लोथल: दुनिया का सबसे पुराना ज्ञात बंदरगाह | 21 Oct 2022
प्रिलिम्स के लिये:सिंधु घाटी सभ्यता, विश्व विरासत का महत्त्व, ASI मेन्स के लिये:लोथल, मोहनजोदड़ो, यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में प्रधानमंत्री ने गुजरात के लोथल में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (National Maritime Heritage Complex-NMHC) साइट के निर्माण की समीक्षा की है।
राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर:
- यह परियोजना मार्च 2022 में शुरू हुई और इसे 3,500 करोड़ रुपए की लागत से विकसित किया जा रहा है।
- इसमें लोथल मिनी-रिक्रिएशन जैसी कई नवीन विशेषताएँ होंगी, जो इमर्सिव तकनीक के माध्यम से हड़प्पा वास्तुकला और जीवन-शैली को फिर से बनाएंगी।
- इसमें चार थीम पार्क हैं- मेमोरियल थीम पार्क, मैरीटाइम एंड नेवी थीम पार्क, क्लाइमेट थीम पार्क और एडवेंचर एंड एम्यूज़मेंट थीम पार्क।
- यह भारत के समुद्री इतिहास को सीखने और समझने के केंद्र के रूप में कार्य करेगा।
- NMHC को भारत की विविध समुद्री विरासत को प्रदर्शित करने और लोथल को विश्व स्तरीय अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में उभरने में मदद करने के उद्देश्य से विकसित किया जा रहा है।
लोथल:
- परिचय:
- लोथल, सिंधु घाटी सभ्यता (IVC) के सबसे दक्षिणी स्थलों में से एक था, जो अब गुजरात राज्य के भाल क्षेत्र में स्थित है।
- माना जाता है कि बंदरगाह शहर 2,200 ईसा पूर्व में बनाया गया था।
- लोथल प्राचीन काल में एक फलता-फूलता व्यापार केंद्र था, जहाँ से मोतियों, रत्नों और गहनों का व्यापार पश्चिम एशिया तथा अफ्रीका तक किया जाता था।
- गुजराती में लोथल (लोथ और थाल का एक संयोजन) का अर्थ है "मृतकों का टीला।
- संयोग से मोहनजो-दड़ो शहर का नाम (सिंधु घाटी सभ्यता का हिस्सा, जो अब पाकिस्तान में है) का अर्थ सिंधी में भी यही है।
- लोथल में दुनिया का सबसे पुराना ज्ञात बंदरगाह था, जो शहर को सिंध के हड़प्पा शहरों और सौराष्ट्र प्रायद्वीप के बीच व्यापार मार्ग पर साबरमती नदी के प्राचीन मार्ग से जोड़ता था।
- खोज:
- भारतीय पुरातत्त्वविदों ने वर्ष 1947 के बाद गुजरात के सौराष्ट्र में हड़प्पा सभ्यता के शहरों की खोज शुरू की।
- पुरातत्त्वविद् एस.आर. राव ने उस टीम का नेतृत्व किया जिसने उस समय कई हड़प्पा स्थलों की खोज की, जिसमें बंदरगाह शहर लोथल भी शामिल था।
- लोथल में फरवरी 1955 से मई 1960 के बीच खुदाई का कार्य किया गया।
- डॉकयार्ड की पहचान:
- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशनोग्राफी, गोवा ने स्थल पर समुद्री माइक्रोफॉसिल और नमक, जिप्सम, क्रिस्टल की खोज की, जो दर्शाता है कि यह निश्चित रूप से डॉकयार्ड था।
- बाद की खुदाई में ASI ने टीला, बस्ती, बाज़ार और बंदरगाह का पता लगाया।
- खुदाई वाले क्षेत्रों के निकट पुरातात्त्विक स्थल संग्रहालय है, जहाँ भारत में सिंधु-युग की प्राचीन वस्तुओं के कुछ सबसे प्रमुख संग्रह प्रदर्शित किये गए हैं।
लोथल विरासत का महत्त्व:
- लोथल को अप्रैल 2014 में यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल के रूप में नामित किया गया था और इसका आवेदन यूनेस्को की अस्थायी सूची में लंबित है।
- लोथल का उत्खनन स्थल सिंधु घाटी सभ्यता का एकमात्र बंदरगाह शहर है।
- इसका विरासत मूल्य दुनिया भर के अन्य प्राचीन बंदरगाह-नगरों के बराबर है, जिनमें शामिल हैं,
- जेल हा (पेरू)
- इटली में ओस्टिया (रोम का बंदरगाह) और कार्थेज़ (ट्यूनिस का बंदरगाह)
- चीन में हेपू
- मिस्र में कैनोपस
- गैबेल (फोनीशियन के बायब्लोस)
- इज़रायल में जाफा
- मेसोपोटामिया में उर
- वियतनाम में होई एन
- इस क्षेत्र में इसकी तुलना बालाकोट (पाकिस्तान), खिरसा (गुजरात के कच्छ में) और कुंतासी (राजकोट में) के अन्य सिंधु बंदरगाह शहरों से की जा सकती है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न:प्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन सा प्राचीन नगर अपने उन्नत जल संचयन और प्रबंधन प्रणाली के लिये सुप्रसिद्ध है, जहाँ बाँधों की शृंखला का निर्माण किया गया था और संबद्ध जलाशयों में नहर के माध्यम से जल को प्रवाहित किया जाता था? (2021) (a) धोलावीरा उत्तर: (a) व्याख्या:
अतः विकल्प (a) सही उत्तर है। प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन सिंधु सभ्यता के लोगों की विशेषता/विशेषताएँ है/हैं? (2013)
नीचे दिये गए कूट का उपयोग करके सही विकल्प चुनिये: (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (b) प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सा हड़प्पा स्थल नहीं है? (2019) (a) चन्हुदड़ो उत्तर: (c) व्याख्या:
अतः विकल्प (c) सही उत्तर है। मेन्सप्रश्न. सिंधु घाटी सभ्यता की नगरीय योजना और संस्कृति ने किस हद तक वर्तमान शहरीकरण में योगदान दिया है? चर्चा कीजिये (2014) |