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आंतरिक सुरक्षा

संयुक्त लॉजिस्टिक्स नोड

  • 29 Apr 2021
  • 6 min read

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (Chief of Defence Staff) जनरल बिपिन रावत ने मुंबई में तीसरे ‘संयुक्त लॉजिस्टिक्स नोड’ (Joint Logistics Node- JLN) की शुरुआत की है। 

  • अन्य परिचालित ‘संयुक्त लॉजिस्टिक्स नोड’ गुवाहाटी और पोर्ट ब्लेयर में स्थित हैं।

प्रमुख बिंदु: 

संयुक्त लॉजिस्टिक्स नोड का महत्त्व:

  • ये संयुक्त लॉजिस्टिक नोड छोटे हथियारों, गोला-बारूद, राशन, ईंधन, जनरल स्टोर, सिविल ट्रांसपोर्ट, पुर्जों और इंजीनियरिंग कार्यों में सहयोग के लिये तीनों सेनाओं को एकीकृत लॉजिस्टिक कवर प्रदान करेंगे।
  • यह पहल वित्तीय बचत के अलावा, मानवशक्ति की बचत और संसाधनों का इष्टतम उपयोग करने में भी महत्त्वपूर्ण होगी। 
  • इन्हें ‘संयुक्त लॉजिस्टिक कमान’ के अग्रगामी के रूप में स्थापित किया गया है, जो कि एकीकृत थियेटर कमांड (Integrated Theatre Command) के इष्टतम प्रयोग हेतु महत्त्वपूर्ण है।
    • एकीकृत थियेटर कमांड स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य भविष्य में होने वाली किसी भी युद्ध की स्थिति में सैन्य संसाधनों का सर्वोत्तम उपयोग सुनिश्चित करना है।

एकीकृत थियेटर कमांड:

  • एकीकृत थियेटर कमांड का आशय सुरक्षा और रणनीतिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण किसी भौगोलिक क्षेत्र के लिये एक ही कमान के अधीन तीनों सशस्त्र सेनाओं (थल सेना, वायुसेना और नौसेना) के एकीकृत कमांड से है। 
  • इन बलों (थल सेना, वायुसेना और नौसेना) के कमांडर अपनी क्षमताओं के साथ किसी भी विपरीत परिस्थिति में सभी संसाधनों को वहन करने में सक्षम होंगे।
  • एकीकृत थिएटर कमांड ‘व्यक्तिगत सेवाओं’ (Individual Services) के प्रति जवाबदेह नहीं होगा।
  • तीनो बलों का एकीकरण संसाधनों के दोहराव को कम  करेगा। एक सेवा के तहत उपलब्ध संसाधन को अन्य सेवाओं में भी उपयोग किया जा सकेगा।
  • इससे रक्षा बलों को एक-दूसरे को बेहतर तरीके से जानने का अवसर मिलेगा, जिससे रक्षा प्रतिष्ठान में बेहतर सामंजस्य स्थापित हो सकेगा। 
  • शेकातकर समिति (Shekatkar committee) ने तीन 3 एकीकृत थिएटर कमांड  बनाने की सिफारिश की है - चीन सीमा हेतु उत्तरी कमांड , पाकिस्तान सीमा हेतु पश्चिमी कमांड और समुद्री क्षेत्र हेतु दक्षिणी कमांड।

वर्तमान त्रि-सेवा कमांड:

  • वर्तमान में अंडमान और निकोबार कमान  (Andaman and Nicobar Command- ANC), जो कि एक  थियेटर कमांड है, का नेतृत्व  रोटेशन क्रम में तीन सेवाओं के प्रमुखों द्वारा किया जाता है।
    • इसे वर्ष 2001 में दक्षिण पूर्व एशिया और द्वीपों में तीव्र होती सैन्य गतिविधियों और भारत के सामरिक हितों को ध्यान में रखते हुए मलक्का जलडमरूमध्य की सुरक्षा हेतु स्थापित किया गया था।
  • वर्ष 2006 में ‘सामरिक बल कमांड’ (Strategic Forces Command) को स्थापित किया गया , जो एक कार्यात्मक त्रि-सेवा कमांड (Functional Tri-Services command) है। यह देश की परमाणु संपत्ति के वितरण और परिचालन नियंत्रण का कार्य करती है।  

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ:

  • चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) एक फोर-स्टार जनरल रैंक का पद है, जिसका वेतन और अतिरिक्त सुविधाएँ सर्विस चीफ (Service Chief) के बराबर होती है।
  • CDS हेतु सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष है, जो तीनों सेवा प्रमुखों की सेवानिवृत्ति की आयु से तीन वर्ष अधिक है।
  •  फरवरी 2000 में कारगिल रिव्यू कमेटी ( Kargil Review Committee- KRC) द्वारा CDS के पद के निर्माण का सुझाव दिया गया था।
  • CDS के कार्य: मौलिक रूप से CDS द्वारा 2 प्रमुख भूमिकाओं का निर्वहन किया जाता है:
    • पहली भूमिका: CDS तीनों सेवाओं के मुद्दों पर रक्षा मंत्री के प्रमुख सैन्य सलाहकार के रूप में कार्य करेगा।
    • दूसरी भूमिका: CDS तीन सेवाओं हेतु सैन्य मामलों के विभाग (Department of Military Affairs- DoMA) का नेतृत्व करेगा।

स्रोत: द हिंदू

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