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भारत में LPG सब्सिडी पहलें

  • 28 Mar 2025
  • 8 min read

स्रोत: बिज़नेस स्टैंडर्ड 

चर्चा में क्यों? 

प्रत्यक्ष हस्तांतरित लाभ (PAHAL) जिसे प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) योजना के रूप में भी विनिर्दिष्ट किया जाता है और 'गिव इट अप' अभियान को देशव्यापी स्तर पर कार्यान्वित हुए एक दशक पूरा हो गया है। 

PAHAL DBT योजना क्या है?

  • परिचय: वर्ष 2015 में समग्र देश में शुरू की गई PAHAL DBT योजना, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा उपभोक्ताओं के बैंक खातों में LPG सब्सिडी का प्रत्यक्ष अंतरण सुनिश्चित करने के लिये एक पहल है।
    • इस योजना का उद्देश्य लीकेज को खत्म करना, डुप्लिकेट कनेक्शनों की रोकथाम करना और सब्सिडी वितरण में पारदर्शिता बढ़ाना है।
  • कार्यप्रणाली: LPG सिलेंडर का विक्रय बाज़ार मूल्य पर किया जाता है, और सब्सिडी राशि प्रत्यक्ष रूप से उपभोक्ताओं के बैंक खातों में अंतरित की जाती है।
    • उपभोक्ताओं को सब्सिडी दो तरीकों से प्राप्त होती है- आधार अंतरण अनुरूप मोड और बैंक अंतरण अनुरूप मोड (आधार लिंकेज के बिना पंजीकृत बैंक खाते में जमा की जाने वाली सब्सिडी)।
  • उद्देश्य: वास्तविक उपभोक्ताओं को लाभ प्रदान करने हेतु बिचौलियों और फर्जी LPG कनेक्शनों को समाप्त करना।
    • लाभार्थियों को बैंक खाते खोलने के लिये प्रोत्साहित करना तथा उन्हें औपचारिक वित्तीय प्रणाली में एकीकृत करना।
  • उपलब्धियाँ: वर्ष 2024 तक 30.19 करोड़ से अधिक LPG उपभोक्ता PAHAL योजना के तहत नामांकित थे। इस योजना से सब्सिडी के अपव्यय को कम करके और अयोग्य उपभोक्ताओं को हटाकर सरकार को 1.5 लाख करोड़ रुपए से अधिक बचत हुई है।
    • आधार-आधारित प्रमाणीकरण से प्रणाली से डुप्लिकेट लाभार्थियों और फर्जी या धोखाधड़ी वाले LPG कनेक्शनों को हटाने में मदद मिली।

गिव इट अप अभियान क्या है?

  • परिचय: गिव इट अप अभियान की शुरुआत वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 'ऊर्जा संगम' वैश्विक ऊर्जा शिखर सम्मेलन में की गई थी।
    • इसके माध्यम से संपन्न LPG उपभोक्ताओं को स्वेच्छा से अपनी सब्सिडी छोड़ने के लिये प्रोत्साहित किया गया, जिससे सरकार को निर्धन वर्गों के लिये धनराशि पुनर्निर्देशित करने में सहायता मिली।
  • प्रभाव: अभियान के तहत पहले वर्ष में 10 मिलियन व्यक्तियों ने सब्सिडी नहीं ली, लेकिन वर्ष 2025 तक यह संख्या धीमी होकर 11.5 मिलियन हो गई है।

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना क्या है?

  • परिचय: इसका उद्देश्य आर्थिक रूप से कमज़ोर परिवारों की वयस्क महिलाओं को जमा-मुक्त LPG कनेक्शन प्रदान करना है।
    • यह योजना स्वच्छ खाना पकाने वाले ईंधन को बढ़ावा देती है, घरेलू प्रदूषण से होने वाले स्वास्थ्य जोखिमों को कम करती है, तथा पारंपरिक ईंधन पर निर्भरता कम करती है।
    • लाभार्थियों को 14.2 किलोग्राम कनेक्शन के लिये 2,200 रुपए और 5 किलोग्राम कनेक्शन के लिये 1,300 रुपए (वित्त वर्ष 2023-24 से) मिलते हैं। 
      • इसके अतिरिक्त, गैस स्टोव खरीदने के लिये ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध है, जिससे व्यापक पहुँच सुनिश्चित होती है।
  • कार्यान्वयन और विस्तार:
    • चरण 1 (वर्ष 2016-2019): 80 मिलियन LPG कनेक्शन का प्रारंभिक लक्ष्य, सितंबर 2019 तक हासिल किया गया
    • चरण 2 - उज्ज्वला 2.0 (वर्ष 2021-2022) : दिसंबर 2022 तक अतिरिक्त 16 मिलियन कनेक्शन प्रदान किये जाएंगे
    • चरण 3 (वर्ष 2023-2026): सरकार ने 7.5 मिलियन और कनेक्शनों को मंजूरी दी, जुलाई 2024 तक लक्ष्य पूरा ।
      • जनवरी 2025 तक, संपूर्ण भारत में कुल 103.3 मिलियन PMUY कनेक्शन जारी किये जा चुके हैं।

व्यापक पहुँच के बावजूद LPG का उपयोग अभी भी सीमित क्यों है?

  • रिफिल की उच्च आवर्ती लागत: जमा-मुक्त कनेक्शन के बावजूद, LPG सिलेंडर को रिफिल करने की लागत (लगभग 1,100 रुपए प्रति सिलेंडर) कई BPL परिवारों के लिये अत्यधिक है।
    • पेट्रोलियम नियोजन एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ (PPAC, 2016) के अनुसार, 83% उत्तरदाताओं ने उच्च रिफिल लागत को एक प्रमुख बाधा बताया।
    • यद्यपि PMUY कनेक्शन निःशुल्क हैं, फिर भी 86% परिवार स्टोव, होज़ (Hoses) और रेगुलेटर की लागत से जूझ रहे हैं।
    • हालाँकि सरकार रिफिल सब्सिडी प्रदान करती है, फिर भी गरीब परिवारों पर नियमित LPG कनेक्शन बनाए रखने के लिये भारी लागत का बोझ रहता है।
  • लाभार्थियों के बीच कम रिफिल दरें PMUY परिवार औसतन 3.95 बार/वर्ष (वर्ष 2023-24) रिफिल करते हैं, जबकि गैर-PMUY उपयोगकर्त्ताओं के लिये यह दर 6.5 बार/वर्ष है।
    • अधिकतम अनुमत सीमा 12 सब्सिडीयुक्त सिलेंडर प्रति वर्ष है, जो कि अल्प उपयोग को दर्शाता है।
  • पारंपरिक ईंधन की उपलब्धता: जलाऊ लकड़ी, गोबर और फसल अवशेष आसानी से उपलब्ध हैं या कम लागत पर उपलब्ध हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में इन्हें पसंदीदा विकल्प माना जाता है।
    • रीति-रिवाज और पाक-पद्धति के कारण, कुछ क्षेत्रों में चूल्हे (पारंपरिक स्टोव) पर खाना पकाना प्रचलित है।

और पढ़ें: प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY)

दृष्टि मेन्स प्रश्न:

प्रश्न: PMUY के माध्यम से LPG की व्यापक पहुँच के बावजूद, कई परिवार पारंपरिक ईंधन पर निर्भर क्यों हैं?

मेन्स:

प्रश्न. "वहनीय (ऐफोर्डेबल), विश्वसनीय, धारणीय तथा आधुनिक ऊर्जा तक पहुँच संधारणीय (सस्टेनबल) विकास लक्ष्यों (SDG) को प्राप्त करने के लिये अनिवार्य है”। भारत में इस संबंध में हुई प्रगति पर टिप्पणी कीजिये। (2018)

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