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शासन व्यवस्था

COVID-19 के लिये राहत पैकेज

  • 27 Mar 2020
  • 8 min read

प्रीलिम्स के लिये 

सरकार द्वारा की गई प्रमुख घोषणाएँ

मेन्स के लिये

सरकार द्वारा की गई घोषणाओं का प्रभाव

चर्चा में क्यों?

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ‘कोरोनावायरस’ (COVID-19) के विरुद्ध लड़ाई में गरीबों की मदद करने के उद्देश्‍य से ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना’ के तहत 1.70 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज की घोषणा की है।

प्रमुख बिंदु

  • वित्त मंत्री ने कहा कि ‘सरकार द्वारा किये गए विभिन्‍न उपायों का उद्देश्य निर्धनतम लोगों को भोजन आदि की सुविधा प्रदान कर उनकी भरसक मदद करना है, ताकि उन्‍हें आवश्यक आपूर्ति या वस्‍तुओं को खरीदने और अपनी अनिवार्य ज़रूरतों को पूरा करने में कठिनाइयों का सामना न करना पड़े।’
  • हाल ही में सरकार ने कोरोनावायरस की महामारी को देखते हुए 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की थी, जो कि इस कोरोनावायरस की वैश्विक महामारी से निपटने के लिये एक सराहनीय कदम के रूप में देखा गया था। 
  • हालाँकि सरकार के इस निर्णय से भारत के एक बड़े वर्ग के समक्ष आर्थिक तंगी की स्थिति उत्पन्न हो गई है और उन्हें दैनिक आधार पर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। 

सरकार द्वारा घोषित उपाय 

  • स्वास्थ्य कर्मियों के लिये बीमा योजना
    • सरकार द्वारा की गई घोषणा के अनुसार, सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में कोरोनावायरस (COVID-19) से लड़ने वाले स्वास्थ्य कर्मियों के लिये बीमा योजना शुरू की जाएगी। 
    • इस बीमा योजना के तहत सफाई कर्मचारी, वार्ड-ब्‍वॉय, नर्स, आशा कार्यकर्त्ता, सहायक स्‍वास्‍थ्‍य कर्मी, टेक्निशियन, डॉक्टर और विशेषज्ञ एवं अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता आदि सभी को शामिल किया जाएगा।
    • COVID-19 मरीज़ों का इलाज करते समय यदि किसी भी स्वास्थ्य कर्मी के साथ दुर्घटना होती है तो उसे योजना के तहत 50 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा।
    • सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों, वेलनेस सेंटरों और केंद्र के साथ-साथ राज्यों के अस्पतालों को भी इस योजना के तहत कवर किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि इस योजना के तहत महामारी से लड़ रहे लगभग 22 लाख स्वास्थ्य कर्मि‍यों को लाभ प्राप्त होगा।
  • पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना
    • इस मुख्य उद्देश्य भारत के गरीब परिवारों के लिये खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इस योजना के तहत भारत के लगभग 80 करोड़ व्यक्तियों (भारत की लगभग दो-तिहाई जनसंख्या) को शामिल किया जाएगा।
    • इनमें से प्रत्येक व्‍यक्ति को आगामी 3 महीनों के दौरान मौज़ूदा निर्धारित अनाज के मुकाबले दोगुना अन्‍न मुफ्त प्रदान किया जाएगा।
    • उपर्युक्त सभी व्यक्तियों को प्रोटीन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये आगामी 3 महीनों के दौरान क्षेत्रीय प्राथमिकताओं के अनुसार प्रत्‍येक परिवार को मुफ्त में 1 किलो दाल भी प्रदान की जाएगी।
  • प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना
    • किसानों को लाभ: सरकार की घोषणा के अनुसार, वर्ष 2020-21 में देय 2,000 रुपए की पहली किस्त अप्रैल 2020 में ही ‘पीएम किसान योजना’ के तहत खाते में डाल दी जाएगी। इसके तहत 7 करोड़ किसानों को कवर किया जाएगा।
    • गरीबों को लाभ: कुल 40 करोड़ रुपए प्रधानमंत्री जन धन योजना की महिला खाताधारकों को आगामी तीन महीनों के दौरान प्रति माह 500 रुपए की अनुग्रह राशि दी जाएगी।
    • गैस सिलेंडर: पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत आगामी 3 महीनों में 8 करोड़ गरीब परिवारों को गैस सिलेंडर मुफ्त में दिये जाएंगे।
    • वरिष्ठ नागरिकों, विधवाओं और दिव्यांगजनों के लिये: सरकार द्वारा की गई घोषणा के अनुसार, सरकार अगले 3 महीनों के दौरान भारत के लगभग 3 करोड़ वृद्ध, विधवाओं और दिव्यांग श्रेणी के लोगों को 1,000 रुपए प्रदान करेगी।
    • मनरेग : ‘पीएम गरीब कल्याण योजना’ के तहत 1 अप्रैल, 2020 से मनरेगा मज़दूरी में 20 रुपए की बढ़ोतरी की जाएगी। मनरेगा के तहत मज़दूरी बढ़ने से प्रत्‍येक श्रमिक को प्रतिवर्ष 2,000 रुपए का अतिरिक्त लाभ होगा। इसके तहत लगभग 62 करोड़ परिवार लाभान्वित होंगे।
    • स्वयं सहायता समूह (SHG): राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों के लिये जमानत (Collateral) मुक्त ऋण देने की सीमा 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 20 लाख रुपए की जाएगी।
  • अन्य संबंधित घोषणाएँ 
    • कर्मचारी भविष्य निधि नियमनों में संशोधन कर ‘महामारी’ को भी उन कारणों में शामिल किया जाएगा जिसे ध्‍यान में रखते हुए कर्मचारियों को अपने खातों से कुल राशि के 75 प्रतिशत का गैर-वापसी योग्य अग्रिम या तीन माह का पारिश्रमिक, इनमें से जो भी कम हो, प्राप्‍त करने की अनुमति दी जाएगी। EPF के तहत पंजीकृत चार करोड़ कामगारों के परिवार इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।
    • राज्य सरकारों को देश के भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिकों की सहायता के लिये ‘भवन एवं अन्य निर्माण कोष’ का उपयोग करने के लिये निर्देश दिये जाएंगे, ताकि वे इन श्रमिकों को आर्थिक मुश्किलों से बचाने के लिये आवश्‍यक सहायता और सहयोग प्रदान कर सकें। ‘भवन एवं अन्य निर्माण कोष’ केंद्र सरकार के अधिनियम के तहत बनाया गया है। ध्यातव्य है कि इस कोष में लगभग 3.5 करोड़ पंजीकृत श्रमिक हैं।

इन घोषणाओं का प्रभाव

  • विशेषज्ञों ने सरकार द्वारा की गई इस घोषणा को सहायता राशि से अधिक राहत प्रदान करने के लिये एक अभिनव तरीका करार दिया है।
  • सरकार द्वारा की गई घोषणा में देश के उन सभी वर्गों को शामिल किया गया है, जिन्हें इस चुनौतीपूर्ण स्थिति में सहायता की आवश्यकता है।
  • हालाँकि सरकार द्वारा घोषित इन योजनाओं के क्रियान्वयन स्तर पर ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है।

स्रोत: द हिंदू

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