शासन व्यवस्था
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ
- 26 Dec 2019
- 7 min read
प्रीलिम्स के लिये:
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ
मेन्स के लिये:
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति तथा इसके निहितार्थ
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश में उच्च रक्षा प्रबंधन में चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ (Chief of Defence Staff- CDS) के पद के सृजन को मंज़ूरी दे दी है।
प्रमुख बिंदु:
- चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद की घोषणा 15 अगस्त, 2019 को की गई थी। यह भारत की जल, थल एवं वायु सेना के एकीकरण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा व आपस में उनके संपर्क को स्थापित करेगा।
- चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद का वेतन और अतिरिक्त सुविधाएँ सर्विस चीफ (Service Chief) के बराबर होंगी।
- चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ सैन्य मामलों के विभाग (Department of Military Affairs- DMA) का भी प्रमुख होगा।
- इसका गठन रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) के तहत किया जाएगा और वह उसके सचिव के रूप में कार्य करेगा।
कार्य:
- CDS के नेतृत्व में DMA निम्मलिखित कार्यों का नेतृत्व करेगा:
- संघ की सशस्त्र सेना अर्थात सेना, नौसेना और वायु सेना।
- रक्षा मंत्रालय के समन्वित मुख्यालय जिनमें सेना मुख्यालय, नौसेना मुख्यालय, वायु सेना मुख्यालय और रक्षा प्रमुख मुख्यालय शामिल है।
- प्रादेशिक सेना, सेना, नौसेना और वायु सेना से जुड़े कार्य।
- चालू नियमों और प्रक्रियाओं के अनुसार पूंजीगत प्राप्तियों को छोड़कर सेवाओं के लिये विशिष्ट खरीद।
- सैन्य मामलों के विभाग का प्रमुख होने के अलावा चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ चीफ ऑफ स्टॉफ कमेटी के अध्यक्ष भी होंगे।
- वे सेना के तीनों अंगों के मामले में रक्षा मंत्री के प्रमुख सैन्य सलाहकार के रूप में कार्य करेंगे, लेकिन इसके साथ ही तीनों सेनाओं के अध्यक्ष रक्षा मंत्री को अपनी सेनाओं के संबंध में सलाह देना जारी रखेंगे।
- चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ तीनों सेनाओं के प्रमुखों को कमांड (Command) नहीं करेंगे और नहीं किसी अन्य सैन्य कमान के लिये अपने अधिकारों का इस्तेमाल करेंगे, ताकि राजनीतिक नेतृत्व को सैन्य मामलों में निष्पक्ष सुझाव दे सके।
- इसके अलावा सैन्य मामलों के विभाग के अधिकार क्षेत्र में निम्नलिखित बातें भी शामिल होंगीः-
- एकीकृत संयुक्त योजनाओं और आवश्यकताओं के माध्यम से सैन्य सेवाओं की खरीद, प्रशिक्षण और स्टॉफ की नियुक्ति की प्रक्रिया में समन्वय लाना। संयुक्त संचालन के माध्यम से संसाधनों के तर्कसंगत इस्तेमाल के लिये सैन्य कमानों के पुनर्गठन और संयुक्त थिएटर कमानों के गठन की सुविधा।
- सेनाओं द्वारा स्वदेश निर्मित उपकरणों के इस्तेमाल को बढ़ावा देना।
- चीफ ऑफ स्टॉफ कमेटी के स्थायी अध्यक्ष के रूप में चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ निम्नलिखित कार्य करेंगेः-
- वे तीनों सैन्य सेवाओं के लिये प्रशासनिक कार्यों की देख-रेख करेंगे। तीनों सेवाओं से जुड़ी एजेंसियों, संगठनों तथा साइबर और अंतरिक्ष से संबंधित कार्यों की कमान चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ के हाथों में होगी।
- CDS रक्षा मंत्री की अध्यक्षता वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद और राष्ट्रीय सुरक्षा सलहकार की अध्यक्षता वाली रक्षा नियोजन समिति के सदस्य होंगे।
- परमाणु कमान प्राधिकरण के सैन्य सलाहकार के रूप में कार्य करेंगे।
- प्रथम CDS के पदभार संभालने के बाद तीन वर्षों के भीतर तीनों ही सेवाओं के परिचालन, लॉजिस्टिक्स, आवाजाही, प्रशिक्षण, सहायक सेवाओं, संचार, मरम्मत एवं रखरखाव इत्यादि में संलग्नता सुनिश्चित करेंगे।
- अवसंरचना का इष्टतम उपयोग सुनिश्चित करेंगे और तीनों ही सेवाओं के बीच संलग्नता के जरिये इसे तर्कसंगत बनाएंगे।
- एकीकृत क्षमता विकास योजना (Integrated Capacity Development Plan- ICDP) के बाद आगे के कदम के रूप में पंचवर्षीय ‘रक्षा पूंजीगत सामान अधिग्रहण योजना’ और दो वर्षीय सतत वार्षिक अधिग्रहण योजनाओं (Annual Acquisition Plans) को कार्यान्वित करेंगे।
- अनुमानित बजट के आधार पर पूंजीगत सामान खरीद के प्रस्तावों को अंतर-सेवा प्राथमिकता देंगे।
- अपव्यय में कमी करके सशस्त्र बलों की लड़ाकू क्षमताएं बढ़ाने के लिये तीनों सेवाओं के कामकाज में सुधारों को लागू करेंगे।
महत्त्व:
- उच्च रक्षा प्रबंधन में इस सुधार से सशस्त्र बल समन्वित रक्षा सिद्धांतों एवं प्रक्रियाओं को लागू करने में समर्थ हो जाएंगे
- इसके साथ ही यह तीनों सेवाओं के बीच एक साझा रणनीति के साथ एकीकृत सैन्य अभियान के संचालन को बढ़ावा देने में काफी मददगार साबित होगा।
- प्रशिक्षण, लॉजिस्टिक्स एवं परिचालनों के साथ-साथ खरीद को प्राथमिकता देने में संयुक्त रणनीति अपनाने के लिये समन्वित प्रयास करने से देश लाभान्वित होगा।