भारत-रोमानिया रक्षा समझौता | 03 Apr 2023
प्रिलिम्स के लिये:हिंद-प्रशांत, EU, नाटो, MFN, जलवायु परिवर्तन, INSTC। मेन्स के लिये:भारत-रोमानिया रक्षा समझौता। |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत और रोमानिया ने रक्षा सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किये, जिसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग की स्थापना और उसका विस्तार करना है।
समझौते के बारे में:
- यह समझौता सैन्य उपकरणों के सह-विकास और सह-उत्पादन सहित पारस्परिक हित के विषयों पर विशेषज्ञता एवं ज्ञान के आदान-प्रदान के माध्यम से रक्षा क्षेत्र में भविष्य के सहयोग हेतु कानूनी ढाँचा प्रदान करेगा।
- यह समझौता दोनों देशों के बीच रक्षा के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देगा तथा रक्षा चिकित्सा, वैज्ञानिक अनुसंधान, साइबर सुरक्षा, प्रौद्योगिकी और अनुसंधान एवं विकास जैसे क्षेत्रों में भारी अवसर प्रदान करेगा।
समझौते का महत्त्व:
- हिंद-प्रशांत में सहयोग हेतु यूरोपीय संघ (EU) की रणनीति इस क्षेत्र में यूरोपीय संघ-भारत के बीच सहयोग को मज़बूत करने का एक अवसर है। रोमानिया इस रणनीतिक ढाँचे के भीतर हिंद-प्रशांत में सक्रिय भागीदारी के लिये प्रतिबद्ध है।
- मई 2021 में यूरोपीय संघ-भारत रणनीतिक साझेदारी रोडमैप और यूरोपीय संघ-भारत के नेताओं की बैठक की प्रतिबद्धताएँ भारत-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने तथा क्षेत्रीय सुरक्षा को बढ़ावा देने हेतु एक अच्छा आधार प्रदान करती हैं।
- द्विपक्षीय और बहुपक्षीय दोनों स्तरों पर वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने एवं नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने हेतु हिंद-प्रशांत भागीदारों के साथ संबंधों को मज़बूत करना महत्त्वपूर्ण है।
भारत-रोमानिया संबंध:
- राजनयिक संबंध:
- औपचारिक रूप से वर्ष 1948 में स्थापित भारत-रोमानिया द्विपक्षीय संबंधों में लगातार वृद्धि देखी गई है।
- दोनों देशों ने मैत्रीपूर्ण और सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखे, जिसकी परिणति वर्ष 2018 में राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगाँठ के रूप में हुई।
- रोमानिया में वर्ष 1989 की क्रांति के बाद से साम्यवादी सरकार को समाप्त कर दिया गया, तब से दोनों देशों ने व्यापार और निवेश में लगातार वृद्धि की है।
- भारत और रोमानिया ने संयुक्त राष्ट्र में बहुपक्षीय स्तर पर एक-दूसरे को समर्थन दिया है।
- व्यापार और निवेश:
- रोमानिया ने अतीत में भारत में पेट्रोलियम, पेट्रोकेमिकल्स, विद्युत और धातुकर्म उद्योग संबंधी परियोजनाओं में सहयोग किया है। रोमानिया असम और बिहार में तेल रिफाइनरी परियोजनाओं में सहभागी रहा।
- रोमानिया ने सिंगरेनी में ताप विद्युत संयंत्र, मैंगलोर पेलेट प्लांट, दुर्गापुर स्टील प्लांट और हैदराबाद ट्रैक्टर प्लांट हेतु अपनी तकनीकी जानकारी भी साझा की।
- व्यापार और आर्थिक सहयोग समझौते पर वर्ष 1993 में एक-दूसरे को पारस्परिक रूप से सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र (Most Favored Nation- MFN) का दर्जा देने पर हस्ताक्षर किये गए थे।
- वर्ष 2013 से दोनों देशों के बीच लगभग 600-800 मिलियन अमेरिकी डॉलर का व्यापार हुआ है, संभावना है कि यह आँकड़ा जल्द ही एक अरब हो जाएगा।
- हरित ऊर्जा:
- रोमानिया अपने कार्बन ब्लूप्रिंट को कम करने की दिशा में प्रयासरत है और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिये यूरोपीय संघ के महत्त्वाकांक्षी नए लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु प्रतिबद्ध है।
- रोमानिया, भारत के साथ मिलकर निश्चित रूप से इस प्रमुख क्षेत्र में सहयोग कर सकता है।
- दोनों देश कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिये एक साथ काम कर सकते हैं और सौर ऊर्जा जैसे ऊर्जा के स्थायी स्रोतों के दोहन पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।
- रोमानिया शीघ्र ही अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन का सदस्य बनने की योजना बना रहा है, इस दिशा में सकारात्मक कदम पहले ही उठाए जा चुके हैं।
- कनेक्टिविटी:
- रोमानियाई इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियाँ पूरे यूरोप और भारत में कनेक्टिविटी का विस्तार करने के लिये भारतीय भागीदारों के साथ काम कर सकती हैं।
- इंटरनेशनल नॉर्थ-साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर (INSTC) के माध्यम से भारत एक मल्टीमोड नेटवर्क बनाने के लिये प्रतिबद्ध है जो भारत को ईरान, अज़रबैजान, अफगानिस्तान, रूस, मध्य एशिया और यूरोप से जोड़ता है।
- इससे उत्तर-दक्षिण में माल ढुलाई में सुधार होगा।
- रोमानियाई सरकार ने ट्रांस-यूरोपीय परिवहन नेटवर्क का विस्तार भी किया है।
- इन बड़े पैमाने की कनेक्टिविटी पहलों में बैठकों और सहयोग के कई अवसर प्राप्त होंगे।
आगे की राह
- अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर कई चुनौतियाँ हैं जैसे- आपूर्ति शृंखला व्यवधान, युद्ध एवं संघर्ष तथा जलवायु परिवर्तन आदि।
- रोमानिया, नाटो (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) एवं यूरोपीय संघ के सदस्य तथा भारत, विश्व की पाँचवी अर्थव्यवस्था और संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में सबसे बड़े सैनिक योगदानकर्त्ता,, इन चुनौतियों पर काबू पाने में रचनात्मक भूमिका निभा सकते हैं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सा देश मोल्दोवा के साथ सीमा साझा करता है? (2008)
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