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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

ईरान-भारत व्यापार संबंधों में सुधार

  • 01 Apr 2019
  • 6 min read

चर्चा में क्यों?

अमेरिकी प्रतिबंधों के बीच ईरान भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार संबंधों में सुधार की संभावनाएँ तलाश रहा है जिसमें बैंकिंग चैनल का विस्तार भी शामिल है।

प्रमुख बिंदु

  • ईरान और भारत के बीच द्विपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ करने के लिये ईरान का सात सदस्यीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल भारत का दौरा कर रहा है।
  • भारत का दौरा कर रहे संसदीय प्रतिनिधिमंडल का कहना है कि दोनों पक्षों को सीमा शुल्क कम करने के लिये मुक्त व्यापार समझौतों पर हस्ताक्षर करने की आवश्यकता है ताकि द्विपक्षीय व्यापार में सुधार किया जा सके।
  • ईरान और भारत के बीच लगभग 10-13 बिलियन डॉलर का व्यापार होता है, जिसमें सुधार की प्रबल संभावना है।
  • ईरान की संसद ने दोहरे कर से बचने के लिये हाल ही में एक समझौते को मंज़ूरी दी है।
  • ईरान के साथ व्यापार संबंधों में केवल यूको बैंक ही संलग्न है जिसे और ज़्यादा विस्तार देने की आवश्यकता है।

अमेरिकी प्रतिबंध पर ईरान का रुख

क्या है न्यूक्लियर डील, 2015?

  • 2015 में बराक ओबामा प्रशासन के दौरान अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, चीन, फ्राँस और जर्मनी के साथ मिलकर ईरान ने परमाणु समझौता किया था।
  • इस डील को ज्वाइंट कॉम्प्रिहेंसिव प्लान ऑफ एक्शन (JCPOA) नाम दिया गया।
  • इस डील के अनुसार, ईरान को संबंधित यूरेनियम के भंडार में कमी लाते हुए अपने परमाणु संयंत्रों की निगरानी के लिये अनुमति प्रदान करनी थी।
  • इसके बदले ईरान पर आरोपित आर्थिक प्रतिबंधों में रियायत दी गई थी।

प्रतिबंध दोबारा क्यों लगे?

  • कुछ समय पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप इस समझौते से यह कहते हुए अलग हो गए कि ईरान चोरी-छिपे अपने परमाणु कार्यक्रम को अभी भी जारी रखे हुए है।
  • साथ ही उन्होंने ईरान पर तेल एवं बैंकिंग संबंधी प्रतिबंध पुन: आरोपित कर दिये।
  • हालाँकि इस डील के अन्य हस्ताक्षरकर्त्ता देश जैसे- जर्मनी, ब्रिटेन, फ्राँस, रूस और चीन अभी भी इस डील को जारी रखे हुए हैं।
  • वहीं, ईरान अभी भी इस डील से जुड़ा हुआ है क्योंकि यह डील कई अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों पर रोक लगाती है।
  • लेकिन यह तभी होगा जब तीन यूरोपियन शक्तियों सहित रूस और चीन अपने व्यापार-लाभों को संरक्षित रखने के लिये प्रतिबद्ध होंगे।

भारत-ईरान: हालिया संबंध

  • पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु ईरान ने भारत के लिये हाल ही में नत्थी (Stapled) वीज़ा और ई-वीज़ा की शुरुआत की है। ईरान ने भारत के लिये वीज़ा ऑन अराइवल की भी शुरुआत की है।
  • भारत ने मई 2016 में ईरान और अफगानिस्तान के साथ एक त्रिपक्षीय कनेक्टिविटी सौदे पर हस्ताक्षर किये जो उसे पाकिस्तान को बाईपास कर यूरोप तथा मध्य एशिया तक पहुँचने की अनुमति देता है।
  • इस कनेक्टिविटी समझौते का केंद्र चाबहार बंदरगाह है, जिसका प्रबंधन 18 महीने तक भारत को दिया गया था।
  • इसके माध्यम से भारत के लिये समुद्री सड़क मार्ग द्वारा अफगानिस्तान पहुँचने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा और इस स्थान तक पहुँचने के लिये पाकिस्तान के रास्ते की आवश्यकता भी नहीं होगी।
  • चाबहार बंदरगाह ईरान के अर्द्ध-रेगिस्तानी मकरान तट पर स्थित है, जो अफगानिस्तान के लिये समुद्र के सबसे छोटे मार्ग का प्रतिनिधित्त्व करता है।
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