विधिक माप विज्ञान (पैक किये गए उत्पाद) नियम 2011 | 10 Nov 2021
प्रिलिम्स के लियेविधिक माप विज्ञान (पैक किये गए उत्पाद) नियम, 2011 मेन्स के लियेसंशोधित प्रावधान और उनका महत्त्व |
चर्चा में क्यों?
उपभोक्ता मामलों के विभाग ने उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिये ‘विधिक माप विज्ञान (पैक किये गए उत्पाद) नियम 2011’ के नियम-5 को समाप्त कर दिया है।
- यह नियम 5 विभिन्न प्रकार की वस्तुओं के पैक आकार को निर्धारित करते हुए अनुसूची-II को परिभाषित करता है।
प्रमुख बिंदु
- संशोधन के विषय में
- ‘अधिकतम खुदरा मूल्य’ की घोषणा:
- भारतीय मुद्रा में ‘अधिकतम खुदरा मूल्य’ (MRP) की घोषणा पूर्व-पैक वस्तुओं और निर्माण की तारीख पर सभी करों सहित अनिवार्य कर दी गई है।
- यूनिट बिक्री मूल्य का नया प्रावधान:
- अब मात्रा को संख्या या इकाई या टुकड़े या जोड़ी या सेट या ऐसे किसी अन्य शब्द के रूप में व्यक्त किया जा सकता है, जो पैकेज में मात्रा का प्रतिनिधित्व करता है।
- यह खरीद के समय वस्तुओं की कीमतों की तुलना करना आसान बनाएगा।
- इससे पूर्व संख्या के आधार पर बेची जाने वाली वस्तुओं के लिये ‘U’ और ‘N’ प्रतीक का प्रयोग किया जाता था।
- अब मात्रा को संख्या या इकाई या टुकड़े या जोड़ी या सेट या ऐसे किसी अन्य शब्द के रूप में व्यक्त किया जा सकता है, जो पैकेज में मात्रा का प्रतिनिधित्व करता है।
- ‘अधिकतम खुदरा मूल्य’ की घोषणा:
- विधिक माप विज्ञान (पैक किये गए उत्पाद) नियम 2011:
- यह भारत में पहले से पैकिंग की गई वस्तुओं को नियंत्रित करता है और अन्य बातों के साथ-साथ ऐसी वस्तुओं की बिक्री से पहले कुछ लेबलिंग आवश्यकताओं को अनिवार्य करता है।
- विधिक माप विज्ञान अधिनियम, 2009 (Legal Metrology Act, 2009) का मुख्य उद्देश्य वज़न एवं माप के मानकों को स्थापित करना और लागू करना, वज़न, माप एवं अन्य वस्तुओं में व्यापार तथा वाणिज्य जिन्हें तौल, माप या संख्या में बेचा या वितरित किया जाता है और कोई अन्य मामला जो इनसे संबंधित हो को विनियमित करना है।
- अधिनियम के अनुसार, केंद्र सरकार अंतर-राज्यीय व्यापार और वाणिज्य से संबंधित कर्तव्यों का पालन करने के लिये कानूनी माप विज्ञान के निदेशक की नियुक्ति कर सकती है।
- राज्य सरकार अंतर-राज्यीय व्यापार और वाणिज्य से संबंधित कर्तव्यों का पालन करने के लिये कानूनी माप विज्ञान नियंत्रक नियुक्त कर सकती है।
- संबंधित पहलें: