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आंतरिक सुरक्षा

NATGRID और NCRB के मध्य समझौता ज्ञापन

  • 20 Jul 2020
  • 5 min read

प्रीलिम्स के लिये:

नेशनल इंटेलिजेंस ग्रिड, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो

मेन्स के लिये:

NATGRID का महत्त्व एवं चुनौतियाँ 

चर्चा में क्यों?

हाल ही में ‘नेशनल इंटेलिजेंस ग्रिड’ (National Intelligence Grid- NATGRID) ने ‘FIR’ तथा चोरी के वाहनों से संबंधित केंद्रीकृत ऑनलाइन डेटाबेस तक पहुँच सुनिश्चित करने के लिये ‘राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो’ (NCRB) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है। 

प्रमुख बिंदु

CCTNS क्या है?

  • अपराध और आपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क और प्रणाली (Crime & Criminals Tracking Network and Systems-CCTNS) वर्ष 2009 मे राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस प्लान के तहत स्थापित एक मिशन मोड प्रोजेक्ट है।
  • CCTNS का उद्देश्य ई-गवर्नेंस के सिद्धांतों को अपनाते हुए एक व्यापक और एकीकृत प्रणाली का निर्माण करना है। इसके माध्यम से पुलिस सेवाओं की दक्षता और प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिये अपराधियों एवं अपराधों की एक राष्ट्रव्यापी आधारभूत नेटवर्क संरचना तैयार की जाएगी।
  • सभी राज्य पुलिस स्टेशनों को ‘अपराध और आपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क और सिस्टम’ (CCTNS) में FIR संबंधी जानकारी दर्ज करना अनिवार्य होगा।
  • इस समझौते के माध्यम से NATGRID संदिग्ध व्यक्ति के विवरण के बारे में जानकारी जैसे- पिता का नाम, टेलीफोन नंबर और अन्य विवरण प्राप्त करने में सक्षम होगा।
  •  NATGRID खुफिया और जाँच एजेंसियों के बीच एक कड़ी के रूप में कार्य करेगा।

नेशनल इंटेलिजेंस ग्रिड (National Intelligence Grid- NATGRID)

  • NATGRID आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिये एक कार्यक्रम है। यह किसी संदिग्ध व्यक्ति के आव्रजन (प्रवेश और निकास), बैंकिंग और टेलीफोन विवरण से संबंधित डेटाबेस तक पहुँचने के लिये सुरक्षा तथा खुफिया एजेंसियों हेतु वन-स्टॉप गंतव्य होगा। 
  • गौरतलब है कि सुरक्षा तथा खुफिया एजेंसियाँ संदिग्ध व्यक्ति से संबंधित जानकारी एक सुरक्षित प्लेटफॉर्म से प्राप्त करने में सक्षम होंगी। 
  • इस कार्यक्रम को 31 दिसंबर, 2020 तक क्रियान्वित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। 
  • भारत में 26/11 के आतंकवादी हमले के दौरान सूचनाओं के संग्रहण के अभाव की बात सामने आई। 
  • इस हमले का मास्टरमाइंड डेविड हेडली वर्ष 2006 से 2009 के बीच हमले की योजनाओं को मूर्तरूप प्रदान करने हेतु कई बार भारत आया लेकिन उसके आवागमन की किसी भी सूचना का विश्लेषण नहीं किया जा सका।
  • यह संदिग्ध आतंकवादियों को ट्रैक करने और आतंकवादी हमलों को रोकने में विभिन्न खुफिया एवं प्रवर्तन एजेंसियों की सहायता करेगा। 
  • NATGRID द्वारा बिग डेटा और एनालिटिक्स जैसी तकनीकों का उपयोग करते हुए डेटा का बड़ी मात्रा में अध्ययन एवं विश्लेषण किया जाएगा। 
  • NATGRID द्वारा प्राप्त सूचनाओं के माध्यम से कानून प्रवर्तन एजेंसियाँ संदिग्ध गतिविधियों की जाँच करने में सक्षम होंगी। 

वर्तमान स्थिति

  • वर्तमान समय में, सुरक्षा एजेंसियाँ किसी एयरलाइन या टेलीफोन कंपनी से संदिग्ध व्यक्ति से संबंधित सूचना प्राप्त करने हेतु सीधे इन कंपनियों से संपर्क करती हैं। ये सूचनाएँ अंतर्राष्ट्रीय सर्वरों जैसे- गूगल (Google) आदि के माध्यम से साझा की जाती हैं। 
  • NATGRID यह सुनिश्चित करेगा कि इस तरह की जानकारी एक सुरक्षित मंच के माध्यम से साझा की जाए ताकि सूचनाओं की गोपनीयता सुनिश्चित की जा सके।

स्रोत: द हिंदू

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