5 करोड़ की तुलना में वर्ष 2016 में 123 करोड़ हो गई।
  • भारत में भी अधिकांश जनसंख्या की जीविका का स्रोत पर्यटन उद्योग ही है। वर्ष 2016 में जीडीपी व देश के कुल रोज़गार में पर्यटन का योगदान क्रमशः 9.6% व 9.3% था।
  • पर्यटन उद्योग का स्थायी रोज़गार के अवसर उपलब्ध कराने और गरीबी निवारण में महत्त्वपूर्ण योगदान है।

पर्यटन के विकास हेतु उपाय:

  • पर्यटकों की संख्‍या बढ़ाने के लिये केंद्र और राज्‍यों के बीच बेहतर सामंजस्‍य सुनिश्चित करना आवश्यक है।
  • विदेशी पर्यटकों के समक्ष भारत की जो छवि बनी हुई है उसे भी बदलने की ज़रूरत है।
  • भारत से जुड़ी किसी भी नकारात्‍मक धारणा को समाप्‍त करने के लिये राज्य व केंद्र को मिल-जुलकर काम करना होगा।
  • सभी राज्‍यों और केंद्रशासित प्रदेशों को भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India-ASI) की सहायता से अपने धरोहर स्‍थलों के लिये प्रस्‍ताव बनाते समय यूनेस्‍को (UNESCO) के मानकों का पालन सुनिश्चित करना चाहिये।
  • अधिक-से-अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने के लिये एडवेंचर टूरिज्म (Adventure Tourism) पर भी फोकस किया जाना चाहिये।

गौरतलब है कि देश में पर्यटन, मुख्यतः रात्रि‍कालीन पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से संस्‍कृति मंत्रालय ने देश भर में 10 ऐतिहासिक स्‍मारकों को आगंतुकों के लिये रात्रि 9 बजे तक खुला रखने का निर्णय लिया था।

स्रोत: पीआईबी

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