SoO समझौते से हटी मणिपुर सरकार | 14 Mar 2023
प्रिलिम्स के लिये:संचालन का निलंबन (SoO) समझौता, कुकी नेशनल आर्मी, ज़ोमी रिवोल्यूशनरी आर्मी मेन्स के लिये:पूर्वोत्तर भारत में विद्रोह के मुद्दे। |
चर्चा में क्यों?
10 मार्च, 2023 को मणिपुर सरकार ने वन अतिक्रमणकारियों के बीच आंदोलन को उकसाने में दो उग्रवादी समूहों, कुकी नेशनल आर्मी (KNA) और ज़ोमी रिवोल्यूशनरी आर्मी (ZRA) की भागीदारी को देखते हुए उनके साथ सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशंस (SoO) समझौते से हटने का फैसला किया है।
कुकी विद्रोह:
- कुकी विद्रोह वर्ष 1990 के दशक की शुरुआत में मणिपुर के नगाओं के साथ जातीय संघर्षों के बाद शुरू हुआ, जिसमें कुकी लोगों ने नगा आक्रमण के खिलाफ खुद को तैयार किया।
- इस विद्रोह का मुख्य कारण मणिपुर की पहाड़ियों में कुकी लोगों द्वारा उनकी "मातृभूमि" के रूप में दावा की गई भूमि ग्रेटर नगालैंड अथवा नगालिम की काल्पनिक नगा मातृभूमि के साथ लगी है।
- वर्तमान में मणिपुर में लगभग 30 कुकी विद्रोही समूह सक्रिय हैं, जिनमें से 25 भारत सरकार और राज्य के साथ त्रिपक्षीय SoO के तहत संचालित हैं।
- कुकी संगठनों ने शुरू में एक अलग कुकी राज्य की मांग की थी, लेकिन अब वे 'कुकीलैंड प्रादेशिक परिषद' की मांग कर रहे हैं
ज़ोमी रिवोल्यूशनरी आर्मी (ZRA) क्या है?
- ZRA उत्तर-पूर्वी भारतीय राज्य मणिपुर में सक्रिय एक उग्रवादी समूह है।
- समूह का गठन 1996 में क्षेत्र में रहने वाले एक स्वदेशी समुदाय, ज़ोमी लोगों के लिये अधिक स्वायत्तता प्राप्त करने के उद्देश्य से किया गया था।
- ZRA को बड़े ज़ोमी नेशनलिस्ट मूवमेंट (ZNM) का एक छोटा समूह माना जाता है, जो 1980 और 1990 के दशक में सक्रिय था।
सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन (SoO) संधि क्या है?
- परिचय:
- SoO समझौते पर वर्ष 2008 में भारत सरकार और पूर्वोत्तर भारत के मणिपुर एवं नगालैंड में सक्रिय विभिन्न कुकी उग्रवादी समूहों के मध्य संघर्ष विराम समझौते के रूप में हस्ताक्षर किये गए थे।
- समझौते के तहत कुकी आतंकवादी समूह हिंसक गतिविधियों को बंद करने और सुरक्षा बलों द्वारा निगरानी रखने के लिये नामित शिविरों में आने पर सहमत हुए।
- बदले में भारत सरकार कुकी समूहों के खिलाफ अपने आभियान को निलंबित करने के लिये सहमत हुई।
- SoO संधि की शर्तें:
- संयुक्त निगरानी समूह (JMG) समझौते के प्रभावी कार्यान्वयन की देखरेख करता है।
- राज्य और केंद्रीय बलों के साथ-साथ भूमिगत गतिविधियों सहित सुरक्षा बल किसी भी प्रकार का अभियान शुरू नहीं कर सकते हैं।
- UPF और KNO के हस्ताक्षरकर्त्ता भारत के संविधान, देश के कानूनों और मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता का पालन करते हैं।
- उन्हें क्रूरता और ज़बरन वसूली करने से प्रतिबंधित किया गया है।
- उग्रवादी समूहों को विशिष्ट शिविरों में अलग कर दिया जाता है और उनके हथियारों को डबल-लॉकिंग सिस्टम जैसे सुरक्षित स्थानों में रखा जाता है।
- इन समूहों को केवल अपने शिविरों की रक्षा करने और अपने नेताओं की सुरक्षा हेतु हथियार दिये जाते हैं।
- संयुक्त निगरानी समूह (JMG) समझौते के प्रभावी कार्यान्वयन की देखरेख करता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. भारत का उत्तर-पूर्वी प्रदेश बहुत लंबे समय से विद्रोह-ग्रसित है। इस प्रदेश में सशस्त्र विद्रोह की अतिजीविता के मुख्य कारणों का विश्लेषण कीजिये। (मुख्य परीक्षा, 2017) |