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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

UNSC 1267 समिति के तहत आतंकवादी की सूची

  • 21 Jun 2022
  • 11 min read

प्रिलिम्स के लिये:

विदेशी आतंकवादी संगठन, भारत-केंद्रित आतंकवादी संगठन। 

मेन्स के लिये:

यूएनएससी 1267 समिति और सूचीकरण की प्रक्रिया। 

चर्चा में क्यों? 

भारत और अमेरिका ने संयुक्त रूप ससंयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड द लेवेंट (ISIL) प्रतिबंध समिति (जिसे यूएनएससी 1267 समित के रूप में भी जाना जाता है) के तहत एक शीर्ष लश्कर -ए-तैयबा आतंकवादी मक्की को सूचीबद्ध करने का प्रस्ताव रखा। 

  • लेकिन, चीन ने मक्की को सूचीबद्ध करने के प्रस्ताव पर "तकनीकी रोक" लगाई और यह रोक एक बार में छह महीने तक चल सकती है। 
  • इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड द लेवेंट (ISIL), जिसे इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड सीरिया (ISIS) भी कहा जाता है, एक इस्लामिक स्टेट है, जो मुख्य रूप से पश्चिमी इराक और पूर्वी सीरिया में सक्रिय सुन्नी विद्रोही समूह है। 

ंयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद: 

  • परिचय: 
    • सुरक्षा परिषद की स्थापना वर्ष 1945 में संयुक्त राष्ट्र चार्टर द्वारा की गई थी। यह संयुक्त राष्ट्र के छह प्रमुख अंगों में से एक है। 
      • संयुक्त राष्ट्र के अन्य 5 अंगों में शामिल हैं- संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA), ट्रस्टीशिप परिषद, आर्थिक और सामाजिक परिषद, अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय एवं सचिवालय। 
    • यह मुख्य तौर पर अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने हेतु उत्तरदायी है। 
  • मुख्यालय: 
    • परिषद का मुख्यालय न्यूयॉर्क में स्थित है। 
  • सदस्य: 
    • सुरक्षा परिषद में कुल 15 सदस्य होते हैं: पाँच स्थायी सदस्य और दो वर्षीय कार्यकाल हेतु चुने गए दस अस्थायी सदस्य। 
      • पाँच स्थायी सदस्य संयुक्त राज्य अमेरिका, रूसी संघ, फ्राँँस, चीन और यूनाइटेड किंगडम हैं। 
      • भारत ने पिछले वर्ष (2021) आठवीं बार एक अस्थायी सदस्य के रूप में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रवेश किया था और दो वर्ष यानी वर्ष 2021-22 तक परिषद में रहेगा। 
    • प्रतिवर्ष महासभा दो वर्ष के कार्यकाल के लिये पाँच अस्थायी सदस्यों (कुल दस में से) का चुनाव करती है। दस अस्थायी सीटों का वितरण क्षेत्रीय आधार पर किया जाता है। 

UNSC 1267 समिति: 

  • परिचय: 
    • यह पहली बार वर्ष 1999 में स्थापित किया गया था और सितंबर, 2001 के हमलों के बाद मज़बूत हुआ। इसे अब इस्लामिक स्टेट समूह और अल कायदा प्रतिबंध समिति के रूप में जाना जाता है। 
    • इसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के सभी स्थायी और गैर-स्थायी सदस्य शामिल हैं। 
    • आतंकवादियों की 1267 सूची एक वैश्विक सूची है, जिसमें UNSC द्वारा प्रमाणित होती है। यह सूची पाकिस्तानी नागरिकों और निवासियों से भरी हुई है। 
    • यह आतंकवाद का मुकाबला करने के प्रयासों पर काम कर रहे सबसे महत्त्वपूर्ण और सक्रिय संयुक्त राष्ट्र सहायक निकायों में से एक है, विशेष रूप से अल कायदा और इस्लामिक स्टेट समूह के संबंध में। 
    • यह आतंकवादियों की आवाजाही विशेष रूप से यात्रा प्रतिबंधों से संबंधित, संपत्ति की जब्ती और आतंकवाद के लिए हथियारों पर प्रतिबंध, को सीमित करने के लिये संयुक्त राष्ट्र के प्रयासों पर चर्चा करता है। 
      • भारत ने पिछले दशक में वर्ष 2009, 2016 और 2017 में कम से कम तीन प्रयास किये हैं ताकि जैश प्रमुख को "वैश्विक आतंकवादी" के रूप में सूचीबद्ध किया जाए। पाकिस्तान के इशारे पर चीन ने सभी कोशिशों को रोक दिया है. 
  • सूचीकरण की प्रक्रिया: 
    • कोई भी सदस्य देश किसी व्यक्ति, समूह या संस्था को सूचीबद्ध करने का प्रस्ताव प्रस्तुत कर सकता है। 
    • प्रस्ताव में उन कृत्यों या गतिविधियों को शामिल किया जाना चाहिये जो यह दर्शाते हैं कि प्रस्तावित व्यक्ति / समूह / इकाई ने "ISIL (जैश-ए-मुहम्मद), अल-कायदा या किसी भी सेल से संबद्ध  समूह या उसके व्युत्पन्न से जुड़े "कार्यों या गतिविधियों के वित्तपोषण, योजना, सुविधा, तैयारी, या संचालन में" भाग लिया हो। 
    • सूचीबद्ध करने तथा सूची से बाहर रखने पर निर्णय सर्वसम्मति से अपनाए जाते हैं। प्रस्ताव सभी सदस्यों को भेजा जाता है, और यदि कोई सदस्य पांच कार्य दिवसों के भीतर आपत्ति नहीं करता है, तो प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया जाता है। 
      • एक "आपत्ति" का अर्थ प्रस्ताव के लिये आवरण से है। 
    • समिति का कोई भी सदस्य प्रस्ताव पर "तकनीकी रोक" लगा सकता है और प्रस्तावक सदस्य देश से अधिक जानकारी मांग सकता है। इस दौरान अन्य सदस्य भी अपना सुझाव दे सकते हैं। 
    • मामला समिति की "लंबित" सूची में तब तक बना रहता है जब तक कि सदस्य देश ने अपने निर्णय को "आपत्ति" में बदलने का फैसला नहीं किया है, या जब तक कि जिन लोगों ने निर्णय नही  किया है, वे उन्हें समिति द्वारा निर्धारित समय सीमा के भीतर रोक हटा नहीं देते हैं। . 
    • लंबित मुद्दों को छह महीने में हल किया जाना चाहिये, लेकिन जिस सदस्य राज्य ने रोक लगाई है वह अतिरिक्त तीन महीने मांग सकता है। इस अवधि के अंत में, यदि आपत्ति नहीं रखी जाती है, तो मामले को स्वीकृत माना जाता है। 

विदेशी आतंकवादी संगठन (FTO): 

  • FTO विदेशी संगठन हैं जिन्हें यूएस सेक्रेटरी ऑफ स्टेट द्वारा नामित किया जाता है। 
  • यह आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है और आतंकवादी गतिविधियों और समूहों पर आतंकवाद के कारोबार से बाहर निकलने के लिये दबाव बनाने हेतु समर्थन को कम करने का एक प्रभावी साधन है। 

पाकिस्तान में भारत-केंद्रित प्रमुख आतंकवादी संगठन 

नाम  

गठन  

एफटीओ पद 

परिचय  

गैरकानूनी गतिविधियांँ (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के अनुसार भारत में स्थिति 

लश्कर-ए-तैयबा (LET) 

1980 के दशक के अंत में 

2001 

यह मुंबई में वर्ष 2008 के प्रमुख हमलों के साथ-साथ कई अन्य हाई-प्रोफाइल हमलों के लिये ज़िम्मेदार था।

प्रतिबंधित 

जैश-ए-मोहम्मद (JEM) 

2000 

2001 

LET के साथ मिलकर यह अन्य हमलों के अलावा, वर्ष 2001 में भारतीय संसद पर हमले के लिये ज़िम्मेदार था। JEM ने भी खुले तौर पर संयुक्त राज्य अमेरिका पर युद्ध की घोषणा की है। 

प्रतिबंधित 

हरकत-उल-जिहाद-ए-इस्लामी (HUJI) 

1980 

2010 

प्रारंभ में इसका गठन सोवियत सेना से लड़ने के लिये किया गया था, हालाँकि वर्ष 1989 के बाद, इसने भारत की ओर अपने प्रयासों को पुनर्निर्देशित किया, हालाँकि इसने अफगान-तालिबान को लड़ाकों की आपूर्ति की। 

HUJI वर्तमान में अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश और भारत में सक्रिय है और कश्मीर को पाकिस्तान में मिलाने की मांग करता है। 

प्रतिबंधित 

हरकत-उल-मुजाहिदीन (HUM) 

1985 

1997 

यह अपनी गतिविधियों को मुख्य रूप से पाक अधिकृत कश्मीर और कुछ पाकिस्तानी शहरों से संचालित करता है। 

प्रतिबंधित 

 

हिज़बुल मुजाहिद्दीन 

1989 

2017 

यह पाकिस्तान के सबसे बड़े इस्लामी राजनीतिक दल की उग्रवादी शाखा है तथा जम्मू और कश्मीर में सक्रिय सबसे बड़े एवं सबसे पुराने आतंकवादी समूहों में से एक है। 

प्रतिबंधित 

अल कायदा 

1988 

1999 

यह मुख्य रूप से पूर्व संघ प्रशासित जनजातीय क्षेत्रों और कराची के मेगासिटी, साथ ही साथ अफगानिस्तान से अपनी गतिविधियों को संचालित करता है। 

प्रतिबंधित 

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