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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

जापान द्वारा भारत को आधिकारिक विकास सहायता

  • 09 Jan 2021
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारत और जापान द्वारा 50 बिलियन येन (लगभग 3,550 करोड़ रुपए) के ऋण के लिये एक समझौते पर हस्ताक्षर किये गए हैं। इसका उद्देश्य COVID-19 से प्रभावित गरीब और सुभेद्य लोगों के लिये भारत सरकार द्वारा संचालित आर्थिक सहयोग कार्यक्रमों को समर्थन प्रदान करना है।

प्रमुख बिंदु:

  • ऋण की विशेषताएँ:
    • यह जापान की आधिकारिक विकास सहायता (ODA) ऋण का हिस्सा है।
      • ODA को ऐसी सरकारी सहायता के रूप में परिभाषित किया गया है जिसे विकासशील देशों के आर्थिक विकास और कल्याण को बढ़ावा देने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
      • सैन्य उद्देश्यों के लिये दिये जाने वाले ऋण और क्रेडिट को ODA से बाहर रखा गया है।
    • इस ऋण पर 0.65% की ब्याज दर लागू होगी और इसे चुकाने की अवधि 15 वर्ष की होगी, पाँच वर्ष की ग्रेस (Grace) या छूट अवधि सहित।
    • वित्तीय सहायता का उद्देश्य भारत सरकार द्वारा संचालित 'प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना' (PMJKY) जैसे कार्यक्रमों को समर्थन प्रदान करना है, जिनका उद्देश्य सामाजिक-आर्थिक प्रभावों को कम करना और सामाजिक-आर्थिक संस्थानों को मज़बूत करना है।
      • इसके तहत गरीब और कमज़ोर वर्ग के लोगों के लिये खाद्यान्न वितरण की योजनाएँ, निर्माण श्रमिकों को समर्थन और सहायता का प्रावधान तथा COVID-19 के प्रसार को रोकने में लगे स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिये विशेष बीमा का प्रावधान भी शामिल है।
    • यह भारत सरकार की स्वास्थ्य और चिकित्सा नीति के कार्यान्वयन के लिये है और इससे आईसीयू (गहन चिकित्सा इकाइयों), संक्रमण रोकथाम तथा प्रबंधन सुविधाओं से लैस अस्पतालों के विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
      • इसके द्वारा देश भर के कई गाँवों में डिजिटल तकनीक के उपयोग से टेलीमेडिसिन (Telemedicine) के संवर्द्धन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
  • पूर्व के समर्थन:
    • जापान ने इससे पहले COVID-19 संकट का मुकाबला करने हेतु भारत सरकार के प्रयासों का समर्थन करने के लिये 50 अरब येन का बजट समर्थन और एक अरब येन की अनुदान सहायता प्रदान की थी।
    • जापान द्वारा भारत को अब दी गई कुल सहायता राशि लगभग 5,800 करोड़ रुपए है।
  • भारत-जापान संबंध:
    • भारत और जापान के बीच वर्ष 1958 से द्विपक्षीय सहयोग का लंबा और सकारात्मक इतिहास रहा है।
    • पिछले कुछ वर्षों में भारत और जापान के बीच आर्थिक सहयोग मज़बूत हुआ है तथा यह प्रगति रणनीतिक साझेदारी में बदल गई है।
      • वित्तीय वर्ष 2019 में भारत के लिये जापान चौथा सबसे बड़ा निवेशक देश था।
      • भारत पिछले दशकों में जापानी ODA ऋण का सबसे बड़ा लाभार्थी/प्राप्तकर्त्ता रहा है। दिल्ली मेट्रो ODA के उपयोग के माध्यम से जापानी सहयोग के सबसे सफल उदाहरणों में से एक है।
    • इसके अलावा जापान 'एक्ट ईस्ट नीति' और 'पार्टनरशिप फॉर क्वालिटी इन्फ्रास्ट्रक्चर’ के बीच तालमेल के माध्यम से दक्षिण एशिया को दक्षिण-पूर्व एशिया से जोड़ने में रणनीतिक कनेक्टिविटी का समर्थन जारी रखेगा।

स्रोत: पी.आई.बी.

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