जापान की आधिकारिक विकास सहायता | 30 Mar 2023
प्रिलिम्स के लिये:भारत-जापान संबंध, जलवायु परिवर्तन, पटना मेट्रो, वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर मेन्स के लिये:जापान की आधिकारिक विकास सहायता, भारत-जापान संबंध |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में जापान ने भारत में कुछ प्रमुख परियोजनाओं के लिये आधिकारिक विकास सहायता (Official Development Assistance- ODA) को मंज़ूरी दी है।
- वर्ष 1958 से ही भारत और जापान के बीच द्विपक्षीय विकास सहयोग का महत्त्वपूर्ण इतिहास रहा है। पिछले कुछ वर्षों में भारत एवं जापान के बीच आर्थिक सहयोग में लगातार वृद्धि देखने को मिली है।
आधिकारिक विकास सहायता के तहत प्रमुख परियोजनाएँ:
- पटना मेट्रो रेल निर्माण परियोजना:
- पटना मेट्रो रेल निर्माण परियोजना (I) के लिये 5,509 करोड़ रुपए की मंज़ूरी दी गई है।
- इसका उद्देश्य नए मेट्रो कॉरिडोर का निर्माण करके पटना में यातायात की बढ़ती मांग को पूरा करना है, ताकि शहरी पर्यावरण में सुधार और अर्थव्यवस्था के विकास के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन के शमन में योगदान दिया जा सके।
- पश्चिम बंगाल में वन और जैवविविधता संरक्षण:
- जलवायु परिवर्तन प्रतिक्रिया के लिये पश्चिम बंगाल में वन एवं जैवविविधता संरक्षण परियोजना हेतु लगभग 520 करोड़ रुपए मंजूर किये गए हैं।
- इसका उद्देश्य जलवायु परिवर्तन को कम करना एवं अनुकूल बनाना, पारिस्थितिक तंत्र आधारित जलवायु परिवर्तन उपायों, जैवविविधता संरक्षण तथा बहाली द्वारा पारिस्थितिक तंत्र को संरक्षित और पुनर्स्थापित करना है, ताकि राज्य में सतत् सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान दिया जा सके।
- राजस्थान जल क्षेत्र आजीविका सुधार प्रोजेक्ट:
- राजस्थान जल क्षेत्र आजीविका सुधार परियोजना (द्वितीय) हेतु 1,055.53 करोड़ रुपए स्वीकृत किये गए हैं।
- इसका उद्देश्य मौजूदा सिंचाई सुविधाओं और कृषि सहायता सेवाओं में सुधार के माध्यम से जल उपयोग दक्षता एवं कृषि उत्पादकता में सुधार कर राज्य में कृषि तथा सिंचाई क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका को बढ़ावा देने के साथ-साथ किसानों की आजीविका में सुधार करना है।
जापान द्वारा भारत हेतु अन्य ODA:
- दिल्ली मेट्रो द्वारा ODA का उपयोग जापानी सहयोग के सबसे सफल उदाहरणों में से एक है।
- भारत की वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFC) परियोजना हेतु जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी द्वारा आर्थिक साझेदारी के लिये विशेष शर्तों (Special terms for Economic Partnership- STEP) के तहत उदार ऋण प्रदान किये गए हैं।
- इसके अलावा जापान और भारत, जापान के शिंकान्सेन सिस्टम का उपयोग करके भारत में हाई-स्पीड रेलवे के निर्माण पर सहमत हुए।
- भारत-जापान परमाणु समझौता 2016 भारत को दक्षिणी भारत में छह परमाणु रिएक्टर बनाने में मदद करेगा, जिससे वर्ष 2032 तक परमाणु ऊर्जा क्षमता दस गुना बढ़ जाएगी।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. ‘भारत और जापान के लिये समय आ गया है कि एक ऐसे मज़बूत समसामयिक संबंध का निर्माण करें, जिसका वैश्विक एवं रणनीतिक साझेदारी को आवेष्टित करते हुए एशिया एवं संपूर्ण विश्व के लिये बड़ा महत्त्व होगा।’ टिप्पणी कीजिये। (2019) |