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भारतीय अर्थव्यवस्था

भारत की पहली अपतटीय खनिज नीलामी

  • 27 Jul 2024
  • 11 min read

प्रिलिम्स के लिये:

महत्त्वपूर्ण खनिज, आत्मनिर्भर भारत, विशेष आर्थिक क्षेत्र, राष्ट्रीय महत्त्वपूर्ण खनिज मिशन, परमाणु ऊर्जा, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, भारतीय खान ब्यूरो

मेन्स के लिये:

महत्त्वपूर्ण खनिज, भारत के लिये महत्त्वपूर्ण खनिजों का महत्त्व, भारत में खनिज वितरण।

स्रोत: बिज़नेस लाइन

चर्चा में क्यों

भारत अपनी पहली अपतटीय खनिज नीलामी शुरू करने के लिये तैयार है, जो संसाधन प्रबंधन में एक महत्त्वपूर्ण कदम है। प्रस्तावित राष्ट्रीय महत्त्वपूर्ण खनिज मिशन (NCCM) के हिस्से के रूप में यह पहल महत्त्वपूर्ण खनिजों हेतु आपूर्ति शृंखला को बढ़ाने का लक्ष्य रखती है।

  • केंद्रीय खान मंत्री ने 10 ब्लॉकों की पहचान की घोषणा की, जो आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप खनिज संसाधनों में आत्मनिर्भरता की दिशा में राष्ट्र की खोज में एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है।

अपतटीय खनिज नीलामी से संबंधित प्रमुख विवरण क्या हैं?

  • चिह्नित खनिज ब्लॉक: भारत के अनन्य आर्थिक क्षेत्र (Exclusive Economic Zone- EEZ) में स्थित 10 ब्लॉकों की अन्वेषण रिपोर्ट समग्र लाइसेंस प्रदान करने के लिये नीलामी हेतु उपलब्ध हैं। इनमें से पॉली-मेटैलिक नोड्यूल और क्रस्ट के 7 ब्लॉक अंडमान सागर में स्थित हैं, जबकि लाइम-मड के 3 ब्लॉक गुजरात तट से दूर स्थित हैं।
  • खनिजों के प्रकार: वे खनिज ब्लॉक जिनमें कोबाल्ट और निकल जैसे महत्त्वपूर्ण खनिज होते हैं, जो स्वच्छ ऊर्जा उत्पन्न करने, भंडारित एवं संचारित करने तथा इस्पात निर्माण के लिये निम्न-कार्बन प्रौद्योगिकियों के निर्माण हेतु महत्त्वपूर्ण हैं।
  • नियामक ढाँचा: नीलामी अपतटीय क्षेत्र खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम (OAMDR), 2002 के तहत आयोजित की जाएगी।
    • खनिज संसाधन निर्धारण, अन्वेषण और वाणिज्यिक उत्पादन के लिये समग्र लाइसेंस जारी किये जाएंगे।

अपतटीय क्षेत्र खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 2002 

  • खान मंत्रालय OAMDR अधिनियम, 2002 का प्रशासन करता है, जो भारत के प्रादेशिक जल, महाद्वीपीय शेल्फ, अनन्य आर्थिक क्षेत्र और अन्य समुद्री क्षेत्रों में खनिज संसाधनों के विकास तथा विनियमन एवं उससे संबंधित या उसके प्रासंगिक मामलों के लिये प्रावधान करता है।
  • वर्ष 2023 में हाल ही में किये गए संशोधन में परिचालन अधिकारों के लिये पारदर्शी नीलामी प्रक्रिया शुरू करने, खनन प्रभावित व्यक्तियों हेतु एक ट्रस्ट स्थापित करने, अन्वेषण में वृद्धि करने और साथ ही आपदाओं के मामले में राहत प्रदान करने का प्रावधान किया गया है।
    • संशोधन के माध्यम से विवेकाधीन नवीकरण को हटा दिया गया, पचास वर्ष की मानक पट्टा अवधि स्थापित की गई, समग्र लाइसेंस की शुरुआत की गई, परिचालन अधिकारों के लिये क्षेत्र सीमा निर्धारित की गई, तथा समग्र लाइसेंस और उत्पादन पट्टे के आसान हस्तांतरण की सुविधा प्रदान की गई।

राष्ट्रीय महत्त्वपूर्ण खनिज मिशन क्या है?

  • आवश्यकता: इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों की बढ़ती मांग के कारण भारत महत्त्वपूर्ण खनिजों के आयात हेतु मुख्यतः चीन पर अत्यधिक निर्भर है।
  • आयात पर इस निर्भरता का नकारात्मक आर्थिक प्रभाव पड़ता है, जिससे चालू खाता घाटा बढ़ता है और घरेलू उत्पादन प्रभावित होता है।
  • आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 में महत्त्वपूर्ण खनिजों के लिये चीन पर भारत की निर्भरता के संबंध में रणनीतिक चिंताओं पर प्रकाश डाला गया है
  • उद्देश्य: ताँबा, लिथियम, निकल, कोबाल्ट और दुर्लभ मृदा तत्त्वों सहित महत्त्वपूर्ण खनिजों की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करना। ये खनिज लैपटॉप से ​​लेकर इलेक्ट्रिक कारों तक लगभग सभी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के लिये आवश्यक घटक हैं।
  • अनुप्रयोग:
  • इलेक्ट्रॉनिक्स: लैपटॉप, इलेक्ट्रिक कार और अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के निर्माण के लिये आवश्यक।
  • स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियाँ: पवन टर्बाइनों और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के लिये महत्त्वपूर्ण।
  • उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्र: परमाणु ऊर्जा, नवीकरणीय ऊर्जा, अंतरिक्ष, रक्षा, दूरसंचार और हाई-टेक इलेक्ट्रॉनिक्स।
  • NCCM को समर्थन देने के लिये विधायी और बजटीय उपाय:
  • खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक 2023: एंटीमनी, बेरिलियम, लिथियम और अन्य सहित 30 बहुमूल्य एवं महत्त्वपूर्ण खनिजों के लिये अन्वेषण लाइसेंस देने की अनुमति प्रदान करता है।
  • बजटीय सहायता:
  • केंद्रीय बजट 2024-2025 में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (Geological Survey of India- GSI), भारतीय खान ब्यूरो (Indian Bureau of Mines- IBM) और राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण ट्रस्ट (NMET) के लिये आवंटन में वृद्धि का प्रस्ताव किया गया।
    • भूविज्ञान डेटा और रणनीतिक योजना में सुधार के लिये GSI हेतु 1,300 करोड़ रुपए।
    • विनियामक दक्षता और पर्यावरण संरक्षण बढ़ाने के लिये IBM हेतु 135 करोड़ रुपए।
    • खनिज अन्वेषण में तेज़ी लाने और इस क्षेत्र में स्टार्टअप को समर्थन देने के लिये NMET हेतु 400 करोड़ रुपए का प्रावधान।
  • सीमा शुल्क में छूट: केंद्रीय बजट 2024-2025 में 25 महत्त्वपूर्ण खनिजों पर सीमा शुल्क को समाप्त करने और दो अन्य पर कटौती का प्रस्ताव किया गया है।
    • इस कदम का उद्देश्य इन खनिजों पर निर्भर उद्योगों की लागत को कम करना, प्रसंस्करण एवं शोधन में निवेश आकर्षित करना तथा डाउनस्ट्रीम उद्योगों के विकास को प्रोत्साहित करना है।
    • ब्लिस्टर कॉपर- जो इलेक्ट्रॉनिक्स एवं निर्माण उद्योगों के लिये महत्त्वपूर्ण है, पर शून्य आयात शुल्क से कॉपर रिफाइनरों के लिये आपूर्ति शृंखला स्थिर हो जाएगी।

अपतटीय खनिज नीलामी, किस प्रकार प्रस्तावित राष्ट्रीय महत्त्वपूर्ण खनिज मिशन के अनुरूप है?

  • क्षमता विस्तार: अपतटीय खनिज संसाधनों के दोहन से स्वच्छ ऊर्जा एवं इस्पात निर्माण जैसे क्षेत्रों में भारत की क्षमताओं में वृद्धि होगी।
  • आपूर्ति शृंखला दृष्टिकोण: प्रस्तावित NCCM द्वारा घरेलू उत्पादन से लेकर पुनर्चक्रण तक महत्त्वपूर्ण खनिजों की संपूर्ण आपूर्ति शृंखला का विनियमन होगा।
    • इससे देश वैश्विक भू-राजनीतिक अशांति के आलोक में आयात निर्भरता तथा आपूर्ति जोखिमों से भी सुरक्षित हो पाएगा।
  • अनुसंधान एवं विकास पर फोकस: इस मिशन के तहत महत्त्वपूर्ण खनिजों की मूल्य शृंखला में व्यापार एवं बाज़ार पहुँच, वैज्ञानिक अनुसंधान तथा प्रौद्योगिकी विकास पर ध्यान दिया जाएगा।
  • पुनर्चक्रण पहल को प्रोत्साहित करना: इस पहल का उद्देश्य भारतीय उद्योग क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण खनिजों की पुनर्चक्रण क्षमता को प्रोत्साहित करना है।

दृष्टि मेन्स प्रश्न:

प्रश्न. भारत के औद्योगिक एवं तकनीकी क्षेत्रों पर राष्ट्रीय महत्त्वपूर्ण खनिज मिशन (NCCM) के संभावित प्रभाव का मूल्यांकन कीजिये

 

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न   

प्रश्न. हाल में तत्त्वों के एक वर्ग, जिसे ‘दुलर्भ मृदा धातु’ कहते है की कम आपूर्ति पर चिंता जताई गई। क्यों? (2012)

  1. चीन, जो इन तत्त्वों का सबसे बड़ा उत्पादक है द्वारा इनके निर्यात पर कुछ प्रतिबंध लगा दिया गया है।
  2. चीन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और चिली को छोड़कर अन्य किसी भी देश में ये तत्त्व नहीं पाए जाते हैं।
  3. दुर्लभ मृदा धातु विभिन्न प्रकार के इलेक्ट्रॅानिक सामानों के निर्माण में आवश्यक हैं इसलिये इन तत्त्वों की माँग बढ़ती जा रही है।

उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (c)


मेन्स:

प्रश्न. गोंडवानालैंड के देशों में से एक होने के बावजूद भारत के खनन उद्योग अपने सकल घरेलू उत्पाद (जी.डी.पी.) में बहुत कम प्रतिशत का योगदान देते हैं। विवेचना कीजिये। (2021)

प्रश्न. प्रतिकूल पर्यावरणीय प्रभाव के बावजूद कोयला खनन विकास के लिये अभी भी अपरिहार्य है"। विवेचना कीजिये। (2017)

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