स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण में कर्नाटक शीर्ष पर | 01 Mar 2023
प्रिलिम्स के लिये:स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण में कर्नाटक राज्य शीर्ष पर, स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण, नवीकरणीय ऊर्जा, GDP। मेन्स के लिये:स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण। |
चर्चा में क्यों?
इंस्टीट्यूट फॉर एनर्जी इकोनॉमिक्स एंड फाइनेंशियल एनालिसिस (IEEFA) और एम्बर की एक रिपोर्ट के अनुसार, स्वच्छ विद्युत संक्रमण के संदर्भ में भारत में कर्नाटक एवं गुजरात अग्रणी राज्य हैं।
- IEEFA ऊर्जा बाज़ारों, प्रवृत्तियों और विनियमों से संबंधित विषयों का विश्लेषण करता है, जबकि एम्बर एक स्वतंत्र, गैर-लाभकारी समूह है जो जलवायु और ऊर्जा संबंधी चिंताओं पर केंद्रित है।
प्रमुख बिंदु
- मूल्यांकन की पद्धति:
- 'इंडियन स्टेट्स' एनर्जी ट्रांज़िशन' रिपोर्ट ने 16 राज्यों (भारत में विद्युत उत्पादन का 90% हिस्सा) के लिये एक स्कोरिंग प्रणाली तैयार की है, और उनके प्रदर्शन का मूल्यांकन चार व्यापक मापदंडों पर किया जाता है:
- डीकार्बोनाइज़ेशन
- विद्युत प्रणाली का प्रदर्शन
- विद्युत पारिस्थितिकी तंत्र की तैयारियाँ
- नीतियाँ और राजनीतिक प्रतिबद्धताएँ
- 'इंडियन स्टेट्स' एनर्जी ट्रांज़िशन' रिपोर्ट ने 16 राज्यों (भारत में विद्युत उत्पादन का 90% हिस्सा) के लिये एक स्कोरिंग प्रणाली तैयार की है, और उनके प्रदर्शन का मूल्यांकन चार व्यापक मापदंडों पर किया जाता है:
- मूल्यांकन:
- विश्लेषण किये गए 16 राज्यों में से कर्नाटक एकमात्र ऐसा राज्य है जिसने स्वच्छ विद्युत संक्रमण के सभी चार आयामों में अच्छा स्कोर किया है।
- साथ ही इन राज्यों ने स्मार्ट मीटर स्थापित करने के अपने लक्ष्य का 100% पूरा कर लिया है और फीडर लाइनों को अलग करने के अपने लक्ष्य से 16% अधिक कार्य किया।
- गुजरात अपने विद्युत क्षेत्र को डीकार्बोनाइज़ करने के मामले में कर्नाटक से थोड़ा पीछे है। हरियाणा और पंजाब ने विद्युत संक्रमण के लिये आशाजनक तैयारी एवं कार्यान्वयन को दर्शाया है।
- पश्चिम बंगाल, बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्य इस क्षेत्र में काफी पीछे हैं।
- पश्चिम बंगाल ने सभी मापदंडों में कम स्कोर प्राप्त किया तथा उत्पादकों को इसके बकाया भुगतान में मार्च 2018 से मार्च 2022 तक 500% की वृद्धि हुई है।
- राजस्थान और तमिलनाडु को अपनी विद्युत प्रणाली की तैयारी में सुधार करने की आवश्यकता है।
- विश्लेषण किये गए 16 राज्यों में से कर्नाटक एकमात्र ऐसा राज्य है जिसने स्वच्छ विद्युत संक्रमण के सभी चार आयामों में अच्छा स्कोर किया है।
- सुझाव:
- नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता और भंडारण को बढ़ावा देने के अलावा यह सुझाव दिया गया है कि राज्य स्वच्छ विद्युत संक्रमण की दिशा में एक बहु-आयामी दृष्टिकोण अपनाएँ, जिसमें मांग पक्ष के प्रयास शामिल हों।
- वर्चुअल पावर परचेज़ एग्रीमेंट (VPPAs) तथा कॉन्ट्रैक्ट्स फॉर डिफरेंस (CfD) जैसे अभिनव द्विपक्षीय वित्तीय बाज़ार तंत्रों में बाज़ार को खोलने एवं खरीदारों तथा नियामकों को आंतरायिक नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन से निपटने हेतु आवश्यक आश्वासन प्रदान करने की बड़ी क्षमता है।
- प्रगति की प्रभावी ढंग से निगरानी करने तथा आवश्यक होने पर कार्यप्रणाली में सुधार के लिये इसने डेटा उपलब्धता एवं पारदर्शिता सुधार का आह्वान किया।
भारत का स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्य:
- अपने अंतर्राष्ट्रीय दायित्त्वों के हिस्से के रूप में भारत गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से विद्युत उत्पादन का लगभग आधा हिस्सा प्राप्त करने तथा वर्ष 2030 तक अपने सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की उत्सर्जन तीव्रता को 45% तक कम करने के लिये प्रतिबद्ध है।
- इसे हासिल करना इस बात पर निर्भर करता है कि राज्य अपने बुनियादी ढाँचे में इस प्रकार परिवर्तन करें कि इसका उपयोग विद्युत आपूर्ति हेतु किया जा सके, ताकि सौर, पवन, जलविद्युत जैसे कई स्रोतों के साथ-साथ मौजूदा जीवाश्म ईंधन स्रोतों से प्राप्त उर्जा को कुशलतापूर्वक समायोजित किया जा सके।
- भारत के संशोधित राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDC) ने देश में विद्युत क्षेत्र में लक्षित परिवर्तन हेतु सही निर्णय लिये हैं।
स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण हेतु किये जा रहे प्रयास:
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. अभीष्ट राष्ट्रीय निर्धारित अंशदान पद को कभी-कभी समाचारों में किस संदर्भ में देखा जाता है? (2016) (a) युद्ध प्रभावित मध्य पूर्व के शरणार्थियों के पुनर्वास के लिये यूरोपीय देशों द्वारा दिये गए वचन उत्तर: (b) व्याख्या:
अतः विकल्प (b) सही है। प्रश्न. नवंबर 2021 में ग्लासगो में विश्व के नेताओं के शिखर सम्मेलन में CoP 26 संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में आरंभ की गई हरित ग्रिड पहल का प्रयोजन स्पष्ट कीजिये। अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) में यह विचार पहली बार कब दिया गया था? (मुख्य परीक्षा, 2021) |