भारत-स्विट्ज़रलैंड संबंध | 09 Dec 2020
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने स्विट्ज़रलैंड के अपने समकक्ष के साथ एक वर्चुअल बैठक में हिस्सा लिया।
प्रमुख बिंदु:
व्यापार:
- इस बैठक के दौरान दोनों मंत्रियों ने ‘भारत-ईएफटीए (EFTA) व्यापार और आर्थिक भागीदारी समझौते’ (TEPA) की वार्ताओं को आगे बढ़ाने की इच्छा व्यक्त की।
- यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्ज़रलैंड का अंतर सरकारी संगठन है।
- ये देश यूरोपीय संघ या ईयू (EU) का हिस्सा नहीं हैं जिसके साथ भारत अलग से ‘भारत-ईयू व्यापक व्यापार और निवेश समझौते’ पर बातचीत कर रहा है।
- प्रस्तावित समझौते के तहत वस्तुओं और सेवाओं के साथ निवेश, व्यापार सुविधा, सीमा सहयोग, बौद्धिक संपदा की सुरक्षा तथा सार्वजनिक खरीद आदि को शामिल किया गया है।
- इस बैठक के दौरान ‘भारत-स्विट्ज़रलैंड द्विपक्षीय निवेश संधि’ (Bilateral Investment Treaty- BIT) पर भी चर्चा की गई, गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से इस संधि को लेकर दोनों देशों के बीच बातचीत चल रही है।
- द्विपक्षीय निवेश संधियाँ दो देशों के बीच निवेशकों द्वारा किये गए निवेश (एक दूसरे के देश में) की रक्षा के उद्देश्य से की गई कुछ संधियाँ हैं।
बहुपक्षीय मंच:
- बैठक के दौरान भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने विश्व व्यापार संगठन (WTO) में ‘ट्रिप्स’ (TRIPS) छूट के लिये भारत और दक्षिण अफ्रीका के संयुक्त प्रस्ताव पर स्विट्ज़रलैंड के समर्थन की मांग की।
- गौरतलब है कि COVID-19 महामारी को नियंत्रित करने हेतु टीकों और नई प्रौद्योगिकियों का समान साझाकरण सुनिश्चित करने के लिये दक्षिण अफ्रीका और भारत ने WTO से COVID-19 संबंधी बौद्धिक संपदा (IP) अधिकारों को निरस्त करने की मांग की है।
- बौद्धिक संपदा अधिकारों पर इस प्रकार का अस्थायी प्रतिबंध लगाने से कुछ ही पेटेंट धारकों द्वारा केंद्रीकृत उत्पादन की बजाय विश्व के कई हिस्सों में अनेक उत्पादक महत्त्वपूर्ण दवाओं और उपकरणों का उत्पादन कर सकेंगे।
भारत-स्विट्ज़रलैंड संबंध:
पृष्ठभूमि:
- भारत की स्वतंत्रता के बाद से ही भारत और स्विट्ज़रलैंड के संबंध बहुत ही मित्रवत और सौहार्दपूर्ण रहे हैं, जो लोकतंत्र और कानून के साझा मूल्यों पर आधारित हैं। दोनों देशों के बीच वर्ष 1948 में एक मित्रता संधि पर हस्ताक्षर किये गए।
आर्थिक संबंध:
- व्यापार: इक्ज़िम बैंक के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2018-19 में स्विट्ज़रलैंड, भारत का 11वाँ सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार रहा।
- निवेश:
- अप्रैल 2000 और सितंबर 2019 के बीच स्विट्ज़रलैंड ने भारत में लगभग 4.781 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश किया और इसके साथ ही वह भारत में 12वाँ सबसे बड़ा निवेशक बन गया है।
- गौरतलब है कि यह राशि अप्रैल 2000 और सितंबर 2019 के बीच भारत हुए कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का लगभग 1.07% थी।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी:
- वर्ष 2003 में स्विट्ज़रलैंड के राष्ट्रपति की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच तकनीकी और वैज्ञानिक सहयोग पर एक अंतर-सरकारी फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर किये गए, इसके तहत वर्ष 2005 में एक ‘भारत-स्विस संयुक्त अनुसंधान कार्यक्रम’ (ISJRP) की शुरुआत की गई थी।
कौशल विकास:
- भारत में उच्च मानक के कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों के संचालन के लिये दोनों देशों के कई संस्थानों ने साझेदारी की है। इनमें से कुछ प्रमुख हैं:
- भारतीय कौशल विकास परिसर और विश्वविद्यालय।
- इंडो-स्विस सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, पुणे।
- व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र, आंध्र प्रदेश