विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
बच्चों में मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम
- 27 Nov 2021
- 6 min read
प्रिलिम्स के लिये:विश्व स्वास्थ्य संगठन, कोविड-19 मेन्स के लिये:मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम के कारण |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization- WHO) ने उन बच्चों के इलाज के लिये नए दिशा-निर्देश जारी किये हैं, जिनके कोविड -19 संक्रमण के संपर्क में आने के बाद उनमें मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम (Multisystem Inflammatory Syndrome- MIS-C) विकसित हुआ था।
प्रमुख बिंदु
- मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम:
- MIS-C एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर के विभिन्न अंग सूजन से प्रभावित होते हैं। रोगी को हृदय संबंधी समस्याएंँ होती हैं, जिसकी गंभीरता की स्थिति में उपचार की आवश्यकता होती है।
- यह बच्चों और किशोरों में एक दुर्लभ लेकिन गंभीर हाइपरइंफ्लेमेटरी स्थिति है जो आमतौर पर कोविड-19 संक्रमण के 2-6 सप्ताह बाद उत्पन्न होती है।
- यह एक संभावित घातक स्थिति है जिसमें हृदय, फेफड़े, गुर्दे, मस्तिष्क, त्वचा, आंँखें, या जठरांत्र सहित शरीर के विभिन्न अंगों में सूजन हो सकती है।
- न्यूरोलॉजिकल जटिलताओं के साथ MIS-C:
- हाल के एक अध्ययन में MIS-C सिंड्रोम से पीड़ित युवाओं में न्यूरोलॉजिकल लक्षणों जिसने स्ट्रोक या गंभीर एन्सेफेलोपैथी (मस्तिष्क की कोई भी बीमारी जो मस्तिष्क के कार्य या संरचना को परिवर्तित देती है)।जैसे खतरों को उत्पन्न किया।
- न्यूरोलॉजिकल लक्षणों में मतिभ्रम, भ्रम, और संतुलन तथा समन्वय की समस्याएंँ शामिल हैं।
- नए निष्कर्ष इस सिद्धांत को मज़बूत करते हैं कि सिंड्रोम वायरस के प्रति प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया के कारण उत्पन्न सूजन के बढ़ने से संबंधित है।
- MIS-C के कारण:
- MIS-C सिंड्रोम पर कम शोध हुए हैं, जिससे इस सिंड्रोम होने के कारणों पर विभिन्न सिद्धांत दिये जाते हैं।
- जबकि कुछ शोधकर्त्ताओं का मानना है कि MIS-C कोरोना वायरस की देरी से होने वाली प्रतिक्रिया है जो शरीर में बड़े पैमाने पर सूजन का कारण बनता है और परिणामस्वरूप अंगों को नुकसान पहुँचाता है।
- कुछ अन्य शोधकर्त्ताओं का मानना है कि यह बच्चों के प्रतिरक्षा तंत्र का वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी बनाने का परिणाम भी हो सकता है।
- यह एक आनुवंशिक घटक भी हो सकता है क्योंकि प्रत्येक बच्चा MIS-C विकसित नहीं करता है और उनमें दिखाई देने वाले लक्षण भी विविध प्रकार के होते हैं।
- उपचार के लिये डब्ल्यूएचओ दिशा-निर्देश:
- अस्पताल में भर्ती बच्चों (0-18 वर्ष की आयु) में कावासाकी रोग (सशर्त सिफारिश, बहुत कम निश्चितता) के लिये देखभाल के मानक के अलावा कॉर्टिकोस्टेरॉयड्स (Corticosteroids) का उपयोग करने का सुझाव दिया गया है।
- आमतौर पर यह स्टेरॉयड के रूप में जाना जाता है, कॉर्टिकोस्टेरॉयड्स एक प्रकार की सूजन-रोधी दवा है।
- कॉर्टिकोस्टेरॉयड्स के साथ-साथ सहायक देखभाल के परिणामस्वरूप या तो अंतःशिरा इम्युनोग्लोबुलिन प्लस सहायक देखभाल या अकेले सहायक देखभाल की तुलना में अधिक प्रभावी उपचार हुआ।
- यह उपचार कोविड-19 के साथ कावासाकी रोग से ग्रसित बच्चों के उपचार में भी प्रभावी पाया गया।
- गैर-गंभीर कोविड-19 वाले रोगियों के उपचार में कॉर्टिकोस्टेरॉयड का उपयोग नहीं करना क्योंकि उपचार से इससे कोई लाभ नहीं हुआ और यह हानिकारक भी साबित हो सकती है।
- अस्पताल में भर्ती बच्चों (0-18 वर्ष की आयु) में कावासाकी रोग (सशर्त सिफारिश, बहुत कम निश्चितता) के लिये देखभाल के मानक के अलावा कॉर्टिकोस्टेरॉयड्स (Corticosteroids) का उपयोग करने का सुझाव दिया गया है।
कावासाकी रोग (Kawasaki Disease):
- यह रक्त वाहिकाओं की एक तीव्र सूजन वाली बीमारी है जो मुख्यतः 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों को प्रभावित करती है।
- कोरोनरी धमनियों में सूजन जो हृदय को रक्त की आपूर्ति के लिये ज़िम्मेदार होती है, के परिणामस्वरूप वृद्धि या एन्यूरिज़्म(धमनी की दीवार की सूजन) का निर्माण होता है, जिससे दिल का दौरा पड़ता है।
- लक्षण: बुखार,चकत्ते, कॉर्निया का लाल होना, होंठो का फटना एवं लाल होना और जीभ का लाल होना तथा गले में जलन व सूजन आदि इस बीमारी के प्रमुख लक्षण हैं।