भारतीय अर्थव्यवस्था
नाबार्ड के व्यवसाय में वृद्धि
- 09 Apr 2021
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चर्चा में क्यों?
राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (National Bank for Agriculture and Rural Development- NABARD) द्वारा वित्त वर्ष 2020-21 की समाप्ति तक कुल 6.57 लाख करोड़ का व्यवसाय/कारोबार किया गया जिसमें पिछले वर्ष की तुलना में 23.5% की वृद्धि दर्ज की गई है।
प्रमुख बिंदु:
वर्ष 2020-21 में नाबार्ड का व्यवसाय:
- आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत नाबार्ड द्वारा सहकारी बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी: लघु वित्त संस्थान (Non-Banking Financial Company: Micro Finance Institution-NBFC-MFIs) को एक विशेष तरलता सुविधा (Special Liquidity Facility- SLF) के माध्यम से राशि उपलब्ध कराई गई।
- यह विशेष तरलता सुविधा सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के संसाधनों को बढ़ाने के उद्देश्य से की गई थी ताकि वे किसानों को ऋण दे सकें।
- नाबार्ड द्वारा महामारी के दौरान कृषि और ग्रामीण विकास हेतु कुल 2.23 लाख करोड़ रुपए की पुनर्वित्त राशि उपलब्ध कराई गई।
- भारत सरकार के जल, साफ एवं सफाई-वॉश (Water, Sanitisation and Hygiene- WASH) कार्यक्रम का समर्थन करने हेतु 500 करोड़ रुपये की पुनर्वित्त सुविधा की शुरुआत की गई।
NABARD के बारे में:
- गठन:
- 12 जुलाई, 1982 को भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India- RBI) के कृषि ऋण कार्यों और तत्कालीन कृषि पुनर्वित्त और विकास निगम (Agricultural Refinance and Development Corporation - ARDC) के पुनर्वित्त कार्यों को स्थानांतरित कर नाबार्ड की स्थापना की गई।
- यह एक सांविधिक निकाय है जिसे राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक अधिनियम, 1981 के तहत स्थापित किया गया है।
- कार्य:
- यह एक विकास बैंक है जो मुख्य रूप से देश के ग्रामीण क्षेत्र पर केंद्रित है।
- यह कृषि और ग्रामीण विकास हेतु वित्त प्रदान करने वाला शीर्ष बैंकिंग संस्थान है।
- RBI के साथ सहयोग:
- रिज़र्व बैंक के निदेशकों में से 3 निदेशक नाबार्ड के निदेशक मंडल में शामिल होते हैं।
- नाबार्ड सहकारी बैंकों को लाइसेंस जारी करने, राज्य सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा नई शाखाएंँ खोलने हेतु RBI को सिफारिशें करता है।
- मुख्यालय: मुंबई
नाबार्ड के प्रमुख कार्य:
- यह ग्रामीण बुनियादी ढांँचे के निर्माण हेतु पुनर्वित्त सुविधा उपलब्ध करता है।
- पुनर्वित्त संस्थान महत्त्वपूर्ण संस्थान होते हैं जो अन्य संस्थानों के माध्यम से अंतिम ग्राहक को ऋण उपलब्ध कराते हैं।
- नाबार्ड द्वारा सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को अल्पकालिक, मध्यम अवधि और दीर्घकालिक पुनर्वित्त की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है ताकि किसानों एवं ग्रामीण कारीगरों की निवेश गतिविधियों को पर्याप्त ऋण उपलब्ध कराए जा सके।
- यह सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) का पर्यवेक्षण कर उच्च स्तरीय बैंकिंग सुविधाओं को विकसित करने तथा उन्हें कोर बैंकिंग सॉल्यूशन (Core Banking Solution-CBS) प्लेटफॉर्म में एकीकृत करने में मदद करता है।
- कोर बैंकिंग सॉल्यूशन को एक ऐसे साधन के रूप में परिभाषित किया जाता है जो ग्राहकों को एक ही स्थान से किसी भी समय (24x7) बैंकिंग सुविधा उपलब्ध कराता है।
- यह केंद्र सरकार की विकास योजनाओं और उनके कार्यान्वयन का खाका प्रस्तुत करता है।
- जैसे: राष्ट्रीय पशुधन मिशन, ब्याज अनुदान योजना, नई कृषि विपणन अवसंरचना आदि।
- नाबार्ड के पास विश्व बैंक और प्रमुख वैश्विक संगठनों सहित विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय साझेदार हैं जो ग्रामीण विकास के साथ-साथ कृषि क्षेत्र में नई खोजों को बढ़ावा देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
- ये अंतर्राष्ट्रीय साझेदार सलाहकार सेवाओं के अलावा ग्रामीण लोगों के उत्थान हेतु विभिन्न कृषि प्रक्रियाओं के अनुकूलन को सुनिश्चित करने के लिये डिज़ाइन की गई वित्तीय सहायता प्रदान करने में एक प्रमुख सलाहकार की भूमिका निभाते हैं।