भूगोल
हरिकेन पर विंड शीयर का प्रभाव
- 25 May 2024
- 11 min read
प्रिलिम्स के लिये:विंड शियर, हरिकेन, जेट स्ट्रीम, तापमान व्युत्क्रमण, डॉप्लर रडार, लिडार, अल नीनो और ला लीना। मेन्स के लिये:वर्षा और मौसम के पैटर्न को प्रभावित करने वाली महत्त्वपूर्ण भूभौतिकीय घटनाएँ। |
स्रोत: डाउन टू अर्थ
चर्चा में क्यों?
हाल ही में विंड शीयर की अवधारणा ने यह निर्धारित करने में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका के कारण ध्यान आकर्षित किया है कि क्या तूफान एक विनाशकारी हरिकेन में बदल जाता है।
विंड शीयर क्या है?
- परिचय: विंड शीयर एक मौसम संबंधी घटना है जो अपेक्षाकृत कम दूरी पर हवा की गति और/या हवा की दिशा में अचानक बदलाव को संदर्भित करती है।
- प्रकार: यह मुख्यतः 2 प्रकार का होता है:
- वर्टिकल विंड शीयर: यह तब होता है जब ऊँचाई बढ़ने के साथ हवा की गति और/या दिशा तेज़ी से बदलती है।
- सामान्य उदाहरणों में निम्न-स्तरीय जेट स्ट्रीम और थंडरस्टॉर्म साथ जुड़े विंड शीयर शामिल हैं।
- हॉरिज़ान्टल विंड शीयर: यह तब होता है जब हॉरिज़ान्टल स्थिति में हवा की गति और/या दिशा तेज़ी से परिवर्तित होती है।
- इस मामले में हो सकता है कि हवा एक स्थान पर पश्चिम से चल रही हो, लेकिन फिर अचानक थोड़ा आगे उत्तर से बहने लगती है।
- सामान्य उदाहरणों में फ्रंटल सिस्टम और समुद्री हवाएँ शामिल हैं।
- वर्टिकल विंड शीयर: यह तब होता है जब ऊँचाई बढ़ने के साथ हवा की गति और/या दिशा तेज़ी से बदलती है।
- प्रमुख कारण:
- तापमान व्युत्क्रमण: रात्रि के दौरान, ज़मीन के निकट वाली गर्म हवाएँ और ऊपर की ठंडी हवाएँ आपस में मिलकर एक विंड शीयर का निर्माण करती हैं, जिससे शक्तिशाली ऊर्ध्वाधर/वर्टिकल हवा का झोंका बनता है, जो विमान के उड़ान भरने और उतरने के लिये खतरा उत्पन्न कर सकता है।
- थंडरस्टॉर्म: इसके भीतर शक्तिशाली अपड्राफ्ट व डाउनड्राफ्ट क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर दोनों प्रकार के विंड शीयर का कारण बनते हैं, जिससे उनके पास उड़ान भरना खतरनाक हो जाता है।
- फ्रंटल सिस्टम: गर्म व ठंडी हवा के द्रव्यमान के बीच की सीमाएँ हवा की गति और दिशा में तेज़ी से बदलाव करती हैं, जिसके परिणामस्वरूप क्षैतिज विंड शीयर होती है जो विमान नेविगेशन को चुनौती दे सकती है।
- पता लगाने के तरीके:
- लो-लेवल विंड शियर अलर्ट सिस्टम (LLWAS): ग्राउंड-आधारित टावरों का यह नेटवर्क एक हवाई अड्डे के आसपास कई बिंदुओं पर हवा की गति और दिशा को मापने के लिये एनीमोमीटर (हवा की गति सेंसर) तथा हवा की दिशा निर्धारित करने के लिये सेंसर का उपयोग करता है।
- डॉप्लर रडार: ज़मीन पर ये रडार विंड शीयर क्षेत्रों का पता लगाने के लिये हवा की गति और दिशा को ट्रैक करते हैं।
- लिडार: LiDAR या लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग एक लोकप्रिय रिमोट सेंसिंग विधि है जिसका उपयोग पृथ्वी की सतह पर किसी वस्तु की सटीक दूरी को मापने के लिये किया जाता है। जब इन प्रकाश स्पंदों को हवाई प्रणाली द्वारा एकत्र किये गए डेटा के साथ जोड़ा जाता है, तो वे पृथ्वी की सतह और लक्षित वस्तु के बारे में सटीक 3D जानकारी प्रदान करते हैं।
तूफानों पर विंड शीयर का क्या प्रभाव पड़ता है?
- तूफान के बारे में: तूफान या उष्णकटिबंधीय चक्रवात खतरनाक तूफान हैं जो उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में महासागरों के ऊपर उत्पन्न होते हैं तथा तटीय क्षेत्रों की ओर बढ़ते हैं और तीव्र पवनें अत्यधिक वर्षा एवं तूफानी लहरों के कारण बड़े पैमाने पर विनाश करते हैं।
- इसका गठन और प्रारंभिक विकास मुख्य रूप से समुद्र की सतह से वाष्पीकरण द्वारा उष्ण महासागर से ऊपरी पवन में जलवाष्प व गर्मी के स्थानांतरण पर निर्भर करता है।
- विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में इन्हें कई नाम दिये गए हैं जैसे:
- तूफानों पर विंड शीयर का प्रभाव:
- तूफान न्यूनतम वर्टीकल विंड शीयर वाले वातावरण में बनते हैं, क्योंकि यह इन्हें एक सममित संरचना के साथ-साथ कुशलता से घूर्णन की अनुमति देता है।
- मज़बूत वर्टीकल विंड शीयर तूफान की ऊर्ध्वाधर (वर्टिकल) संरचना को बाधित कर सकता है, जिससे तूफान का ऊपरी भाग नीचे से विस्थापित हो सकता है।
- इससे पवन परिसंचरण, ऊष्मा संचरण (Heat Transport) और नमी की आपूर्ति प्रभावित हो जाती है, जिससे तूफान को बढ़ावा मिलता है।
- अत्यधिक वर्टीकल विंड शीयर संभावित रूप से तूफान को नष्ट कर सकती है।
- तूफान की तीव्रता को प्रभावित करने वाले अन्य कारक:
- अन्य कारक, जैसे समुद्र की सतह का तापमान, वायुमंडलीय नमी की मात्रा और दबाव प्रणाली भी तूफान के उद्भव और विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- जबकि वर्टीकल विंड शीयर एक महत्त्वपूर्ण कारक है, यह तूफान की तीव्रता का एकमात्र निर्धारक नहीं है।
- कुछ मामलों में असाधारण रूप से समुद्र की गर्म सतह का तापमान बढ़े हुए विंड शीयर के प्रभाव को दूर कर सकता है, जैसा कि वर्ष 2023 के तूफान के मौसम के दौरान देखा गया था।
- अन्य कारक, जैसे समुद्र की सतह का तापमान, वायुमंडलीय नमी की मात्रा और दबाव प्रणाली भी तूफान के उद्भव और विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
विंड शीयर पर अल नीनो और ला नीना (El Nino and La Nina) का क्या प्रभाव होता है?
- विंड शीयर पर अल नीनो का प्रभाव: अल नीनो वर्षों के दौरान, सामान्य से अधिक शक्तिशाली वर्टीकल विंड शीयर आमतौर पर तूफान के मौसम में अटलांटिक महासागर के ऊपर देखी जाती हैं।
- अल नीनो घटनाओं की विशेषता पूर्वी प्रशांत महासागर में समुद्र की सतह का गर्म तापमान और पश्चिमी प्रशांत महासागर में कम तापमान है।
- इस प्रणाली के कारण अटलांटिक के ऊपर तीव्र वायु प्रवाहित होती हैं, परिणामस्वरूप वर्टीकल विंड शीयर (vertical wind shear) में वृद्धि होती है।
- अल नीनो (El Nino) वर्षों के दौरान विंड शीयर में वृद्धि तूफान के लिये अटलांटिक बेसिन में विकसित एवं तीव्र होने को अधिक चुनौतीपूर्ण बना सकती है।
- विंड शीयर पर ला नीना का प्रभाव: ला नीना प्रभाव, जो एल नीनो के विपरीत होता है, अटलांटिक में तूफान के विकास के लिये अधिक अनुकूल होता है।
- ला नीना वर्षों के दौरान, अटलांटिक में वर्टीकल विंड शीयर आमतौर पर क्षीण होती है, जिससे तूफान के मौसम के अधिक सक्रिय होने की संभावना होती है।
- ला-नीना के दौरान वर्ष 2020 में अटलांटिक में रिकॉर्ड स्तर पर तूफान देखा गया।
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UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. उष्णकटिबंधीय (ट्रॉपिकल) अक्षांशों में दक्षिणी अटलांटिक और दक्षिण-पूर्वी प्रशान्त क्षेत्रों में चक्रवात उत्पन्न नहीं होता। इसका क्या कारण है? (2015) (a) समुद्री पृष्ठों के ताप निम्न होते हैं उत्तर: (b) प्रश्न. निम्नलिखित में से किसके संदर्भ में, कुछ वैज्ञानिक पक्षाभ मेघ विरलन तकनीक तथा समतापमंडल में सल्फेट वायुविलय अंतःक्षेपण के उपयोग का सुझाव देते हैं? (2019) (a) कुछ क्षेत्रों में कृत्रिम वर्षा करवाने के लिये उत्तर: (d) प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2020)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं ? (a) केवल 1 उत्तर: (c) |