अरब सागर में अपहृत जहाज़ की भारतीय नौसेना ने की मदद | 20 Dec 2023

प्रिलिम्स के लिये:

भारतीय नौसेना, अरब सागर, समुद्री डाकू, अदन की खाड़ी, लाल सागर, संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून संधि (UNCLOS)

मेन्स के लिये:

समुद्री डकैती और व्यापार पर इसका प्रभाव, समुद्री डकैती का मुकाबला करने के लिये भारत की पहल और सहयोग

स्रोत: द हिंदू 

चर्चा में क्यों ?

हाल ही में एक समुद्री घटना में, माल्टाध्वज वाला जहाज़ एमवी रुएन अरब सागर में समुद्री लुटेरों का शिकार हो गया। रणनीतिक रूप से समुद्री डकैती की आशंका वाली अदन की खाड़ी में स्थित भारतीय नौसेना ने त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए अपहृत जहाज़ को रोक लिया और सोमाली तट की ओर उसके प्रक्षेप पथ की बारीकी से निगरानी की।

  • यूरोपीय संघ नौसेना बल (EUNAVFOR) ऑपरेशन अटलंटा, पश्चिमी हिंद महासागर में एक समुद्री सुरक्षा अभियान, समुद्री डकैती विरोधी प्रयास में शामिल हो गया।

समुद्री डकैती क्या है?

  • परिचय:
    • वर्ष 1982 के समुद्री कानून पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन (UNCLOS) के अनुच्छेद 101 में समुद्री डकैती के कृत्यों की रूपरेखा दी गई है।
      • इन कृत्यों में खुले समुद्र में या किसी राज्य के अधिकार क्षेत्र के बाहर निजी उद्देश्यों के लिये की गई हिंसा, हिरासत या लूटपाट शामिल है।
    • ये कृत्य व्यक्तिगत लाभ के इरादे से किये जाते हैं और इसमें किसी अन्य जहाज़, उसके माल को ज़ब्त करना या उसके यात्रियों या चालक दल का अपहरण शामिल हो सकता है।
    • यह एक गंभीर समुद्रीय अपराध माना जाता है जो अंतर्राष्ट्रीय विधि तथा सम्मेलनों के अधीन आता है।
  • अत्यधिक समुद्री डकैती वाले क्षेत्र:

ऐडन की खाड़ी के बारे में मुख्य तथ्य क्या हैं?

  • हिंद महासागर की एक शाखा- ऐडन की खाड़ी, अरब प्रायद्वीप के दक्षिणी तट पर यमन और अफ्रीका में सोमालिया के बीच स्थित है।
    • यह दक्षिण में सोमालिया और सोकोट्रा द्वीप समूह से, उत्तर में यमन से, पूर्व में अरब सागर से तथा पश्चिम में जिबूती से घिरा है।
  • खाड़ी - लगभग 900 किलोमीटर लंबी और 500 किलोमीटर चौड़ी, फारस की खाड़ी के तेल के परिवहन के लिये एक महत्त्वपूर्ण जलमार्ग है।
    • यह खाड़ी बाब अल मांडेब जलडमरूमध्य के माध्यम से लाल सागर को अरब सागर से जोड़ती है। यह यूरोप और सुदूर पूर्व के बीच एक आवश्यक तेल परिवहन मार्ग बनाता है।
  • इसका समुद्री जीवन मात्रा और विविधता से समृद्ध है। इसकी तटरेखा में बड़े पैमाने पर मछली पकड़ने की सुविधाओं का अभाव है, लेकिन यह कई मछली पकड़ने वाले शहरों के साथ-साथ प्रमुख बंदरगाहों अदन और जिबूती को भी सहारा देती है।
  • हाल के वर्षों में समुद्री डकैती, आतंकवाद और शरणार्थी तस्करी के कारण खाड़ी ने बहुत अधिक ध्यान आकर्षित किया है।