इज़राइल-भूटान संबंध | 15 Dec 2020
चर्चा में क्यों?
हाल ही में इज़राइल ने भूटान के साथ राजनयिक संबंध स्थापित किये हैं।
- दोनों देशों के बीच संबंधों में यह प्रगति संयुक्त राज्य अमेरिका के नेतृत्त्व में इज़राइल और मोरक्को द्वारा आपसी संबंध सामान्य करने की सहमति के दो दिन बाद सामने आई है।
- संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन (अब्राहम समझौता) और सूडान के बाद मोरक्को चौथा अरब देश है, जिसने पिछले चार महीनों में इज़राइल के साथ शत्रुता को समाप्त कर शांति के लिये कदम बढ़ाया है।
प्रमुख बिंदु
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि:
- इज़राइल ने वर्ष 1982 से भूटान के मानव संसाधन विकास का समर्थन किया है विशेष रूप से कृषि विकास के क्षेत्र में जिसके चलते भूटान के सैकड़ों युवा लाभान्वित हुए हैं।
- औपचारिक संबंधों की कमी के बावजूद दोनों देशों ने सौहार्दपूर्ण संबंधों को कायम रखा।
- इज़राइल ने वर्ष 2010 में भूटान में एक अल्पकालिक अनिवासी राजदूत की नियुक्ति की थी।
- इज़राइल की एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट कोऑपरेशन MASHAV ने वर्ष 2013 से अब तक भूटान के सैकड़ों युवाओं को प्रशिक्षित किया है।
नवीनतम विकास:
- दोनों देशों ने एक औपचारिक राजनयिक संबंध स्थापित किया है और विभिन्न क्षेत्रों में साथ मिलकर काम करने पर सहमति व्यक्त की है।
- यद्यपि दोनों पक्ष थिम्पू (भूटान की राजधानी) और तेल अवीव (इज़राइल की राजधानी) में अपने दूतावास स्थापित नहीं करेंगे तथापि दिल्ली स्थित अपने मिशनों के माध्यम से एक-दूसरे के साथ समन्वय स्थापित करेंगे।
महत्त्व:
- राजनयिक संबंधों की स्थापना से जल प्रबंधन, प्रौद्योगिकी, मानव संसाधन विकास, कृषि विज्ञान तथा आपसी हित के अन्य क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच सहयोग हेतु नए मार्ग प्रशस्त होंगे।
- उदाहरण के लिये भूटान पर्यटन के लिये बाहरी लोगों की संख्या को सीमित करता है लेकिन अब इज़राइल के पर्यटकों के लिये इसके मार्ग खुले रहेंगे।
- सांस्कृतिक आदान-प्रदान तथा पर्यटन के माध्यम से दोनों देशों के बीच संबंधों को और अधिक मज़बूती प्रदान की जा सकेगी।
भूटान के विदेश संबंध:
- भारत की भूमिका: भूटान के अब तक के विदेशी संबंधों का आधार अधिकांशतः भारत का मार्गदर्शन रहा है। उल्लेखनीय है कि भारत तथा भूटान के बीच आधिकारिक राजनयिक संबंधों की स्थापना वर्ष 1949 में हुई थी।
- भारत और भूटान के बीच द्विपक्षीय संबंधों की स्थापना वर्ष 1949 की भारत-भूटान मैत्री संधि पर आधारित है।
- संधि के अनुच्छेद 2 ने भूटान की विदेश नीति का मार्गदर्शन करने में भारत को एक महत्त्वपूर्ण भूमिका प्रदान की थी। इसलिये वर्ष 2007 में इस संधि में कुछ परिवर्तन किये गए थे। नई संधि के अनुसार, भूटान तब तक हथियारों का आयात कर सकता है जब तक कि इससे भारतीय हितों को क्षति न पहुँचे और सरकार अथवा व्यक्तियों द्वारा इन हथियारों का पुनः निर्यात न किया जाए।
- वर्ष 1971 में यह संयुक्त राष्ट्र (UN) का सदस्य बना।
- हालाँकि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पाँच स्थायी सदस्यों में से किसी के साथ भी इसके राजनयिक संबंध नहीं हैं।
- वर्ष 2007 तक भूटान के औपचारिक संबंध केवल विश्व के 22 देशों के साथ थे लेकिन वर्ष 2008 के चुनावों के बाद भूटान की सरकार ने पाँच वर्षों में 31 देशों के साथ समझौतों पर हस्ताक्षर कर अपने राजनयिक संबंधों में तेज़ी से वृद्धि की।
- वर्तमान में लगभग 53 देशों और यूरोपीय संघ के साथ भूटान के राजनयिक संबंध हैं।
- हाल ही में भूटान ने जर्मनी के साथ भी राजनयिक संबंध स्थापित किये हैं।