भारत का पहला सॉवरेन ग्रीन बॉण्ड फ्रेमवर्क | 10 Nov 2022
प्रिलिम्स के लिये:सॉवरेन ग्रीन बॉण्ड की विशेषताएँ, सॉवरेन ग्रीन बॉण्ड फ्रेमवर्क मेन्स के लिये:सॉवरेन ग्रीन बॉण्ड, बजट के तहत घोषणा, ग्रीन बॉण्ड की स्थिति |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री ने भारत के पहले सॉवरेन ग्रीन बॉण्ड फ्रेमवर्क को मंज़ूरी दी है।
- हरित परियोजनाओं के लिये संसाधन जुटाने हेतु सॉवरेन ग्रीन बॉण्ड जारी किये जाएंगे।
सॉवरेन ग्रीन बॉण्ड फ्रेमवर्क:
- यह फ्रेमवर्क ‘पंचामृत’ के तहत भारत की प्रतिबद्धताओं के नक्शेकदम पर मंज़ूरी दी गई है, जैसा कि नवंबर, 2021 में ग्लासगो में ‘COP26’ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्पष्ट किया गया था।
- इस मंजूरी से पेरिस समझौते के तहत अपनाए गए अपने राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDC) लक्ष्यों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता और भी अधिक मज़बूत होगी।
- सॉवरेन ग्रीन बॉण्ड जारी करने हेतु लिये गए महत्त्वपूर्ण निर्णयों का अनुमोदन करने के लिये हरित वित्त कार्यकारी समिति (GFWC) का गठन किया गया है।
- व्यापक विचार-विमर्श करने और गंभीरतापूर्वक गौर करने के बाद CICERO ने भारत के ग्रीन बॉण्ड की रूपरेखा को ‘गुड’ गवर्नेंस स्कोर के साथ ‘मीडियम ग्रीन’ की रेटिंग दी है।
- 'मीडियम ग्रीन' रेटिंग उन परियोजनाओं और समाधानों को दी जाती है जो दीर्घकालिक दृष्टि की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदमों का प्रतिनिधित्व करते हैंं।
- सभी जीवाश्म ईंधन से संबंधित परियोजनाओं को बायोमास आधारित नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के साथ ढाँचे से बाहर रखा गया है जो 'संरक्षित क्षेत्रों' से फीडस्टॉक पर निर्भर हैं।
सॉवरेन ग्रीन बॉण्ड:
- परिचय:
- ग्रीन बॉण्ड विभिन्न कंपनियों, देशों एवं बहुपक्षीय संगठनों द्वारा विशेष रूप से सकारात्मक पर्यावरणीय या जलवायु लाभ वाली परियोजनाओं को वित्तपोषित करने हेतु जारी किये जाते हैं और निवेशकों को निश्चित आय भुगतान प्रदान करते हैं।
- इन परियोजनाओं में नवीकरणीय ऊर्जा, स्वच्छ परिवहन एवं हरित भवन आदि शामिल हो सकते हैं।
- ग्रीन बॉण्ड के माध्यम से प्राप्त आय को हरित परियोजनाओं के लिये प्रयोग किया जाता है। यह अन्य मानक बॉण्डों के विपरीत है, जिसको आय जारीकर्त्ता के विवेक पर विभिन्न उद्देश्यों हेतु उपयोग किया जा सकता है।
- लंदन स्थित ‘क्लाइमेट बॉण्ड्स इनिशिएटिव’ के अनुसार, वर्ष 2020 के अंत तक 24 राष्ट्रीय सरकारों ने कुल मिलाकर 111 बिलियन डॉलर के संप्रभु ग्रीन, सोशल और सस्टेनेबिलिटी बॉण्ड जारी किये थे।
- सॉवरेन ग्रीन बॉण्ड के लाभ:
- सॉवरेन ग्रीन बॉण्ड जारी करना सरकारों और नियामकों को जलवायु कार्रवाई और सतत् विकास संबंधी मंशा का एक प्रबल संकेत भेजता है।
- अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (International Energy Agency-IEA) ने वर्ल्ड एनर्जी आउटलुक (WEO) रिपोर्ट, 2021 में अनुमान लगाया है कि शुद्ध-शून्य की प्राप्ति के लिये अतिरिक्त 4 ट्रिलियन डॉलर के व्यय में से 70% विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के लिये आवश्यक होगा। इस दृष्टिकोण से सॉवरेन बॉण्ड जारी किया जाना पूंजी के इन बड़े प्रवाहों को गति देने में सहायता कर सकता है।
- एक सॉवरेन ग्रीन बेंचमार्क के विकास से अंततः अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों से हरित बॉण्ड जुटाने के एक जीवंत पारितंत्र का निर्माण हो सकता है।
- स्थिति:
- वैश्विक स्थिति:
- पर्यावरण, सामाजिक और शासन (Environmental, Social and Governance- ESG) फंड या ईएसजी फंड लगभग 40 ट्रिलियन डॉलर का है, जिसमें यूरोप लगभग आधी हिस्सेदारी रखता है।
- अनुमान है कि वर्ष 2025 तक प्रबंधन के तहत कुल वैश्विक परिसंपत्ति का लगभग एक-तिहाई भाग ESG परिसंपत्ति का होगा।
- ईएसजी डेट फंड (ESG debt funds) की हिस्सेदारी लगभग 2 ट्रिलियन डॉलर है, जिसमें से 80% से अधिक ‘पर्यावरणीय’ या ग्रीन बॉण्ड हैं और शेष सामाजिक एवं संवहनीयता बॉण्ड (Social and Sustainability Bonds) हैं।
- राष्ट्रीय स्थिति:
- जलवायु कार्रवाई के लिये वैश्विक पूंजी जुटाने के क्षेत्र में कार्यरत एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन ‘क्लाइमेट बॉण्ड्स इनिशिएटिव’ के अनुसार, भारतीय संस्थानों ने 18 बिलियन डॉलर से अधिक के ग्रीन बॉण्ड जारी किये हैं।
- वैश्विक स्थिति:
बजट में घोषित जलवायु कार्रवाई पर अन्य उपाय क्या हैं?
- बजट में जलवायु कार्रवाई पर कई उपाय शामिल थे, जैसे:
- बैटरी स्वैपिंग नीति।
- उच्च दक्षता वाले सौर मॉड्यूल के निर्माण के लिये पीएलआई योजना के तहत अतिरिक्त आवंटन।
- सरकार एक नया विधेयक पेश कर रही है जिसका उद्देश्य भारत में कार्बन बाज़ार के लिये एक नियामक ढाँचा प्रदान करना है ताकि ऊर्जा मिश्रण में नवीकरणीय ऊर्जा के प्रवेश को प्रोत्साहित किया जा सके।
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्षों के प्रश्न (पीवाईक्यू)प्रश्न. भारत सरकार की बॉण्ड यील्ड निम्नलिखित में से किससे प्रभावित होती है? (2021)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (d) व्याख्या:
अतः विकल्प (d) सही है। प्रश्न. कभी-कभी समाचारों में दिखने वाले 'आइएफसी मसाला बॉण्ड (IFC Masals Bonds)' के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (c) व्याख्या:
अतः विकल्प (C) सही उत्तर है। |