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भारतीय अर्थव्यवस्था

IRDAI (ट्रेड क्रेडिट इंश्योरेंस) दिशा-निर्देश, 2021

  • 14 Sep 2021
  • 4 min read

प्रिलिम्स के लिये:

फैक्टरिंग विनियमन, ट्रेड क्रेडिट इंश्योरेंस, एमएसएमई

मेन्स के लिये:

ट्रेड क्रेडिट इंश्योरेंस का कवरेज एवं लाभ

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने व्यापार ऋण बीमा (Trade Credit Insurance) के लिये संशोधित दिशा-निर्देश जारी किये हैं।

प्रमुख बिंदु

  • व्यापार ऋण बीमा :
    • परिचय:
      • व्यापार ऋण बीमा व्यवसायों को वस्तुओं और सेवाओं के गैर-भुगतान के जोखिम से बचाता है।
      • यह आमतौर पर खरीदारों के एक पोर्टफोलियो को कवर करता है तथा एक चालान या कई चालानों के सहमति प्रतिशत की क्षतिपूर्ति करता है जिसे लंबे समय तक डिफाॅल्ट या दिवाला/दिवालियापन के परिणामस्वरूप धन संशाधित नहीं किया गया हो।
      • यह व्यापार को सुविधाजनक बनाकर किसी देश के आर्थिक विकास में योगदान देता है और भुगतान जोखिमों के कारण होने वाले व्यापार घाटे का समाधान कर आर्थिक स्थिरता में सुधार लाने में मदद करता है।
    • कवरेज:
      • यह वस्तुओं और सेवाओं के विक्रेताओं या आपूर्तिकर्त्ताओं, फैक्टरिंग कंपनियों (फैक्टरिंग विनियमन अधिनियम, 2011में परिभाषित) एवं बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों को जारी किया जा सकता है।
      • बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों और फैक्टरिंग कंपनियों को खरीदार से भुगतान प्राप्त न होने के कारण, वाणिज्यिक या राजनीतिक जोखिमों, खरीदे या भुनाए गए बिलों और चालानों के विरुद्ध होने वाले नुकसान को कवर करता है।
        • वाणिज्यिक जोखिमों में खरीदार की दिवाला या विस्तारित चूक, अनुबंध की शर्तों के अधीन डिलीवरी के बाद खरीदार द्वारा अस्वीकृति और शिपमेंट से पहले अस्वीकृति एवं संग्रहकर्त्ता बैंक की विफलता के कारण भुगतान की प्राप्ति न होना शामिल है।
        • राजनीतिक जोखिम कवर केवल भारत के बाहर के खरीदारों के मामले में उपलब्ध है और इसमें खरीदार के देश तथा भारत के बीच युद्ध की घटना एवं शत्रुता, गृहयुद्ध, विद्रोह, क्रांति, अशांति या खरीदार के देश में अन्य गड़बड़ी शामिल होगी।
    • प्रयोज्यता:
      • ये दिशा-निर्देश बीमा अधिनियम, 1938 के तहत पंजीकृत सामान्य बीमा कारोबार करने वाले सभी बीमाकर्ताओं पर लागू होंगे।
      • हालाँकि ECGC लिमिटेड (पूर्व में एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड) को इन दिशा-निर्देशों के आवेदन से छूट दी गई है।
  • उठाए गए कदम के लाभ:
    • यह सामान्य बीमा कंपनियों को देश में व्यवसायों के जोखिम का प्रबंधन करने, नए बाज़ारों तक पहुँच प्रदान करने और व्यापार वित्तपोषण पोर्टफोलियो से जुड़े गैर-भुगतान जोखिम के प्रबंधन में मदद करेगा।
    • यह सामान्य बीमा कंपनियों को इन उद्यमों की उभरती बीमा जोखिम ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) हेतु व्यवसायों को बेहतर बनाने के लिये अनुकूलित कवर के साथ व्यापार ऋण बीमा की पेशकश करने में सक्षम करेगा।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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