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आंतरिक सुरक्षा

इनर लाइन परमिट और मेघालय

  • 02 Nov 2019
  • 6 min read

प्रीलिम्स के लिये:

इनर लाइन परमिट, राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर

मेन्स के लिये:

मेघालय में इनर लाइन परमिट जैसी व्यवस्था लागू करने से संबंधित मुद्दे

चर्चा में क्यों?

हाल ही में मेघालय मंत्रिमंडल ने ‘मेघालय निवासी संरक्षा और सुरक्षा अधिनियम’ 2016 [Meghalaya Residents Safety and Security Act (MRSSA) 2016] में संशोधन की मंजू़री दी है।

  • इस संशोधन का मुख्य उद्देश्य मेघालय के मूल निवासियों के हितों की रक्षा करना है।

मुख्य बिंदु :

  • मेघालय निवासी संरक्षा और सुरक्षा अधिनियम’ 2016 में संशोधन से मेघालय में प्रवेश करने वाले अनिवासी आगंतुकों को भी उसी प्रकार पंजीकरण करना होगा जिस प्रकार अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड एवं मिज़ोरम में लागू इनर लाइन प्रणाली (Inner Line Permit-ILP) के तहत पंजीकृत कराना होता है।
  • कोई भी व्यक्ति जो मेघालय का निवासी नहीं है और राज्य में 24 घंटे से अधिक समय के लिये रुकना चाहता है, उसे मेघालय सरकार के समक्ष सभी अनिवार्य दस्तावेज़ प्रस्तुत करने होंगे।
  • मेघालय के नागरिक समाज, राजनीतिक दलों के नेताओं तथा मुख्यमंत्री ने भी ILP जैसी व्यवस्था की मांग करते हुए इस बात पर चिंता व्यक्त की है कि असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (National Register of Citizens-NRC) से बाहर किये गए लोग मेघालय में प्रवेश करने की कोशिश कर सकते हैं।
  • मेघालय सरकार के अनुसार, उपर्युक्त अधिनियम में हुए संशोधनों को जल्द ही अध्यादेश के माध्यम से प्रभाव में लाया जाएगा तथा अगले विधानसभा सत्र में उन्हें अधिनियमित किया जाएगा। इन संशोधनों को सरकार द्वारा राजनीतिक दलों, हितधारकों तथा विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों से सलाह करके मंजू़री दी गई है।
  • मेघालय सरकार के अनुसार, मूल अधिनियम किरायेदारों के पंजीकरण और प्रलेखीकरण पर केंद्रित था परंतु अब इस अधिनियम में अनिवासी आगंतुकों और किरायेदारों को कवर करने के लिये नियमों में विस्तार किया जा सकेगा।
  • मेघालय सरकार जल्द ही एक अधिसूचना जारी करेगी जिसमें आगंतुकों द्वारा जमा किये जाने वाले प्रपत्रों की सूची जारी की जाएगी तथा इस प्रक्रिया को छोटा और सरल बनाया जाएगा।
  • संशोधन के अनुसार, जो भी व्यक्ति अनिवार्य दस्तावेज़ प्रस्तुत करने में विफल रहता है या फिर झूठे दस्तावेज़ प्रस्तुत करता है तो उसे भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं के तहत दंडित किया जा सकेगा।

मेघालय निवासी संरक्षा और सुरक्षा अधिनियम, 2016

[Meghalaya Residents Safety and Security Act (MRSSA)], 2016

  • वर्ष 2016 में पारित इस अधिनियम का उद्देश्य किरायेदारों की सुरक्षा के साथ-साथ राज्य के नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
  • यह राज्य में किराये के मकानों में रहने वाले लोगों के सत्यापन और विनियमन को अनिवार्य बनाता है।
  • इस अधिनियम में नागरिकों की संरक्षा और सुरक्षा के लिये निर्मित विभिन्न कानूनों के प्रभावी प्रवर्तन के लिये ज़िला टास्क फोर्स और सुविधा केंद्रों की स्थापना का भी प्रावधान किया गया है।

इनर लाइन परमिट

(Inner Line Permit-ILP):

  • ILP एक आधिकारिक यात्रा दस्तावेज़ है जिसे भारत सरकार द्वारा किसी भारतीय नागरिक को संरक्षित क्षेत्र में सीमित समय के लिये आंतरिक यात्रा की मंजू़री देने हेतु जारी किया जाता है।
  • आगंतुकों को इस संरक्षित क्षेत्र में संपत्ति खरीदने का अधिकार नहीं होता है।
  • अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड तथा मिज़ोरम राज्यों के मूल निवासियों की पहचान को बनाए रखने के लिये यहाँ बाहरी व्यक्तियों का ILP के बिना प्रवेश निषिद्ध है।
  • इस दस्तावेज़ को ‘बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर रेगुलेशन’ एक्ट, 1873 के तहत जारी किया जाता है।
  • इस दस्तावेज़ की सेवा-शर्तें और प्रतिबंध राज्यों की अलग-अलग आवश्यकताओं के अनुसार लागू किये गए हैं।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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